100 रुपये प्रति किलो हरी मिर्च

हरी मिर्च खाने में तीखी तो लगती है लेकिन खाने में लज्जत यही बढ़ाती भी है। ये न हो तो खाने में स्वाद ही नहीं समझ में आता है। चटनी का वजूद तो बस इसी हरी मिर्च की वजह से है। आजकल आप महसूस कर रहे होंगे कि भोजन में पहले जैसा स्वाद नहीं लग रहा है। पता लगाने की कोशिश कि ऐसा क्यों? ऐसा इसलिए कि हरी मिर्च बहुत महंगी हो गयी है। मार्केट में 100 रुपये किलो बिक रही है। सब्जी के साथ घलुआ में मिलने वाली मिर्च को काफी ज्यादा पैसे देकर खरीदना पड़ रहा है।

आवक है काफी कम

हरी मिर्च काफी महंगी हो गयी है। एक एक मिर्च कीमती हो गया है। 50 ग्राम मिर्च पांच रुपये में मिल रही है। 100 ग्राम 10 रुपये की। मिर्च इस वक्त किसी भी अन्य सब्जी से महंगी है। 250 ग्राम नेनुआ व लौकी सिर्फ पांच रुपये में। इतना ही टमाटर छह रुपये में। 250 ग्राम आलू चार रुपये में ही मिल जा रही है। लेकिन 250 ग्राम मिर्च 25 रुपये में मिल रही है। अदरक भी 60 रुपये किलो तक मिल रही है। ऐसे में चटनी बनाने पर तो संकट ही आ गया है। पहडिय़ा मंडी के थोक सब्जी विक्रेता राजू सोनकर ने बताया कि हरी मिर्च औराई, राजा तालाब और जौनपुर से आती है। इस वक्त आवक काफी कम है इसलिए बहुत महंगी है।

 

इनका अपना रोना

ब्रह्मनाल की छाया प्रजापति कहती हैं कि हर सब्जी में मिर्च डालते ही हैं। लेकिन आजकल बहुत महंगी हो गयी है। सब्जियों से ज्यादा तो मिर्च का दाम ही पड़ रहा है। इसे खरीदने में सब्जी का बजट गड़बड़ा जा रहा है। चौक की नीतू यादव ने कहा कि हर मिर्च काफी महंगी हो गयी है। इसके बिना किसी चीज में स्वाद ही नहीं आता है। अब सब्जियों में कुछ कटौती करके मिर्च खरीदना पड़ रहा है। सब्जी विक्रेता तारा चंद्र सोनकर कहते हैं कि एक हफ्ते से हरी मिर्च के दाम बढ़े हैं। पहले ये 40 से 50 रुपये किलो थी। लोग सब्जी के साथ यंू ही मिर्च देने को कहते हैं। इतनी महंगी है कि बिना पैसे के देना सम्भव नहीं है।