उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार कल्याण समिति के वार्षिक उत्सव में व्यापारियों ने रखी अपनी बात

विधानसभा चुनाव में व्यापारियों को स्थान दिए जाने की मांग

ALLAHABAD: प्रदेश ही नहीं बल्कि पूरे देश के ज्यादातर व्यापारी गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स यानी जीएसटी का समर्थन कर रहे हैं, जो व्यापारियों के लिए भी हितकर है। लेकिन जीएसटी कानून बनाने के बाद अचानक से व्यापारियों पर थोपने के बजाय समय दे सरकार। ताकि व्यापारी जीएसटी को समझ सकें और फिर उसका पालन कर सकें। अगर सरकार ऐसा करती है तो व्यापारी केंद्र सरकार का पूरा समर्थन करेंगे, नहीं तो व्यापारी विरोधी नीतियों का जमकर विरोध करेंगे। रविवार को उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार कल्याण समिति के वार्षिक उत्सव के अवसर पर आयोजित गोष्ठी में व्यापारियों ने अपनी बात रखी।

जितनी देरी, उतनी बढ़ेगी परेशानी

समिति के संयोजक संतोष पनामा ने कहा कि वित्त मंत्री अरुण जेटली ने स्पष्ट कर दिया है कि एक अप्रैल से सितंबर तक कभी भी जीएसटी लागू हो सकता है। जिसके लिए व्यापारियों को अब तैयार रहना होगा। व्यापारी जीएसटी के समर्थन में हैं, लेकिन उसे समझने और नियमों का पालन करने के लिए केवल समय चाहते हैं। सरकारें किसी भी नियम कानून को बनाने में समय लेती हैं, लेकिन उसका पालन कराने के लिए समय नहीं देती। जो पूरी तरह से गलत है। जीएसटी लागू करने में सरकार जितना देर करेगी, समस्या उतनी ज्यादा होगी। अप्रैल की जगह सितंबर में जीएसटी लागू हुआ तो व्यापारियों को डबल लेखा तैयार करना होगा।

बंद हो जाएगा व्यापारियों का उत्पीड़न

समारोह व गोष्ठी के मुख्य अतिथि सांसद श्यामाचरण गुप्ता ने कहा कि व्यापारियों का समय बदलने वाला है। क्योंकि अब भ्रष्टाचारियों के दिन लद चुके हैं। जीएसटी लागू होने के बाद व्यापारियों का उत्पीड़न बंद हो जाएगा। व्यापारियों की जो मांगें हैं, उसे सरकार गंभीरता से ले रही है। मेम्बर ट्रिब्यूनल वाणिज्य कर अम्ब्रेश श्रीवास्तव ने कहा कि जीएसटी लागू होने केबाद भी विभाग व्यापारियों के सहयोग के लिए तत्पर रहेगा। वाणिज्य कर विभाग के एडिशनल कमिश्नर ग्रेड-2 बीडी द्विवेदी ने जीएसटी के विषय में व्यापारियों को विस्तार से जानकारी दी। समिति के प्रदेश अध्यक्ष सतीश चंद्र केसरवानी ने कहा कि व्यापारी प्रदेश को राजस्व की पूर्ति कर राज्य एवं देश के विकास में अपना महत्वपूर्ण योगदान करता है। इसलिए 2017 में होने वाले विधानसभा चुनाव में सभी राजनैतिक दलों से मांग की जा रही है कि व्यापारियों को अधिक से अधिक प्रतिनिधित्व दिया जाए। इस अवसर पर राज कुमार अग्रवाल, गया प्रसाद केसरवानी, विपिन अग्रवाल, गुरुचरन अरोरा, शशि वाष्र्णेय, अरुण अग्रवाल, संजय केसरवानी, रमेश चंद्र केसरवानी, प्रमिल केसरवानी, पार्षद गणेश प्रसाद केसरवानी, केके अग्रवाल, राजकुमार केसरवानी, संजीव बजाज, लखन लाल, अन्नू केसरवानी, पदुम जायसवाल आदि उपस्थित रहे।