कंपोजीशन में शामिल होने या शिफ्ट होने की लास्ट डेट है 31 मार्च

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PRAYAGRAJ: जीएसटी में रजिस्टर्ड व्यापारियों के लिए अगले पांच दिन बेहद महत्वपूर्ण हैं. इस दौरान उन्हें सिर्फ रिटर्न ही नहीं कंपोजीशन स्कीम में शामिल या शिफ्ट होने, लेटर ऑफ अंडरटेकिंग के तहत जीरो रेटेड एक्सपोर्ट जारी रखने, जीएसटी टीडीएस जैसे कामों को भी इसी बीच पूरा करना है. इन कामों को समय से न निबटाना उनके लिए घाटे का सौदा साबित हो सकता है.

एक अप्रैल से बढ़ रही सीमा

जीएसटी के कंपोजीशन स्कीम में शामिल होने के लिए पहले टर्नओवर की सीमा एक करोड़ रुपए निर्धारित थी. जीएसटी काउंसिल ने पिछले दिनों मीटिंग कर कंपोजीशन में शामिल होने के लिए टर्नओवर की सीमा डेढ़ करोड़ रुपए करने का आदेश दिया. यह एक अप्रैल से लागू हो रहा है. इससे पहले ही यदि किसी बिजनेसमैन का टर्नओवर 2018-19 में डेढ़ करोड़ से कम रहा है या रहने की उम्मीद है तो उसे नए फाइनेंशियल ईयर में कंपोजीशन डीलर के रूप में काम करने के लिए 31 मार्च 2019 तक जीएसटी फॉर्म सीओएमपी-डब्लू ऑनलाइन फाइल करना होगा. जिन लोगों ने अभी तक पिछला जीएसटी रिटर्न नहीं भरा है, वे अक्टूबर 2018 तक के जीएसटीआर-फाइव और 3बी बिना लेट फीस के 31 मार्च तक फाइल कर सकते हैं. इसके बाद की फाइलिंग पर लेट फीस लगेगी.

लेटर ऑफ अंडर टेकिंग भी जरूरी

एक्सपोर्टर्स के लिए भी 31 मार्च की डेडलाइन इंपॉर्टेट है.

बिना आईजीएसटी के भुगतान के निर्यात के लिए एक्सपोर्टर्स को लेटर ऑफ अंडर टेकिंग यानी एलयूटी फाइल करना होता है.

2018-19 के लिए जारी एलयूटी 31 मार्च तक एक्सपायर हो जाएगा

अगले फाइनेंशियल ईयर के लिए नया एलयूटी जारी होगा.

31 मार्च तक ये भी कर लें

अक्टूबर 2018 के बाद से लागू जीएसटी टीडीएस का रिटर्न भी 31 मार्च तक भरना है.

इनकम टैक्स के भी कई नियमों का पालन 31 मार्च तक करना होगा.

फाइनेंशियल ईयर 2017-18 के रिटर्न और रिवाइज रिटर्न के अलावा फाइनेंशियल ईयर 2016-17 का रिवाइज्ड रिटर्न भी 31 मार्च तक भरा जा सकता है.

2018-19 का एडवांस टैक्स या डोनेशन डेडलाइन के अलावा बैंक और पैन से आधार लिंक कराने की आखिरी तिथि भी 31 मार्च ही है.

नए फाइनेंशियल ईयर से पहले केवल रिटर्न भरना ही जरूरी नहीं है. कई छोटे-बड़े बदलाव पर भी ध्यान देना होगा. इसलिए व्यापारी एलर्ट रहें. एक्सपर्ट और सीए से सलाह लेते रहें.

सुमित अग्रवाल

सीए

31 मार्च तक व्यापारियों को क्या-क्या करना होगा? जीएसटी काउंसिल को व्यापारियों को ये जरूर बताना होगा. व्यापारी जागरुक हो सकें, इसके लिए मैसेज जरूर भेजना चाहिए.

संतोष पनामा

संयोजक, उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार कल्याण समिति