शचींद्र बने लीडर
रिम्स की फिजां में बदलाव का कारवां लानेवाले रिम्स के एमबीबीएस के स्टूडेंट शचींद्र बने हैं। इनकी अगुवाई में रिम्स के 50 से ज्याद यूजी और पीजी स्टूडेंट्स ने रिम्स में पेड़ लगाने का अभियान छेड़ रखा है। ट्यूज्डे को रिम्स की ग्रीन वर्कर्स टीम ने 30 से ज्यादा पौधे रिम्स के हॉस्टल नंबर टू के बगीचे में लगाए। यहां नीम, ग्रोवी हरसिंगार और कनैल के पौधे लगाए गए। टीम का इरादा अब रिम्स की इमरजेंसी और अन्य खाली पड़ी जमीन में पौधे लगाने का है।

अवेयरनेस लाने की कोशिश
रिम्स के स्टूडेंट शचींद्र बताते हैं-फेसबुक पर छेड़ी गई रिम्स स्टूडेंट्स की मुहिम, जिसका नाम ग्रीन वर्कर्स है, पेड़-पौधों और हरियाली के प्रति लोगों को जागरूक करने का प्रयास है। इसमें मैंने एक वीडियो भी अपलोड किया है, जिसमें सारे नेचर लवर्स के लिए मेरा पैगाम है। ग्रीन वर्कर्स के जरिए हम लोगों को यह बताने की कोशिश कर रहे हैं कि हमारे बेहतर भविष्य के लिए प्रकृति से सामंजस्य करने की कितनी जरूरत है और एक-एक पेड़ लगाकर व बचाकर धरती को हम फिर से हरियाली लौटा सकते हैं। शचींद्र ने बताया कि फेसबुक पर ग्रीन वर्कर्स मुहिम शुरू करने का मकसद ये है कि आज का युवा अपना अधिकांश समय फेसबुक पर बिताता है। ऐसे में फेसबुक पर इसे चलाने से ज्यादा से ज्यादा युवाओं का सपोर्ट हमें मिलेगा।

और 400 पेड़ लगाएंगे
ग्रीन वर्कर्स कैंपेन से जुड़े और रिम्स के पीजी स्टूडेंट डॉ दीपक ने बताया कि अभियान के तहत हमने रिम्स में अब तक साढ़े सात सौ पौधे लगाएं हैं। हमारा इरादा और 400 पेड़ लगाने का है। रिम्स के हॉस्टल नंबर टू में पेड़ लगाने के बाद हम रिम्स इमरजेंसी की खाली जमीन में नीम के पेड़ लगाएंगे। हमारी टीम में यूजी के 2007 से लेकर 2012 बैच के लगभग 400 स्टूडेंट्स और पीजी के 10 स्टूडेंट्स जुड़े हुए हैं। टीम में शामिल और रिम्स के 2009 बैच के स्टूडेंट चंदन ने बताया कि इस साल हमने जितने भी आम खाए, सब की गुठलियां रखकर उसे हमने लगाने की योजना बनाई है। हम आज जो रोपेंगे, वही नेक्स्ट जेनरेशन के काम आएगा। हमारी आंखों में रिम्स को खूबसूरत और हरियाली से भरा देखने का सपना है। यही सपना हम हकीकत में बदलना चाहते हैं।