- स्टार्टअप का लाभ सही लोगों तक पहुंचाने को लेकर दैनिक जागरण आई नेक्स्ट की ओर से ऑर्गनाइज हुआ ग्रुप डिस्कशन

- युवा युवा इंडस्ट्रियलिस्ट्स ने रखे सवाल, अधिकारियों ने दूर कर दी शंकाएं

GORAKHPUR: न्यू इनोवेशन आइडियाज वाले युवा इंडस्ट्रियलिस्ट्स को स्टार्टअप के लिए किन प्रासेस को फॉलो करना होगा, बैंक की ब्रांचेज पर स्टार्टअप के बारे में जानकारी नहीं मिल पाती है, हम स्टार्टअप प्रोजेक्ट्स को कहां प्रजेंट करें?, स्टार्टअप का लाभ उन लोगों को मिल रहा है जो पहले से ही किसी इंडस्ट्री को रन कर रहे हैं, बैंक में जाने पर सहयोग नहीं मिल रहा है। इन सभी बिंदुओं पर गुरुवार को दैनिक जागरण आई नेक्स्ट की ओर से आयोजित ग्रुप डिस्क्शन में विस्तार से चर्चा हुई। स्टार्टअप के तहत अप्लाई करने वाले एक दर्जन अप्लीकेंट्स ने योजना के कई पहलुओं पर अपनी उलझनों को रखा जिसका एलडीएम महेश प्रसाद गुप्ता सहित जिम्मेदारों ने उचित जवाब दिया। ग्रुप डिस्क्शन में कंक्ल्यूजन निकला कि डिस्ट्रिक्ट लेवल पर अधिकारियों व इंडस्ट्रियलिस्ट्स की एक कमेटी बनाई जाए जिसके सामने युवा उद्यमी प्रोजेक्ट प्रजेंट कर सकें।

कहां जाएं, कैसे मिले लाभ

दैनिक जागरण आई नेक्स्ट की ओर से आयोजित ग्रुप डिस्क्शन में स्टार्टअप योजना पर युवा इंडस्ट्रियलिस्ट्स ने होने वाली परेशानियों पर चर्चा की। ज्यादातर लोगों ने सवाल उठाया कि जिन लोगों के पास फाइनेंशियल सपोर्ट नहीं है, वह किस तरीके से अपने प्रोजेक्ट्स को आगे बढ़ाएं और फाइनेंशियल सपोर्ट के लिए कैसे काम करें। लोगों ने सवाल किया कि स्टार्टअप के तहत ऑफिस का आधा किराया, आधा इलेक्ट्रिक्ल बिल मिलने का प्रावधान है। लेकिन इसका फायदा हम लोगों को नहीं मिल पा रहा है।

ज्वॉइंट कमेटी बने तो बने बात

ग्रुप डिस्क्शन के दौरान सभी पहलुओं पर चर्चा की गई। जिसमें ज्यादातर अप्लीकेंट्स का कहना था कि स्टार्टअप योजना जो पेपर में है वह अभी तक जमीन पर उतर ही नहीं पाई है। इसके तहत उन लोगों को आसानी से मदद मिल जा रही है जो पहले से ही किसी इंडस्ट्री को रन कर रहे हैं। लेकिन जो लोग पहली बार नए आइडियाज के साथ इंडस्ट्री या सर्विस सेक्टर में काम करना चाहते हैं, उनके लिए रास्ते लगभग बंद हैं। ज्यादातर इस बात पर सहमति हुई कि लोकल इंडस्ट्रियलिस्ट्स और सरकारी अधिकारियों की एक कमेटी बननी चाहिए जो नए अप्लीकेंट्स को जज करे और प्रासेस को आगे बढ़ाए।

कोट्स

स्टार्टअप के प्रासेस को लेकर बैंक, लोन देते समय अप्लीकेंट के सोशल व फाइनेंशियल पोजिशन की जांच करता है। जब तक लोन वापसी का रास्ता साफ नहीं दिखता बैंक संकोच करते हैं। स्टार्टअप के अप्लीकेंट किसी भी तरह की मदद के लिए मेरे ऑफिस आ सकते हैं, पूरा सहयोग किया जाएगा।

- महेश प्रसाद गुप्ता, लीड बैंक मैनेजर

पुआल से घर बनाने के प्रोजेक्ट पर काम कर रही हूं। स्टार्टअप के लिए अप अप्लाई किया हुआ है। पूरे देश में इस प्रोजेक्ट पर मैं ही काम कर रही हूं। स्टार्टअप के तहत सहयोग मिलेगा तो काम को रफ्तार मिलेगी।

- श्रीति पांडेय, प्रोफेशनल

हम छोटे स्कूलों को सस्ती दरों पर डिजिटल प्लेटफॉर्म देने के प्रोजेक्ट पर काम कर रहे हैं। स्टार्टअप के तहत अप्लाई करने के बाद काफी दौड़-भाग की, लेकिन कोई लाभ नहीं मिला।

- विशाल वर्मा, प्रोफेशनल

डिजिटल हेल्थ केयर पोर्टल के जरिए हम सस्ते दर पर मेडिकल सर्विस प्रोवाइड करने का काम कर रहे हैं। स्टार्टअप के लिए अप्लाई किया है। सरकारी सहायता मिलेगी तो बड़े पैमाने पर काम किया जाएगा।

- संतोष सिंह, प्रोफेशनल

कुछ नया करने की इच्छा रखते हैं तो खुद की मेहनत और संसाधनों पर भरोसा करिए। केवल सरकार से सहायता की उम्मीद पर कोई इंडस्ट्री नहीं खड़ी की जा सकती। नए उद्यमियों के लिए एक ज्वॉइंट कमेटी बने तो अप्लीकेंट्स को सुविधा होगी।

- अरुण गुप्ता, प्रोफेशनल

हम लोग तीन एरिया में स्टार्टअप के तहत काम कर रहे हैं। शुरुआत में सरकार से सहयोग मिला था, जिससे काम आगे बढ़ा था। एक बार फिर सहयोग मिले तो बेहतर रहेगा।

- अंबेश दूबे, प्रोफेशनल

हम बच्चों को शुरू से ही टेक्निकल एजुकेशन देने पर काम कर रहे हैं। मार्केट से अच्छा रिस्पॉन्स है। स्टार्टअप का प्रासेस काफी टेढ़ा है, काफी दौड़ने के बाद भी स्पष्ट नहीं हुआ कि किसके सामने प्रोजेक्ट प्रजेंट किया जाए।

- निष्ठा अग्रवाल, प्रोफेशनल