- सड़क रास्ते के खतरों से बचने के लिए ट्रेनों को बनाया स्मगलिंग का जरिया

- शुक्रवार देर रात सेंट्रल के आउटर में भारी मात्रा में पकड़ी गई चांदी, तस्कर गिरफ्तार

- आरपीएफ और जीआरपी के संरक्षण में हथियार, दुर्लभ पशु पक्षी से लेकर मानव तस्करी तक हो रही

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सड़क रास्ते में कई खतरे होने के कारण अब रेलवे स्मगलिंग का बड़ा जरिया बन गया है। ह्यूमन ट्रैफिकिंग से लेकर, हथियारों और सोने चांदी की तस्करी तक ट्रेंनों के माध्यम से हो रही है। और स्मगलर्स की सबसे बड़ी मददगार है जीआरपी और आरपीएफ। शुक्रवार देर रात सेंट्रल स्टेशन के आउटर पर पकड़े गए एक स्मगलर के बयान से भी इसकी पुष्टि होती है। उसके पास से भारी मात्रा में चांदी के आभूषण बरामद हुए हैं।

एनसीआर में सबसे महंगा कानपुर

भले ही स्मगलर को जीआरपी ने पकड़ा है सूत्र बताते हैं कि हिस्सा न मिलने पर ही यह कार्रवाई की गई। पकड़े गए स्मगलर के मुताबिक, जो हिस्सा दे रहे हैं उन्हें कोई हाथ नहीं लगाता। सूत्र ये भी बताते हैं कि जीआरपी और आरपीएफ की स्मगलिंग के जरिए सालाना 'कमाई' 3 करोड़ रुपए से ज्यादा की है। इसके अलावा अवैध वेंडर्स, बर्थ बेचकर और दूसरे कारनामों से कमाई का यह आंकड़ा 4 करोड़ के करीब पहुंच जाता है। इसी वजह से एनसीआर का सबसे महंगा स्टेशन है कानपुर सेंट्रल।

हिस्सा देने वाले को नहीं छूटा कोई

जीआरपी इंस्पेक्टर त्रिपुरारी पांडेय ने स्मगलर पकड़ने की जानकारी वाणिज्यकर के ज्वाइंट कमिश्नर राजेश सिंह को बिना कोई देर करते हुए दे दी। हालांकि ज्यादातर मामलों में ऐसी नौबत नहीं आती है, इससे पहले ही डील हो जाती है। शनिवार दोपहर ज्वाइंट कमिश्नर आरोपी से बरामद हुई चांदी के बारे में पूछताछ करने गए थे लेकिन उसने मुंह नहीं खोला है। अधिकारी उससे फिर से पूछताछ कर सकते हैं। बता दें कि जीआरपी और आरपीएफ को हर महीने उनका हिस्सा पहुंचाने वाले स्मगलर कानून की गिरफ्त से दूर रहते हैं। जीआरपी इंस्पेक्टर त्रिपुरारी पांडेय कुछ सालों पहले भी कानपुर सेंट्रल पर ही तैनात थे। ट्रांसफर होने के कुछ समय बाद वह फिर सेंट्रल आ गए। जीआरपी और आरपीएफ की मिलीभगत से कानपुर सेंट्रल पर सारे काले कारनामे हो रहे हैं।

'आपकी' सुरक्षा के लिए सैदव

रिटायर्ड एलआईयू अधिकारी एके सिंह ने बताया कि सड़क रास्तों से सोने व चांदी की स्मगलिंग में काफी जोखिम होता है। ट्रेनों व सेंट्रल में चेकिंग न होने के चलते स्मगलर ट्रेनों का यूज अधिक करते हैं। सड़क के रास्ते स्मगलर को जान का खतरा भी बना रहता है साथ ही माल पकड़े जाने का डर भी। ट्रेनों के सहारे स्मगलिंग के लिए बस हर स्टेशन के आरपीएफ और जीआरपी को सेट करना पड़ता है। उन्होंने बताया कि पैसे का लेनदेन समय पर होने से जीआरपी और आरपीएफ पूरी मदद करता है।

चोर रास्ते, आउटर का लेते हैं सहारा

सेंट्रल परिसर के अंदर जाने व बाहर आने के लिए आधा दर्जन से भी अधिक चोर रास्ते हैं। जहां कोई सुरक्षा कर्मी तैनात नहीं रहता है। स्मगलर इन्ही चोर रास्ते व आउटर का प्रयोग कर आसानी से स्मगलिंग करते हैं। एक जीआरपी सिपाही ने नाम न छापने की रिक्वेस्ट पर बताया कि इंस्पेक्टर के पास हिस्सा पहुंचने के कारण हम लोगों को वहां गश्त करना मना रहता है। इसके साथ ही अगर कोई गड़बड़ी वहां देखते हैं तो उसको इग्नोर करने के आदेश हैं।

बेरोजगारों को बनाते हैं कैरियर

जानकारी के मुताबिक बड़े-बड़े ज्वेलर्स सोने चांदी की खरीद व बिक्री में लाखों का टैक्स बचाने के लिए माल की स्मगलिंग कराते हैं। इस काम के लिए युवा बेरोजगारों को लालच देकर कैरियर बनाते हैं। ऐसे में उनका माल कम पैसों में उनके बताए ठिकाने में आसानी से पहुंच जाता है।

इनकी होती तस्करी

खुफिया से मिली जानकारी के मुताबिक, दिल्ली-हावड़ा मेन रूट पर होने के कारण कानपुर सेंट्रल स्टेशन स्मगलर्स का सालों पुराना अड्डा रहा है। बीते पांच सालों में कछुए, तोते, विलुप्त पंक्षी, गांजा, चरस, चंदन व सोने, चांदी के स्मगलर्स को जीआरपी पकड़ चुकी है। मानव तस्करी के भी कई मामले सामने आ चुके हैं। इन आंकड़ों से साफ जाहिर होता है कि स्मगलिंग के लिए स्मगलर ट्रेनों का ही सहारा लेते हैं।

आज हटेगा राज से पर्दा

जीआरपी द्वारा शुक्रवार देर रात चांदी के आभूषणों के साथ पकड़े गए स्मगलर से पूछताछ नहीं हो सकी थी। रविवार को फिर जीआरपी व वाणिज्यकर की टीम आरोपी से पूछताछ करेगी। जिसके बाद ही चांदी के मालिक व माल कहां स्मगलिंग किया जा रहा था, इसकी जानकारी मिल पाएगी।

10 ग्राम में 500 का फायदा

सूत्रों की मानें तो चांदी के आभूषण की स्मगलिंग करने में छोटे ज्वेलर्स को भी बहुत फायदा होता है, 10 ग्राम में लगभग 400 से 500 रुपये का फायदा होता है। इसी लालच में छोटे दुकानदार भी स्मगलिंग का माल बिना किसी लिखा पढ़ी के खरीद लेते हैं। जीआरपी और आरपीएफ के अलावा ज्वैलर्स को भी फायदा होता है। ऐसे में पूरा नेक्सेस चल रहा है और किसी को भनक भी नहीं लग रही है।

सेंट्रल में हुई घटनाओं का लेखा जोखा

- 28 जनवरी को पिस्टल के साथ पकड़े गए अपराधी

- 29 जनवरी को पुष्पक एक्सपे्रस में चंदन पकड़ा गया

- नवंबर 2012 में एक महिला समेत चार कछुआ तस्कर पकड़े गए

- प्लेटफार्म 7 स्थित टीटी रूम से रिवाल्वर चोरी हुआ

- 2014 में सेंट्रल सिटी साइड तोते की तस्करी पकड़ी गई

- बीते एक वर्ष पहले रेप के बाद हत्या भी हो चुकी है