- शहर की आबोहवा के बिगड़ने की बड़ी वजह घटता फॉरेस्ट एरिया भी

- शहर के कुल क्षेत्रफल का 2 फीसदी भी नही रह गया है ग्रीन एरिया

- हर साल पौधारोपण का लक्ष्य बढ़ने के साथ घटती गई शहर में हरियाली

KANPUR: शहर में प्रदूषण के कारण बदतर हुए हालात के पीछे सिर्फ बढ़ते वाहन, फैक्ट्रियों से निकलता धुंआ, अंधाधुंध कंस्ट्रक्शन जैसी वजह ही जिम्मेदार नहीं है। शहर में ग्रीन एरिया का लगातार कम होना भी बढ़ते पॉल्यूशन की एक बड़ी वजह है। मौजूदा समय में ग्रीन एरिया शहर के कुल क्षेत्रफल के 2 फीसदी के बराबर भी नहीं है। पर्यावरण से जुड़े एक्सप‌र्ट्स के मुताबिक किसी शहर का ग्रीन एरिया उस शहर में पॉर्टिकुलेटेड मैटर व प्रदूषण के स्तर को नियंत्रित करता है, लेकिन मौजूदा समय में शहर में जू और सीएसए के अलावा कोई ऐसा ग्रीन एरिया नहीं है जो कि प्रदूषण को नियंत्रित सके।

पौधे लगाते रहे ग्रीन एरिया घटता गया

शहर में ग्रीन एरिया बढ़ाने के लिए हर साल मानसून के समय लाखों पौधे लगाने का लक्ष्य रखा जाता है। केडीए, नगर निगम, वन विभाग, जिला प्रशासन को अलग अलग लक्ष्य मिलते हैं। 2017 में यह लक्ष्य 50 लाख के करीब पौधो रोपने का था, लेकिन लक्ष्य सिर्फ कागजों पर पूरा होता है। जो पौधे लगाए भी जाते हैं उनकी देखरेख नहीं होने की वजह से वह खत्म हो जाते हैं। नजीता शहर का ग्रीन एरिया नहीं बढ़ता। मालूम हो कि साल 2015 से शहर का ग्रीन एरिया 1.85 फीसदी है।

शहर में फारेस्ट एरिया के फायदे-

- फारेस्ट एरिया वातावरण में पार्टिकुलेटेड मैटर को 25 परसेंट तक अब्जॉर्ब कर लेता है

- शहरी क्षेत्रों में इस तरह के छोटे छोटे फारेस्ट एरिया से बायोडायवर्सिटी बढ़ती है

- ग्रीन कवर ज्यादा होने से वातावरण की गर्माहट भी कम होती है

- ग्रीन कवर ज्यादा होने से अंडरग्राउंड वॉटर का स्तर बढ़ता है।

- सीओटू समेत कई गैसों के स्तर को नीचे लाने में भी मददगार होता है ग्रीन एरिया

- कानपुर के एलेन फारेस्ट जू में 80 फीसदी फारेस्ट एरिया है। जिसकी वजह से यहां के आसपास पार्टिकुलेटेड मैटर का स्तर काफी कम रहता है

------------------

कानपुर में फारेस्ट एरिया-

कुल भौगाेलिक क्षेत्र- 3013 वर्ग किम

वनक्षेत्र- 56 वर्ग किमी

खेती व ऊसर अयोग्य क्षेत्र- 154

अन्य उपयोग क्षेत्र-448

चारागाह व झाडि़यां युक्त भूमि- 68

2016-2017 में रोपित पौधे- 66.03 लाख

कानपुर मंडल में कुल वृक्षारोपण- 1735.85 हेक्टेयर

भौगोलिक क्षेत्रफल के अनुपात में वन क्षेत्र- 1.85 परसेंट

स्मार्टसिटी योजना के तहत ग्रीन कवर की लिमिट- 15 परसेंट

(सभी आंकड़े फारेस्ट रिसर्च इंस्टीटयूट के)

-------------------

वर्जन-

किसी भी शहर में ग्रीन एरिया के पर्यावरण को लेकर अपने फायदे होते हैं। जितना ज्यादा ग्रीन एरिया हेागा उतनी ही हवा स्वच्छ होगी। जू में 80 फीसदी फारेस्ट एरिया होने की वजह से पार्टिकुलेटेड मैटर का स्तर शहर के दूसरे हिस्सों से 30 फीसदी तक कम रहता है।

- दीपक कुमार, डायरेक्टर, एलन फारेस्ट जू