- जिस स्टूडेंट का विधायक ने गला दबाया, उसने पहचानने से इंकार किया

- विधायक बोले इन्हीं लड़कों ने की पिटाई

- विधायक के पक्ष में बुजुर्ग की बेटी नूरजहां भी गवाही देने पहुंची

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KANPUR : मेडिकल कॉलेज बवाल की न्यायिक जांच में संडे को एक नए करेक्टर की एंट्री हुई। विधायक इरफान के बयान के बाद बुजुर्ग मोहम्मद कादिर के बेटी बताई जाने वाली नूरजहां भी विधायक के पक्ष में आयोग के सामने पेश हुई। आपको बता दें कि अभी तक की पूरी जांच में इस करेक्टर का कोई अता पता नहीं था, लेकिन एकाएक नूरजहां की एंट्री से आयोग भी कुछ अचरज में पड़ गया। नूरजहां के मुताबिक बवाल वाले दिन वह मो। कादिर के साथ कार में ही मौजूद थी और मारपीट करने वाले स्टूडेंट्स ने उसके साथ भी हाथापाई करने की कोशिश की थी।

'शायद मारपीट शाम को हुई'

नूरजहां से जब पत्रकारों ने बात की तो वह घटना की सही जानकारी नहीं दे सकी। घटना की टाइमिंग उसने शाम म् बजे बताई। बाद में मोहम्मद कादिर और विधायक समर्थकों ने उसे बताया कि बवाल 7 बजे के बाद हुआ था। वैसे नूरजहां के बारे में अभी तक न तो विधायक की ओर से कुछ बताया गया और न ही मो। कादिर ने दो बार आयोग के सामने पेश होने पर उसका जिक्र किया था। एकाएक जब उसके बयान की बात आई तो डॉक्टर्स और पुलिस के वकील भी नहीं समझ पाए। लंच के बाद उसका बयान हुआ। जिसमें उसने भी वहीं कहानी दोहराई जो मो। कादिर बता चुके थे।

लेकिन विधायक पहचान गए

मेडिकल स्टूडेंट्स राजनिधि और सर्वेश सिद्धार्थ दुबे भी संडे को सर्किट हाउस पहुंचे। अपने बयान में राजनिधि ने कहा कि घटना के दौरान वह बाजार से लौट रहा था। हैलट के सामने वह गलत साइड से आ रहा था तभी कुछ लोग मारपीट करते दिखे, उन लोगों ने उसे भी रोक लिया और बाइक पर डॉक्टर का साइन देख उसे पीटने लगे। उसने कहा कि मारपीट के दौरान कुर्ता पहने हुए एक आदमी ने उसका गला दबाया। सुनवाई के दौरान जब विधायक की फोटो दिखाई गई तो भी उसने पहचानने से इंकार कर दिया। वहीं अपने बयान में विधायक इरफान ने राजनिधि और सर्वेश दुबे के बारे में कहा कि मेरे साथ मारपीट करने वालों में ये दोनों भी शामिल थे, जिसका पता उन्हें बाद में चला।

विधायक के समर्थकों ने की मारपीट

वहीं दूसरे मेडिकल स्टूडेंट सर्वेश सिद्धार्थ दुबे जब बयान देने पहुंचे तो उसने मौके पर मौजूद होने की बात कही। उसे बवाल की फुटेज भी दिखाई गई। पुलिस के वकील लालजी कपूर ने इस दौरान सर्वेश पर तत्कालीन एसओ स्वरुप नगर राकेश यादव के साथ मारपीट का आरोप भी लगाया। वहीं उसने बयान में विधायक समर्थकों के मारपीट करने की बात भी कही।

अगली सुनवाई क्0 जुलाई को

संडे को सुनवाई में विधायक समेत कुल पांच गवाह पेश हुए। वहीं डॉक्टर्स के वकील संतोष बाजपेई ने घटना के दौरान मौजूद रहे ठेकेदार अनिल सिंह और अभिलाष सिंह को गवाही और जिरह के लिए बुलाने के लिए आयोग से कहा है। मामले की अगली सुनवाई क्0 जुलाई को होगी।

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विधायक के पक्ष में बयान देने वालों के बयानों में ही मतभेद

विधायक इरफान के पीआर का काम देखने वाले फारुख ने भी संडे को आयोग के समक्ष बयान दिया। अपने बयान में उसने विधायक के ड्राइवर के बयान का खंडन कर दिया। फारुख के मुताबिक वह एक्सल हॉस्पिटल से 8 बजे ही तहरीर लिख कर स्वरुप नगर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराने पहुंच गया था। डॉक्टर पक्ष के वकील ने इस पर उससे स्वरुप नगर थाने से एक्सल हॉस्पिटल की दूरी पूछी तो वह नहीं बता सका। इसके बाद वकील ने सवाल खड़ा किया। कि पहली बार में आपने कैसे तीन पेज की तहरीर बिना एक भी कटिंग और गलती के लिख दी। इसका भी वह जवाब नहीं दे सका। मालूम हो कि इससे पहले इरफान के ड्राइवर ने बयान में रात क्.फ्0 बजे तहरीर लेकर स्वरुप नगर थाने पहुंचने की बात कही थी।

विधायक और पुलिस अब अपने-अपने रास्ते

संडे को जांच आयोग की सुनवाई में जो नजारा दिखा उससे यह स्पष्ट था, कि इस सुनवाई में विधायक और पुलिस दोनों के रास्ते अलग-अलग हो गए हैं। जहां पुलिस और प्रशासन की ओर से बवाल में दंगा होने की थ्योरी साबित करने में जुटी हैं वहीं विधायक पक्ष के वकील पूरे मामले को बाहर की कार्रवाई में ही सीमित करने में जुटे हैं। साथ ही बार-बार मामले में सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश से भी इंकार कर रहे हैं।