- होली में काट कर डाले गए पेड़ों का डेटा किया जाएगा कम्पाइल

- होलिका दहन के लिए आगराइट्स बड़े पैमाने पर काट डालते हैं पेड़ों को

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AGRA। लाख कोशिशें करने के बाद भी हरियाली पर आरी चलनी नहीं रुक रही है। होलिका दहन करने के लिए सैकड़ों पेड़ काट कर डाल दिए गए। ये आलम तब है जब हर साल की तरह इस साल भी फोरेस्ट डिपार्टमेंट की ओर से निगरानी के लिए टीम गठित कर दी गई थी। उसके बाद भी हरे पेड़ों को काटने से बचाया नहीं जा सका।

टीम करेगी गणना

फोरेस्ट डिपार्टमेंट के रेंजर राजेश कुमार कहते हैं कि हर साल की तरह इस साल भी काफी हरे पेड़ों को काटे जाने की खबरें मिल रही हैं। मंडे को होली खेलने के बाद फोरेस्ट डिपार्टमेंट की टीम इस काम में जुट जाएगी। छुट्टियां खत्म होने के कुछ दिनों के भीतर ही टीम मेम्बर्स अपने-अपने एरिया के काम को कंप्लीट कर लेंगे। इसके बाद ग्रीनरी के लॉस की सिचुएशन का आंकलन होने में काफी हद तक हेल्प मिल सकेगी।

ये है बड़ा लॉस

फोरेस्ट रेंजर राजेश बातते हैं कि होलिका में दहन के लिए बिलायती बबूल आदि से कोई असर नहीं पड़ता है। इनदिनों काफी झाडि़यां इधर-उधर उगी रहती है। अगर इनको भी होलिका के लिए यूज किया जाए तब भी होलिका दहन के लायक पर्याप्त सामग्री मिल सकती है। लेकिन, कुछ लोग जाने-अंजाने में नीम, शीशम, इमली, जामुन, देसी बबूल जैसे अच्छे पेड़ों को काटते हैं, इससे पर्यावरण का काफी नुकसान होता है।