क्या था मामला

ट्यूजडे नाइट करीब 11.25 बजे मीडियाकर्मी अमर सैनी, दीपक श्रीवास्तव, अनुराग त्रिपाठी, नीरज श्रीवास्तव और गुणानंद ध्यानी प्लेटफार्म नंबर 6 पर खड़ी (15609) अवध-आसाम एक्सप्रेस में कवरेज कर रहे थे। मीडियाकर्मियों की माने तो अवध-आसाम के जनरल बोगी में वसूली कर रहे जीआरपी सिपाहियों को अपने कैमरे में कैद कर रहे थे। उसी बीच एक सिपाही मीडियाकर्मियों से उलझ गया और कवरेज न करने की धमकी देने लगा।

छीन लिया गले से चेन

विवाद बढ़ने पर सिपाहियों ने मीडिया पर्सन अमर सैनी का कैमरा तोड़ दिया। इसी बीच कुछ और सिपाही प्लेटफार्म नंबर 6 पर पहुंचकर मारपीट करना शुरू कर दिए। मारपीट के दौरान एक सिपाही ने अंधेरे का फायदा उठाते हुए अमर का 11 ग्राम सोने की चेन छीन लिया और फरार हो गया। मीडियाकर्मियों ने वसूली करने वाले सिपाहियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए जीआरपी डीजी, जीआरपी एसपी, रेलवे जीएम सेक्रेटरी, सीसीएम को रिटेन कंप्लेंट दी है।

 

नहीं हुई अब तक कार्रवाई

बता दें कि इससे पहले भी जीआरपी के दो सिपाही संजय और रंजीत को आरपीएफ की सीनियर कमांडेंट गोरखधाम सुपर फास्ट एक्सप्रेस में सीट बेचते हुए रंगे हाथों पकड़ चुकी है। इस मामले में जीआरपी डीजी, जीआरपी एसपी को कार्रवाई के लिए लिखित लेटर लिख चुकी है लेकिन अभी तक इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं हुई है।

पत्रकारों पर सिपाहियों द्वारा किए गए हमले की मैं निंदा करता हूं। दोषी सिपाहियों को किसी भी दशा में बख्शा नहीं जाएगा। इस पूरे मामले की जांच कराई जाएगी। एसपी जीआरपी को मामले की जांच के लिए जिम्मेदारी दे दी है।

रिजवान अहमद, डीजी जीआरपी