-पटना के 22 सेंटरों पर

हुई इंडियन इंजीनियरिंग सर्विस की परीक्षा

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PATNA: यूपीएससी की ओर से आयोजित इंडियन इंजीनियरिंग सर्विस (आईईएस) की पीटी (प्रारंभिक) परीक्षा पटना के 22 सेंटरों पर आयोजित की गई। इस बार की यह परीक्षा बीते वर्ष की तुलना में कठिन रहा। इसलिए इस बार कट ऑफ हाई रहने की उम्मीद है। परीक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि परीक्षा में प्रश्न सिलेबर्स के अनुसार ही रहा लेकिन प्रश्नों का स्तर तुलनात्मक रूप से उंचा रहा। इसमें दो पेपर की परीक्षा दो सीटिंग में आयोजित की गई। पहला पेपर जनरल स्टडीज और इंजीनियरिंग अप्टीटयूड से रहा। जबकि दूसरा पेपर टेक्निकल रहा। इसमें कैंडिडेट को अपने इंजीनियरिंग सब्जेक्ट में से एक सलेक्ट करना था। पहला पेपर 200 अंको का था जिसमें 100 प्रश्न थे। हर तीन पर एक अंक निगेटिव का प्रावधान है। पेपर वन और पेपर टू दोनों ही ऑब्जेटिव रहा।

केमेस्ट्री पेपर में उलझन

पहला पेपर दस से 12 बजे की सीटिंग में आयोजित किया गया। इसमें कैंडिडेट्स के सामने जीएस और इंजीनियरिंग अप्टीट्यूट के प्रश्न थे। इसमें जीएस के प्रश्न कठिन थे, खास तौर पर एनवायरमेंटल साइंस का प्रश्न कठिन रहा। इस बार के इस पेपर में साइंस और अप्लाइड से ज्यादा प्रश्न रहे। यदि साइंस की बात करें तो इसमें ऑर्गेनिक कैमेस्ट्री विषय से पूछे गए सवालों ने खूब उलझाया। निगेविट मार्किंग का प्रावधान के कारण कैंडिडेट ने ज्यादा रिस्क नहीं लिया।

बताएं एसिड रेन कैसे होता है

पेपर वन में जीएस का पेपर में एनवायरमेंटल साइंस के कई प्रश्न पूछे गए। इसमें ऐसे प्रश्नों का जिक्र किया जा सकता है जो कि सिलेबर्स में तो थे लेकिन वे प्राय: कभी पूछे नहीं गए थे। जैसे एसिड रेन कैसे होता है। यह हो जाने पर कैसा केमिकल कम्पाउंड बनाता है। छात्र परम कुमार ने बताया कि एनवायरमेंट साइंस के प्रश्नों के बारे में अनुमान ही नहीं था। लेकिन पूछे गए।

पेपर टू में भी निगेटिव

जानकारी हो कि देश में इंजीनियरिंग सेवा की यह सबसे बड़ी और प्रतिष्ठित परीक्षा है। इसमें पेपर टू में भी निगेटिव मार्किंग का प्रावधान रहा। इसमें प्रति तीन प्रश्न पर एक मा‌र्क्स निगेटिव रहा। यह पेपर दो घंटे का था जिसमें 150 प्रश्न रहे और 300 अंक आये। यह पेपर टेक्निकल रहा। इसमें इंजीनियरिंग का एक एक स्पेशल पेपर रहा। इसमें सिविल, इलेक्ट्रिकल, इलेक्ट्रानिक्स एंड कम्यूनिकेशन और मैकेनिकल ब्रांच के प्रश्न थे।

55 प्रतिशत तक जा सकता है कट ऑफ

परीक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि बीते वर्ष की तुलना में प्रश्नों की कठिनाई के स्तर को देखते हुए इस बार कट ऑफ हाई जाने की उम्मीद है। इसमें जनरल का कट ऑफ 55 प्रतिशत रह सकता है। जिन छात्रों ने पेपर वन में बेहतर किया है, उनका क्वालिफाइंग भी बेहतर होगा। इस पीटी में क्वालिफाई करने वाले मेंस की परीक्षा में बैठेंगे।