-टैक्स चोरी रोकने के लिए बिल मांगने की व्यवस्था को प्रमोट करेगी गवर्नमेंट
-जीएसटी काउंसिल ने बनाया प्लान चुनाव बाद लागू होगी योजना
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PRAYAGRAJ: जीएसटी काउंसिल ने भी माना है कि देश में बड़े पैमाने पर कच्चे बिल पर बिजनेस हो रहा है. वहीं दूसरी तरफ लोगों द्वारा दुकानदारों से बिल ही नहीं लिया जा रहा है. सामान परचेज करने के बाद पक्का बिल लेने की आदत डालने के लिए जीएसटी काउंसिल ने बिल लेने वाले कस्टमर्स को गिफ्ट देने का प्लान बनाया है. यह प्लान चुनाव संपन्न होने के बाद लागू किया जाएगा.
बिल लेने पर मिलेगा डिस्काउंट
सामान खरीदने के बाद पक्का बिल लेने वालों को जीएसटी काउंसिल अब रिवॉर्ड प्वाइंट देगा. यही नहीं, कैश प्राइज भी दिए जाने का प्लान है. प्रोडक्ट का बिल लेने वाले कस्टमर्स को टोटल परचेजिंग पर डिस्काउंट दिए जाने की भी योजना है. कई अन्य योजनाएं भी बनाई गई हैं, ताकि लोगों में बिल मांगने की आदत डेवलप की जा सके. डिजिटल पेमेंट करने वाले कस्टमर्स को प्रोत्साहन राशि उनके अकाउंट में दी जाएगी.
होती है हेरा-फेरी
कस्टमर्स द्वारा पक्का बिल न लिए जाने की वजह से ही दुकानदार व कारोबारी टैक्स की हेरा-फेरी करते हैं. टैक्स चोरी कर मंगाया गया माल दुकानों में खपा देते हैं. इसका कोई रिकॉर्ड सेल्स टैक्स डिपार्टमेंट को नहीं मिल पाता है. कई कंपनियों के रिकार्ड और ई-वे बिल में काफी अंतर पाया गया है. इससे स्पष्ट है कि ई-वे बिल जेनरेट किए बगैर भी माल का ट्रांजैक्शन हो रहा है. जबकि टैक्स चोरी रोकने के लिए ही ई-वे बिल व्यवस्था को लागू किया गया था. 50,000 रुपए से अधिक का सामान एक से दूसरी जगह ले जाने के लिए एक अप्रैल, 2018 को यह व्यवस्था लागू की गई थी.
वर्जन-
टैक्स चोरी रोकने के लिए जीएसटी काउंसिल ने काम शुरू कर दिया है. लोगों द्वारा पक्का बिल न लिए जाने की वजह से हेरा-फेरी अधिक होती है. इसलिए जीएसटी काउंसिल ने लोगों में बिल मांगने की आदत डेवलप करने का प्लान बनाया है, जिसे जल्द ही लागू किया जाएगा.
-महेंद्र गोयल
प्रदेश अध्यक्ष, कैट