-राइट्स बनाएगी डीपीआर, सेंट्रल गवर्नमेंट के बजट न देने पर डीपीआर के लिए 50 परसेंट धनराशि देगी केडीए

KANPUR: कानपुर में भी मेट्रो रेल दौड़ने का सपना साकार होता नजर आ रहा है। ट्यूजडे को चीफ मिनिस्टर अखिलेश यादव की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की मीटिंग में मेट्रो रेल की फिजिबिलिटी/ डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट बनाने को हरी झंडी दे दी गई है। टेंडर की बजाए सीधे केन्द्र सरकार की राइट्स संस्था से डीपीआर बनाने की परमीशन दे दी गई है। मेट्रो रेल नीति के नीति डीपीआर के लिए केन्द्र सरकार के भ्0 परसेंट धनराशि न देने पर ये खर्च केडीए वहन करेगा। ये डिसीजन भी कैबिनेट में ले लिया गया है।

डीपीआर के लिए फ् करोड़

सिटी में मेट्रो रेल चलाए जाने का प्रोजेक्ट केडीए ने फाइनेंशियल ख्007-08 में दिल्ली की आईएलएफएस कम्पनी के जरिए तैयार कराया था। जिसमें एक ओर जीटी रोड के पैरलल आईआईटी से अहिरवां एयरपोर्ट और दूसरी ओर भौंती से जरीबचौकी होते हुए सेंट्रल स्टेशन तक का रूट रखा गया। जिसमें टोटल रूट की दूरी ख्म् किलोमीटर बताई जा रही थी। पर शासन को ये प्रोजेक्ट भेजे जाने के बाद वहीं आवास विभाग में धूल खाने लगा। इसी साल 7 जुलाई को शासन ने मेट्रो रेल के लिए डीपीआर तैयार करने के निर्देश दिए। जिससे एक बार फिर कानपुराइट्स में मेट्रो रेल का सपना हकीकत में बदलने की आस जगी। एक महीने बाद ही केडीए ने ट‌र्म्स ऑफ रिफरेन्स तैयार कराकर लेटर सेंट्रल अरबन मिनिस्टर के सेक्रेटरी को भेजा।

केडीए ने पहले ही भेजा लेटर

ट्यूजडे को कैबिनेट की मीटिंग में सेंट्रल गवर्नमेंट की राइट्स संस्था से मेट्रो रेल की डीपीआर तैयार कराने को हरी झंडी दी। पर इसके पहले ही केडीए की तरफ से केन्द्र सरकार को लेटर भेजा चुका है। हालांकि सेंट्रल गवर्नमेंट से इस संबंध में कोई जवाब नहीं मिला है। यही नहीं डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट में आने वाले खर्च को लेकर भी केडीए तैयार की जा चुकी है। डीपीआर के खर्च के लिए इन्फ्रास्ट्रक्चर फंड में फ् करोड़ का प्राविधान भी किया जा चुका है। केडीए ऑफिसर्स का कहना है कि डीपीआर बनाने के लिए एजेंसी के लिए टेंडर किए जाने से काफी वक्त लग सकता है। केडीए के चीफ टाउन प्लानर स्वराज गांगुली ने बताया कि मेट्रो रेल का अभी रूट तय नहीं हुआ है। फिजिबिलिटी रिपोर्ट के जरिए ही तय होगा कि मेट्रो रेल किस रूट पर चलेगी।