जीएसटी के कारण धार्मिक वस्तुओं से लेकर खजूर हुए महंगे
5 से बढ़ाकर 12 प्रतिशत की श्रेणी में शामिल कर दिया गया है खजूर को
18 प्रतिशत टैक्स इत्र पर भी लगाया गया है
Meerut। जीएसटी लागू होने के बाद पहली बार 17 मई को रमजान की शुरूआत हो रही है। लेकिन जीएसटी के दायरे में आने के बाद रमजान माह में प्रयोग की जाने वाली कई जरुरी चीजों के दाम बढ़ गए हैं।
स्टैंड पर लगा टैक्स
जीएसटी से पहले हाथ से बुनी टोपी और कुरान रखने के स्टैंड को टैक्स फ्री श्रेणी में रखा गया था, लेकिन अब इन चीजों को भी 5 से 12 प्रतिशत टैक्स श्रेणी में शामिल कर लिया गया है। इसके अलावा खाद्य सामग्री में खजूर को भी इस बार 5 प्रतिशत से बढ़ाकर 12 प्रतिशत की श्रेणी में शामिल कर दिया गया है। इसी तरह इत्र पर सबसे अधिक 18 प्रतिशत टैक्स लगाया गया है।
खजूर के दाम-
पहले अब प्रति किलो
कीमिया खजूर 80 से 100 100 से 130
ईरानी खजूर 80 से 100 100 से 130
हयात खजूर 200 से 250 250 से 300
अजवा खजूर 5500 5 से 6 हजार
बर्नी खजूर 150 से 180 190 से 210
तईबा खजूर 200 250
इन चीजों पर पड़ा प्रभाव
वैट जीएसटी
कुरान रखने का स्टैंड शून्य 12
इत्र 5 प्रतिशत 5 से 18
हाथ से बुनी टोपी शून्य 5
रेडीमेड टोपी 5 प्रतिशत 12
धार्मिक खिलौने 12 से 16 12 से 18
खजूर 5 प्रतिशत 12
पैक्ड मीट 5 प्रतिशत 12
सूतफेनी, सेवई 5 5
रमजान में सबसे अधिक ड्राई फ्रूटस, कपडे़ और खेल खिलौने खरीदे जाते हैं। इनके दाम में हर साल से अधिक इस बार इजाफा हुआ है।
शकील, जाकिर कॉलोनी
धार्मिक चीजों को कम से कम टैक्स के दायरे से बाहर रखना चाहिए। पैक्ड मीट या खजूर पर टैक्स सही है पर एक लिमिट में होना चाहिए।
सरफराज
सरकार को ऐसी चीजों पर टैक्स नही लगाना चाहिए जो किसी धर्म से या अल्लाह की इबादत से जुड़ी हुई है। कम से कम मध्यम वर्ग के बजट को देखते हुए उनके जरुरत की चीजों पर टैक्स नही बढ़ाना चाहिए।
मौलाना अब्दुला अख्तर