Agency: यदि रिटायरमेंट के बाद की लाइफ भारत में बिताने का प्लान कर रहे हैं तो एकबार और सोच लें। ग्लोबल रिटायरमेंट इंडेक्स (जीआरआई) तो कम से कम ऐसा नहीं करने की सलाह दे रहा है। इंडेक्स के मुताबिक, भारत रिटायरमेंट के लिए दुनिया का सबसे खराब देश है। 43 देशों के इंडेक्स में इसकी रैंकिंग भी 43वीं है।

 

पिछले साल भी यही थी रैकिंग
फ्रेंच एसेट मैनेजमेंट कंपनी नैटिक्सस ग्लोबल की ओर से जारी जीआरआई 2017 के अनुसार, भारत बिक्स देशों में भी रिटायरमेंट के लिए सबसे खराब देश है। पिछले साल भी भारत की रैंकिंग यही थी। भारत को यह रैंकिंग 4 फैक्टर्स (सब-इडीसीज) के आधार पर मिली है। चौंकाने वाली बात यह है कि इन चारों मानकों पर भारत की रैंकिंग बॉटम फाइव में है।

 

स्विटजरलैंड, नार्वे और आइसलैंड टॉप पर
ग्लोबल रिटायरमेंट इंडेक्स में टॉप में स्विटजरलैंड, नार्वे और आइसलैंड रहे। यानी रिटायरमेंट के बाद की लाइफ जीने के लिए बेस्ट देश है। इंडेक्स में 43 देशों की रैंकिंग होती है। इसमें इंटरनेशनल मॉनिटरी फंड (आईएमएफ) एडवांस्ड इकोनॉमिक्स, ओईसीडी के मेम्बर्स और ब्रिक्स देश (ब्राजील, रूस, भारत और चीन) शामिल हैं।

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चारों मानकों पर इंडिया की रैंकिंग

1। मैटीरियल वेलबीइंग (41वीं रैंक) - रिटायरमेंट के बाद आराम से रहना

2। हेल्थ (43वीं रैंक)- बेहतर हेल्थ सर्विसेज

3। फाइनेंसेस (39वीं रैंक)-  सेविंग वैल्यू बचाने और अधिक इनकम सुनिश्चित करना

4। क्वालिटी ऑफ लाइफ (43वीं रैंक)-  क्लीन और सेफ इन्वायन्मेंट

 

ब्रिक्स देशों में भी इंडिया सबसे नीचे 

जीआरआई 2017 में भारत पिछले साल भी 43वीं रैंक पर पर था और चारों सब-इंडेक्स पर भी उसकी पोजिशन बॉटम- 5 में थी। जीएसआई पर विकसित देशों से इंडिया की स्थिति तो तुलना लायक नहीं है लेकिन ब्रिक्स देशों में भी भारत की रैंकिंग सबसे नीचे है।

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