- जुलाई 2017 से व्यापारियों ने नहीं किया रिटर्न दा2िाल

- कॉमर्शियल टै1स डिपार्टमेंट ने शुरू की जांच, दो के लाइसेंस कैंसिल

<- जुलाई 2017 से व्यापारियों ने नहीं किया रिटर्न दाखिल

- कॉमर्शियल टैक्स डिपार्टमेंट ने शुरू की जांच, दो के लाइसेंस कैंसिल

BAREILLY:

BAREILLY:

बरेली जोन के 5 हजार व्यापारी माल की खरीद-बिक्री में हेरफेर कर रहे हैं। यह वह व्यापारी हैं, जो जुलाई 2017 से हर माह रिटर्न दाखिल नहीं कर रहे हैं और फर्म से होने वाले टर्नओवर को छिपा रहे हैं। जिसे देखते हुए कॉमर्शियल टैक्स डिपार्टमेंट ने रिटर्न दाखिल न करने वाले व्यापारियों की जांच शुरू कर दी है। दो व्यापारियों के फर्म का लाइसेंस भी अधिकारियों ने कैंसिल कर दिए हैं।

हर माह रिटर्न दाखिल करना होता है

कॉमर्शियल टैक्स डिपार्टमेंट से रजिस्टर्ड व्यापारियों को महीने की 20 तारीख को रिटर्न दाखिल करना अनिवार्य होता है। रिटर्न के माध्यम से व्यापारियों को माल की खरीद-बिक्री की जानकारी देनी होती है, लेकिन जोन के व्यापारी ऐसा नहीं कर रहे हैं। जीएसटी में रजिस्टर्ड 17,984 नए व्यापारियों में से 3189 व्यापारी रिटर्न दाखिल नहीं कर रहे है, जो व्यापारी टिन से जीएसटी में माइग्रेट नहीं हुए हैं वह भी माल की खरीद-बिक्री में खेल कर रहे हैं। जोन में 6737 व्यापारी जीएसटी में माइग्रेट नहीं हुए हैं। इनमें से 1776 व्यापारी हैं, जो कि रिटर्न दाखिल नहीं कर रहे हैं। पिछले 5 महीने से इन व्यापारियों ने कॉमर्शियल टैक्स डिपार्टमेंट को रिटर्न दाखिल नहीं किया है।

जांच में जुटी टीम

नियम के मुताबिक, कॉमर्शियल टैक्स डिपार्टमेंट में रजिस्ट्रेशन होने पर रिटर्न दाखिल करना कम्पल्सरी होता है। माल की खरीद-बिक्री की जानकारी नहीं देने पर कॉमर्शियल टैक्स डिपार्टमेंट की टीम जांच में जुट गई है। फर्म के नाम, रजिस्ट्रेशन नम्बर और एड्रेस के आधार पर जांच की जा रही है। जांच में कई फर्म ऐसे भी हैं, जो रजिस्ट्रेशन में दिए गए डिटेल के एड्रेस पर नहीं मिल रही हैं। ऐसे दो फर्म के लाइसेंस अधिकारियों ने कैंसिल कर दिए हैं। वहीं दूसरी ओर वैट अथॉरिटी भी सर्वे का काम कर रही है।

एक नजर

- 17,984 व्यापारी जोन के जीएसटी में रजिस्टर्ड।

- 3,189 व्यापारी रिटर्न दाखिल नहीं कर रहे हैं।

- 6,737 व्यापारी जोन के जीएसटी में माइग्रेट नहीं किया।

- 1, 776 व्यापारी रिटर्न दाखिल नहीं कर रहे हैं।

- 20 तारीख को हर महीने रिटर्न दाखिल करना होता है।

- 20 लाख जिनका वार्षिक टर्नओवर हैं उनको जीएसटी में रजिस्ट्रेशन करना हैं। पहले यह 5 लाख वार्षिक था।

- कॉमर्शियल टैक्स डिपार्टमेंट से जिनका भी रजिस्ट्रेशन हैं उनको रिटर्न दाखिल करना अनिवार्य होता है।

- पहले 200 रुपए परडे पर मंथ और अब 40 रुपए परडे पर मंथ के हिसाब से पेनॉल्टी का नियम हैं।

जीएसटी में रजिस्टर्ड और जो जीएसटी में माइग्रेट नहीं हुए ऐसे कई व्यापारी हैं जो रिटर्न दाखिल नहीं कर रहे हैं। जिनकी जांच शुरू कर दी गई है। जांच में मौके पर दो फर्म नहीं मिली। जिनके लाइसेंस कैंसिल कर दिए गए हैं।

दीनानाथ, ज्वॉइंट कमिश्नर, कॉमर्शियल टैक्स डिपार्टमेंट

कॉमर्शियल टैक्स डिपार्टमेंट से कोई भी व्यापारी रजिस्टर्ड है, तो उसको रिटर्न दाखिल करना जरूरी हैं। फिर उसका टर्नओवर चाहे जो भी हो। दुकान-दुकान जाकर वैट अथॉरिटी भी सर्वे का काम कर रही है।

सीए अखिल रस्तोगी

जो व्यापारी कम पढ़े-लिखे हैं, उनके साथ ज्यादा दिक्कत आ रही है। वह रिटर्न दाखिल नहीं कर पा रहे हैं। व्यापारी समय पर रिटर्न दाखिल करते रहें इसके लिए मीटिंग कर लोगों को अवेयर किए जा रहे हैं।

राजेंद्र गुप्ता, महानगर अध्यक्ष, यूपी उद्योग व्यापार मंडल