दिवाली से पहले सरकार ने दिया अतिथि शिक्षकों को तोहफा

प्रवक्ता पदों पर अतिथि शिक्षकों की तैनाती चालू शैक्षिक सत्र 31 मार्च, 2018 तक होगी

DEHRADUN:

अतिथि शिक्षकों के लिए यह दिवाली खुशियों भरी है। काफी दिनों से नियुक्ति की आस लगाए अतिथि शिक्षकों की सरकार ने मुराद पूरी कर दी। अतिथि शिक्षकों को प्रवक्ता के रिक्त पदों पर तैनाती के आदेश विद्यालयी शिक्षा सचिव चंद्रशेखर भट्ट ने जारी किए। इसके साथ ही एलटी के पद रिक्त नहीं होने की वजह से तैनाती से वंचित अतिथि शिक्षकों को भी राहत मिली है। ऐसे शिक्षकों को अब अन्य जिलों में सरकारी विद्यालयों में एलटी के रिक्त पदों पर नियुक्ति मिलेगी। शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे के निर्देश पर शासन ने दीपावली से एक दिन पहले बुधवार को दोनों आदेश जारी किए। इससे तीन हजार से अधिक अतिथि शिक्षकों को रोजगार की राह खुल गई है।

बुधवार को जारी किए आदेश

सरकारी विद्यालयों में प्रवक्ता के रिक्त पदों पर अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति फ्क् मार्च, ख्0क्7 को समाप्त हो गई थी। इन शिक्षकों का मसला अदालत में होने की वजह से सरकार को भी फैसला लेने में तमाम तरह की दिक्कतें पेश आ रही थी। हालांकि अतिथि शिक्षकों को रिक्त पदों पर अस्थायी रूप से नियुक्ति देने के आदेश शासन ने बीती ख्9 अगस्त को किए थे, लेकिन मामला अदालत में होने की वजह से इस आदेश पर अमल नहीं हो पाया था। अब हाईकोर्ट के बीती नौ अक्टूबर को दिए गए आदेश पर सरकार ने बुधवार को अमल कर दिया। प्रवक्ता पदों पर अतिथि शिक्षकों की तैनाती चालू शैक्षिक सत्र के अंत यानी फ्क् मार्च, ख्0क्8 तक की गई है। उक्त अवधि या नियमित शिक्षकों की नियुक्ति होने तक अतिथि शिक्षक रिक्त पदों पर कार्य कर सकेंगे। सरकार के इस कदम से फ्ख्00 अतिथि शिक्षकों को राहत मिली है।

आंदोलनरत थे अतिथि शिक्षक

प्रवक्ता पदों पर तैनाती को लेकर अतिथि शिक्षक संघ लंबे समय से संघर्षरत था। संघ के मीडिया प्रभारी दौलतराम जगूड़ी ने कहा कि शासनादेश जारी होने से अतिथि शिक्षकों में खुशी की लहर है। शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे के निर्देशों के बाद शासन ने तेजी से आदेश जारी कर बेरोजगार शिक्षकों को राहत दी है। वहीं शासन ने अन्य आदेश जारी कर एलटी शिक्षकों के रूप में तैनाती से वंचित रह गए अतिथि शिक्षकों को भी राहत दी है। बीती ख्ख् जुलाई को शासन की ओर से जारी आदेश के बाद काफी संख्या में अतिथि शिक्षक एलटी के पद रिक्त नहीं होने से निर्धारित विद्यालयों या जिलों में नियुक्त नहीं हो पाए थे। अब इन शिक्षकों को मंडल स्तर पर काउंसिलिंग के जरिए अन्य जिलों के विद्यालयों में अस्थायी नियुक्ति मिल सकेगी।