चार कैटेगरी में बनाया जाएगा डोजियर

नशेडि़यों का पुनर्वास करेगी जीआरपी

मेरठ समेत वेस्ट यूपी स्थित रेलवे स्टेशन पर करेंगे वर्क

एसपी जीआरपी ने कार्ययोजना तय की, मेरठ भी आए

Meerut। जीआरपी मेरठ समेत वेस्ट यूपी के 16 जनपदों में रेलवे स्टेशन और स्टेशन के आसपास रह रहे नशेडि़यों को नशा मुक्ति की ओर ले जा रहा है। एडीजी जीआरपी वीके मौर्य के निर्देश पर एसपी जीआरपी सुभाष चंद्र दुबे के नेतृत्व में अभियान का संचालन किया जा रहा है। जीआरपी ने सर्वप्रथम सहारनपुर में 2 किशोरों को नशे से मुक्ति दिलाने के लिए 10 रुपये फीस अदा कर नशामुक्ति केंद्र में भर्ती कराया है।

अभियान-बेमिसाल

जीआरपी मुरादाबाद विंग के एसपी सुभाष चंद्र दुबे ने मेरठ आगमन के दौरान दैनिक जागरण आई नेक्स्ट को बताया कि जीआरपी यात्रियों के लिए फ्रेंडली सोच को लेकर आगे बढ़ रही है। मुरादाबाद विंग में आने वाले वेस्ट यूपी के 16 जनपदों के रेलवे स्टेशन पर जा-जाकर एसपी अभियान को लेकर जीआरपी को अवेयर कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि रेलवे स्टेशन पर कुली, वेंडर्स, घुमंतू, नशेड़ी आदि पेसेंजर्स के साथ होने वाली वारदातों की वजह होते हैं। इनका डोजियर जीआरपी तैयार कर रही है। स्टेशन में आमतौर देने जाने वाले वैध-अवैध वेंडर का रिकार्ड जीआरपी जुटाएगी तो वहीं सफाईकर्मियों और कुलियों का पूरा ब्योरा तैयार कर रही है। किसी भी यात्री के साथ अपराध होने पर क्रॉस एक्जामिनेशन में इन कैटेगरीज का डोजियर होने से इनवेस्टीगेशन में आसानी होगी।

नशेड़ी को नई जिंदगी

एसपी ने बताया कि जीआरपी स्टेशन पर घूमने वाले नशेडियों और घुमंतू की काउंसलिंग कर रही है, कौन नशा छोड़ना चाह रहा है। यह जानकारी हासिल कर रही है। वेस्ट यूपी के 16 डिस्ट्रिक्ट में सर्वे के आधार पर एसपी ने बताया कि सर्वाधिक 40 नशेड़ी सहारनपुर रेलवे स्टेशन हैं। पहल के तहत जीआरपी इन नशेडि़यों को सरकारी पुनर्वास केंद्र में दाखिल करा रहा है और जहां सरकारी केंद्र नहीं है वहां एनजीओ द्वारा संचालित केंद्रों में नशेडि़यों को भर्ती करा रही है।

सुधार की गुंजाइश पर अपराधियों की काउंसलिंग कर पुलिस उन्हें समाज से मुख्य धारा से जोड़ने का प्रयास भी कर रही है। साथ में जीआरपी की कोशिश है कि कोई बेनाम मौत न मरे, किसी का अंतिम संस्कार अज्ञात में न हो।

सुभाष चंद्र दुबे

एसपी जीआरपी, मुरादाबाद विंग