- तमाम आपराधिक घटनाओं के मद्देनजर एडीजी रेलवे ने शुरू की नई व्यवस्था

- अब एस्कॉर्ट और प्लेटफॉर्म पर तैनात पुलिसकर्मी लगाएंगे एक-दूसरे की हाजिरी

- 1400 ट्रेन्स प्रदेश से गुजरती या स्टार्ट होती हैं

- 850 ट्रेन्स में चलता है जीआरपी एस्कॉर्ट

- 10 ट्रेन्स में लागू की गई नई व्यवस्था

pankaj.awasthi@inext.co.in

LUCKNOW :ट्रेन्स में पैसेंजर्स की सुरक्षा के लिये तैनात होने वाले एस्कॉर्ट जीआरपी कर्मियों को अब रातभर चौकन्ना रहना होगा। चलती ट्रेन्स में लगातार हो रही आपराधिक घटनाओं से सबक लेते हुए एडीजी रेलवे ने एस्कॉर्ट कर्मियों को एक्टिव रखने के लिये नई कवायद शुरू की है। इसके तहत अब प्लेटफॉ‌र्म्स पर गश्त करने वाले जीआरपी कर्मी और एस्कॉर्ट में चलने वाले जीआरपी कर्मी एक-दूसरे की बाकायदा हाजिरी लगाएंगे। वहीं, इसमें चूक करने वाले जीआरपी कर्मियों को दंड भुगतना होगा।

आराम तलबी के चलते घटनाएं

- ट्रेन्स में पैसेंजर्स की सुरक्षा के लिये जीआरपी कर्मियों का एस्कॉर्ट तैनात किया जाता है।

- एस्कॉर्ट का काम रातभर ट्रेन्स में गश्त कर आपराधिक घटना को रोकना होता है

- एस्कॉर्ट में तैनात अधिकतर जीआरपी कर्मी ड्यूटी में खानापूर्ति ही करते हैं

- प्राय: देखा जाता है कि ड्यूटी शुरू होते ही कर्मी ट्रेन का जायजा लेते हैं, लेकिन उसके बाद पूरी रात उनका पता ही नहीं रहता

- लापरवही के चलते अक्सर चलती ट्रेन्स में लूट, डकैती व चोरी की घटनाएं आम होती हैं

- प्लेटफॉर्म पर तैनात होने वाले पुलिसकर्मी भी अक्सर गायब ही रहते हैं।

10 ट्रेन्स में शुरू हुआ ट्रायल

एडीजी रेलवे संजय सिंघल ने बताया कि प्रदेश में वर्तमान में 1400 से अधिक ट्रेन्स संचालित होती हैं। इनमें से कई ट्रेन्स प्रदेश के तमाम जिलों से गुजरती हैं जबकि, कई ट्रेन्स प्रदेश के ही अलग-अलग स्टेशनों से स्टार्ट होती हैं। उन्होंने बताया कि इनमें से 850 लंबी दूरी की महत्वपूर्ण ट्रेन्स में जीआरपी का एस्कॉर्ट चलता है। इस एस्कॉर्ट को एक्टिव रखने के लिये शुरूआत में 10 ट्रेन्स में नई व्यवस्था ट्रायल के तौर पर शुरू की गई है। नई व्यवस्था में एस्कॉर्ट में तैनात जीआरपी कर्मियों को अब प्लेटफॉर्म पर तैनात जीआरपी कर्मियों से लिंक किया गया है। इसके तहत ट्रेन जैसे ही प्लेटफॉर्म पर पहुंचेगी एस्कॉर्ट पर तैनात जीआरपी कर्मी प्लेटफॉर्म पर तैनात जीआरपी कर्मी अपने-अपने पास मौजूद हाजिरी रजिस्टर पर एक दूसरे की हाजिरी लगाकर उनसे सिग्नेचर करवाएंगे। यहां यह भी तय किया गया है कि किस स्टेशन पर एस्कॉर्ट को किस कोच में मौजूद रहना होगा। ताकि, प्लेटफॉर्म पर तैनात जीआरपी कर्मी को एस्कॉर्ट को तलाशने में दिक्कत न हो। व्यवस्था में यह भी तय किया गया है कि हाजिरी लगवाने में फेल होने पर संबंधित जीआरपी कर्मी की लापरवाही माना जाएगा और उसे दंड भुगतना होगा।

वर्जन

शुरुआती तौर पर जिन 10 ट्रेन्स में यह नई व्यवस्था लागू की गई है, उनमें लगातार एस्कॉर्ट एक्टिव रहने से आपराधिक घटनाओं में खासी कमी देखने को मिली है। इसलिए, अब अन्य ट्रेनों में भी इसे लागू करने की योजना है।

संजय सिंघल, एडीजी, रेलवे