कब तक जेल में रहेंगे सुब्रत राय    

सहारा ग्रुप ने आज सुब्रत राय की जमानत के लिए 10,000करोड़ रुपये देने से इनकार कर दिया है. सहारा ने आज सुब्रत राय की जमानत के मसले में सुप्रीम कोर्ट के समक्ष दलील दी है, जिसमें सहारा ने कहा है कि वो एक साथ सुब्रत राय की जमानत के लिए 10000करोड़ रुपये देने में सक्षम नहीं है. वहीं सहारा ग्रुप ने कोर्ट से राहत देने की मांग की है. कोर्ट में मामले की अगली सुनवाई अब तीन अप्रैल को होगी और तब तक सहारा चीफ सुब्रत राय जेल में ही रहेंगे.

सशर्त जमानत

वहीं कल सहारा समूह की ओर से पेश प्रस्ताव की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने सुब्रत राय को सशर्त जमानत देने की बात कही थी. साथ ही, कोर्ट ने समूह को निवेशकों के पैसे लौटाने के संबंध भी निर्देश जारी किये. हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने सेबी से समूह द्वारा पैसे वापसी के प्रस्ताव पर कल तक जवाब मांगा है. इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट कल सुनवाई करेगी.

10हजार करोड़ की पहली किश्त

सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि समूह को पहली किश्त के तहत 10 हजार करोड़ रुपये का भुगतान करना होगा. इस भुगतान में कंपनी को 5 हजार करोड़ रुपये नकद देने होंगे. शेष राशि का भुगतान बैंक गारंटी के रूप में करना होगा. गौरतलब है कि सहारा इंडिया रियल एस्टेट कॉर्पोरेशन और सहारा हाउसिंग इंवेस्टमेंट कॉर्पोरेशन पर निवेशकों का पैसा लौटाने का दबाव बढ़ता जा रहा है. दोनों कंपनियों पर सुप्रीम कोर्ट की ओर से दबाव बरकरार है. सहारा समूह की ओर से सुप्रीम कोर्ट में एक नया प्रस्ताव पेश किया गया था. आज दोपहर इस प्रस्ताव पर सुप्रीम कोर्ट विचार कर सकता है.

नए प्रस्ताव पर विचार

सहारा समूह ने कल सेबी और सुप्रीम कोर्ट के समक्ष निवेशकों का पैसा लौटने से संबंधित एक नया प्रस्ताव पेश किया. इस प्रस्ताव के मुताबिक समूह एक साल के भीतर पांच किस्तों में 20,000 करोड़ रुपये की रकम बाजार नियामक सेबी को सौंपेगा. इस प्रस्ताव के बावजूद तिहाड़ जेल में बंद सहारा प्रमुख सुब्रत राय और समूह के दो अन्य निदेशकों को मंगलवार को भी रिहाई नहीं मिल पाई. इसकी वजह यह रही कि शीर्ष अदालत ने सहारा के नए प्रस्ताव पर तत्काल विचार करने से इनकार कर दिया था. कोर्ट यह प्रस्ताव रजिस्ट्री में दाखिल करने को कहा. इस बीच सहारा के वकील राम जेठमलानी लगातार अदालत से सुब्रत राय की हिरासत को गैरकानूनी ठहराते हुए तीनों को जमानत देने की अपील करते रहे थे. आज सहारा के नए प्रस्ताव पर विचार होने की संभावना है.

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