एक दो नहीं कई समस्याओं से जूझ रहे हैं जिले के कई बिजनेसमैन

जीएसटीआर-1 व ट्रान-1 भरने की लास्ट डेट है 31 दिसंबर

ALLAHABAD: लंबे इंतजार के बाद जीएसटी पोर्टल पर जीएसटीएन ने जीएसटीआर-1, जीएसटीआर-4 और ट्रान वन 1 व 2 भरने के लिए पोर्टल ओपेन किया है। 31 दिसंबर तक अलग-अलग लास्ट डेट डिसाइड किए गए हैं। बावजूद इसके अधिकांश व्यापारी रिटर्न नहीं भर पा रहे हैं। वे जीएसटीआर-1, जीएसटीआर-4 व ट्रान-1 एवं ट्रान-2 भरने के लिए परेशान हैं। क्योंकि रिटर्न भरते समय जीएसटीएन द्वारा रिटर्न एक्सेप्ट नहीं किया जा रहा है। कंपोजिशन स्कीम में आने वाले व्यापारियों की तिमाही रिटर्न यानी जीएसटीआर-4 भरने के लिए गवर्नमेंट ने लास्ट डेट 24 दिसंबर निर्धारित की थी। इसके बावजूद तमाम व्यापारी रिटर्न नहीं भर सके।

कंपोजिशन स्कीम में फार्म नहीं

कंपोजिशन स्कीम का ऑप्शन चुनने वाले व्यापारी जब जीएसटीआर- 4 भरने का प्रयास किए तो पता चला कि उनका फर्म कंपोजिशन स्कीम में शामिल ही नहीं है। उनके पास नॉट परमिटेड का मैसेज आ रहा है। कंपाउंडिंग के आधार पर सेल परचेज करने वाले व्यापारी परेशान हैं कि अब वे क्या करें? वे जीएसटीआर-4 से वंचित हो चुके हैं। वहीं जीएसटीआर-1 में शामिल नहीं हो सकते हैं।

कैसे भरें जीएसटीआर-1?

जिन व्यापारियों का अभी तक आईडी पासवर्ड नहीं आया है, उन्होंने पुराने टिन नंबर पर खरीद बिक्री की है। अब परेशान हैं कि जीएसटीआर-1 भरें तो भरें कैसे। कई ऐसे फर्म हैं, जिनका मिसमैच के बाद अभी तक संशोधन नहीं हुआ है। कुछ फर्म ऐसे हैं, जिन्होंने सितंबर में नया रजिस्ट्रेशन कराया है। अब उनके सामने समस्या है कि जुलाई अगस्त का जीएसटीआर-1 कैसे भरेंगे। 30 जून की आईटीसी का लाभ व्यापारियों को ट्रान-1 के थ्रू मिलना है। लेकिन जिन व्यापारियों का जीएसटीआर-1 नहीं है, वे ट्रान-1 भी नहीं भर पा रहे हैं।

केस-1

कंपोजिशन चुना तो जीएसटीआर-4 भरने के दौरान नॉट मैच बताने लगा। अब क्या करें, कुछ समझ में नहीं आ रहा है, क्योंकि बिजनेस उसी के हिसाब से की है।

अग्रवाल ट्रेडर्स

हमारी एक फर्म की डिटेल में मिसमैच की समस्या थी। आवेदन किया गया। लेकिन अभी तक मिसमैच खत्म नहीं हुआ। इस वजह से जीएसटीआर-1 नहीं भर पा रहे हैं।

सतीशचंद्र केसरवानी

जीएसटी लागू होने के छह महीने बाद भी कई फर्मो की अभी तक मिसमैच प्रॉब्लम दूर नहीं हुई है, तो इसके लिए सेल टैक्स डिपार्टमेंट दोषी है। व्यापारी अनायास इसका खामियाजा भुगत रहे हैं।

राम प्रकाश अग्रवाल

सेंट्रल गवर्नमेंट व जीएसटी काउंसिल के तमाम दावे फेल हो चुके हैं। व्यापारियों के सामने नई-नई समस्याएं आ रही हैं। व्यापारी कंपोजिशन स्कीम या फिर अन्य योजना में शामिल होने की उम्मीद के साथ बिजनेस कर रहे हैं। बाद में पता चल रहा है कि वे स्कीम में शामिल ही नहीं है।

संतोष पनामा, संयोजक, उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार कल्याण समिति

रिटर्न भरने के दौरान व्यापारियों को जो भी समस्या आ रही है, उसे जीएसटीएन को मेल कर सकते हैं। विभाग को भी बता सकते हैं। इससे जीएसटी काउंसिल और जीएसटीएन को अवगत कराया जाएगा।

रामप्रसाद

असिस्टेंट कमिश्नर सेल टैक्स ग्रेड-2