बाहर से आकर लगातार इलाहाबाद में बस रहे हैं पूर्वाचल और बुंदेलखंड के लोग

-आबादी के बाहर लगातार घट रही है खेतिहर जमीन, पिछले सात साल में छह लाख बढ़ गई जिले की जनसंख्या

ALLAHABAD: इलाहाबाद की बढ़ती जनसंख्या के पीछे दूसरे जिलों से पलायन कर आने वाले लोग हैं। हर साल हजारों-लाखों शहर से लगी सीमा पर बस रहे हैं। इसका असर हुआ कि खेतिहर भूमि लगातार कम हो रही है। साथ ही महंगाई भी बढ़ती जा रही है। जमीन और फ्लैट के रेट भी बढ़े हैं। शहर के गंगापार और यमुनापार इलाकों में तेजी से लोग बस रहे हैं। आंकड़ों पर जाएं तो हर साल यहां औसतन 15 फीसदी की ग्रोथ हो रही है। बुंदेलखंड और पूर्वाचल के तमाम शहरों से लोग रोजगार की तलाश में इलाहाबाद आते हैं और फिर यहीं बस जाते हैं।

नहीं लग पा रहा आबादी पर ब्रेक

लाख कोशिशों के बावजूद जिले की जनसंख्या पर ब्रेक नहीं लग पा रहा है। 2001 में इलाहाबाद की जनसंख्या 49 लाख थी। 2011 सेंसस में यह बढ़कर 59 लाख से अधिक हो गई। अब तक जनसंख्या का आंकड़ा 65 लाख तक पहुंच चुका है। यानी हर साल एक लाख के आसपास लोग बढ़ रहे हैं।

बसने की तलाश में हजारों परिवार

हालांकि पलायन करके आने वालों ने रियल एस्टेट को बिजनेस जरूर दिया है। बिल्डर्स का कहना है कि किराए पर रहने वाले 25 हजार परिवार अपने लिए आशियाना तलाश रहे हैं। यह वह लोग हैं जो 25 से 30 लाख रुपए में दो कमरे का फ्लैट अन्य सुविधाओं के साथ चाहते हैं। इनमें से अधिकतर दूसरे शहरों से आए हैं तो कुछ लोकल हैं।

हर साल घट रहा है उत्पादन

बढ़ती जनसंख्या के आगे लगातार खेतिहर जमीन घट रही है। यहां तेजी से प्लॉटिंग हो रही है। नई आवासीय योजनाओं की शुरुआत की जा रही है। देखा जाए तो हर साल एक से दो फीसदी उत्पादन घट रहा है। अकेले चाका में एक हजार हेक्टेयर से अधिक जमीन पर स्कूल-कॉलेज खोले गए हैं। नवाबगंज में भी यही हाल है। सबसे खराब स्थिति मेजा, मांडा की है। इसके अलावा वाराणसी मार्ग पर भी तेजी से लोग बस रहे हैं।

फैक्ट फाइल

25 हजार परिवारों को है अपने आशियाने की तलाश

15 फीसदी हर साल बढ़ रही है पलायन कर आने वालों की संख्या

10 लाख मीट्रिक टन जिले में कुल खाद्यान्न उत्पादन (रबी और खरीफ मिलाकर)

4.40 लाख हेक्टेयर जिले में कुल खेती योग्य भूमि

01 से 02 फीसदी हर साल घट रहा जिले में उत्पादन

04 साल में पांच से दस फीसदी घटा यमुनापार के मेजा, कोरांव, मांडा आदि क्षेत्रों में

01 हजार हेक्टेयर से अधिक कृषि भूमि में हुए व्यवसायिक निर्माण

65 लाख जिले की वर्तमान में जनसंख्या

59.59 लाख थी 2011 में जिले की जनसंख्या

49.36 लाख थी 2001 में जिले की जनसंख्या

दूसरे जिलों से आकर बसने वालों की संख्या ठीक-ठाक है। स्मार्ट सिटी घोषित होने के साथ पूर्वाचल और बुंदेलखंड की अपेक्षा रोजगार के अच्छे अवसर होने के चलते लोग इलाहाबाद आना चाहते हैं। रियल एस्टेट अगले दस साल तक लोगों की आशियाने की तलाश को पूरा कर सकते हैं।

-रितेश पॉल, मैनेजिंग डायरेक्टर, मैजिक ब्रिक्स

पलायन करके आने वालों में सबसे अधिक आबादी मिडिल क्लास की है। जो 25 से 30 लाख में सर्वसुविधायुक्त फ्लैट चाहते हैं। लोग इलाहाबाद में बसना चाहते हैं। इसके कई कारण हो सकते हैं। शहर में इम्प्लायमेंट बढ़ा तो आने वालों की संख्या में अधिक इजाफा होगा।

-अतुल द्विवेदी, डायरेक्टर, मेट्रो ग्रुप