रेस्टोरेंट मालिकों की मनमानी से घटे जीएसटी का नहीं मिल रहा फायदा

18 से 5 परसेंट टैक्स होने के बाद भी बिल आ रहा वही

ALLAHABAD: अगर आप रेस्टोरेंट में फैमिली या फ्रेंड्स के साथ डिनर या लंच करने जा रहे हैं तो बिल पे करने से पहले एक बार चेक जरूर कर लें। कहीं ऐसा तो नहीं आप से 18 परसेंट जीएसटी लिया जा रहा है या जीएसटी भले ही 5 परसेंट लिया जा रहा हो, फूड का रेट बढ़ा दिया हो। जीएसटी काउंसिल के आदेश का पालन करने से बचने के लिए रेस्टोरेंट मालिकों ने कुछ ऐसा ही तोड़ निकाला है।

रियलिटी चेक-

स्पॉट-1 पैराडाइज पेस्ट्री एंड आइसक्रीम

टाईम- 3.00 बजे

जीतेंद्र शुक्ल नाम के कस्टमर ने पैराडाइज पेस्ट्री एंड आइसक्रीम शॉप से दो पनीर रोल खरीदा। 150 रुपये का टैक्स इनवायस कस्टमर को दिया गया। बिल में टैक्सेबल एमाउंट 127.12 रुपया और सीजीएसटी 11.44 व एसजीएसटी 11.44 रुपये लिखा था। यानी जीएसटी 18 परसेंट 22.88 रुपये लिया गया। कस्टमर का कहना था कि जब जीएसटी 5 परसेंट है तो 18 परसेंट क्यों लिया जा रहा है?

नोट- इस संबंध में जब पैराडाइज पेस्ट्री एंड आइसक्रीम के मालिक राजेश कुमार से मोबाइल पर बात की गई तो उन्होंने कहा कि जीएसटी 18 परसेंट ही लिया जा रहा है। क्योंकि सरकार ने रेस्टोरेंट पर लगने वाला जीएसटी 18 से पांच परसेंट किया है। बेकरी पर 18 परसेंट ही जीएसटी लग रहा है।

स्पॉट-2 सागर रत्ना रेस्टोरेंट

टाईम-3.15 बजे

रिपोर्टर कस्टमर बन पहुंचा।

एक पनीर बटर मसाला कितने का है?

कैशियर- 247 रुपये का

जीएसटी कम होने के बाद रेट कम हुआ है क्या?

कैशियर- जी सर, पहले 266 का प्लेट था, जब 18 परसेंट जीएसटी लगता था।

यानी एक प्लेट पनीर बटर मसाला पर 19 रुपये का फायदा?

कैशियर- जी सर, अब हम पांच परसेंट जीएसटी ले रहे हैं।

टैक्स कम होने पर फूड का रेट बढ़ा दिया होगा?

कैशियर- जी सर, रेट बढ़ा है, लेकिन केवल पांच से दस रुपये। जबकि रेट जीएसटी कम होने से बिल में पर प्लेट फूड 20 से 25 रुपया कम हुआ है।

स्पॉट-3 मोती महल रेस्टोरेंट

टाईम-3.35

रिपोर्टर और वेटर में बातचीत

एक वेज थाली कितने की है?

वेटर- 180 रुपये थाली

जीएसटी के साथ बिल कितना होगा?

वेटर- 189 रुपये।

जीएसटी कितना लगा रहे हैं?

वेटर- 5 परसेंट।

जीएसटी 18 से 5 हो गया, तो फिर फूड रेट इंक्रीज हो गया होगा?

वेटर- नहीं ऐसा नहीं है।

गवर्नमेंट ने रेस्टोरेंट पर लगने वाला टैक्स 18 से पांच परसेंट इसलिए किया है, ताकि हर किसी को उसका फायदा हो सके। रेस्टोरेंट का बिल कम हो सके, लेकिन कुछ को छोड़ कर ज्यादातर रेस्टोरेंट मालिकों ने फूड का रेट बढ़ा कर नया मेन्यू तैयार कर लिया है। इसकी वजह से कस्टमर को बेनीफिट कम मिल पा रहा है।

महेंद्र गोयल

प्रदेश अध्यक्ष

कैट

जिस रेस्टोरेंट में कस्टमर को बैठा कर फूड सर्विस किया जाता है, ऐसे रेस्टोरेंट को अब 18 नहीं बल्कि पांच परसेंट जीएसटी लेना होगा। कस्टमर पर बोझ कम हो, इसलिए टैक्स कम किया गया है। ऐसे में अब कुछ रेस्टोरेंट मालिक टैक्स तो पांच परसेंट ही ले रहे हैं, लेकिन फूड का रेट बढ़ा दिया है।

सुमित अग्रवाल

सीए