- आईबी ने खाड़ी देशों के स्टूडेंट्स की लिस्ट बनाने को कहा

- खुफिया विभाग के अनुसार मेरठ में दूसरे देशों के 254 से अधिक स्टूडेंट्स

- वेस्ट के सभी जिलों में आईबी का हाईअलर्ट

आई एक्सक्लूसिव

सुंदर सिंह

Meerut : जम्मू के उरी में हुए सैन्य कैंप पर हमले के बाद आईबी और खुफिया विभाग ने वेस्ट यूपी के जिलों की कड़ी निगरानी करने के लिए कहा है। साथ ही वेस्ट में रह रहे मुस्लिम और खाड़ी देशों के स्टूडेंट्स की लिस्ट भी तैयार करने के साथ उन पर पैनी नजर रखने के निर्देश भी दिए हैं।

254 से अधिक स्टूडेंट्स

अकेले मेरठ में 254 से अधिक स्टूडेंट्स बाहरी देशों के रहकर पढ़ाई कर रहे हैं, जिनमें से 94 फीसदी स्टूडेंट खाड़ी देशों के हैं। खुफिया एजेंसियों के अनुसार इन सभी स्टूडेंट्स लिस्ट बनाने और नजर रखने के लिए कहा गया है। क्योंकि ऐसे ही स्टूडेंट्स स्लीपर सेल और आईएस से जुड़ जाते हैं।

हाई अलर्ट जारी

सीमा पार से लगातार आ रही धमकियों के पर गौर करते हुए खुफिया एजेंसी ने मुजफ्फरनगर, बिजनौर, गाजियाबाद, हापुड़, नोएडा, मुरादाबाद और मेरठ में ज्यादा चौकसी बरतने के निर्देश दिए गए हैं। विश्वस्त सूत्रों की मानें तो पिछले कुछ सालों में इन इलाकों में आतंकी एक्टीविटी ज्यादा देखने को मिली है। वहीं नोएडा, गाजियाबाद, मेरठ और मुजफ्फरनगर में बाहरी देशों के स्टूडेंट्स की भरमार है।

सिमी पर भी नजर

खुफिया एजेंसियों की नजर सिमी पर भी है। शक है कि आईएस के संपर्क में सिर्फ आईएम और लश्कर से ही नहीं सिमी से भी होंगे। इसके लिए खुफिया एजेंसी अपनी पैनी नजरें रखनी शुरू कर दी है। खुफिया एजेंसियों की मानें तो पिछले दस सालों में वेस्ट में सिमी की एक्टीविटी के रिकॉर्ड खंगाले जा रहे हैं।

रडार पर सोशल साइट्स

सूत्रों की मानें तो जिले ही नहीं बल्कि वेस्ट यूपी के यूथ के सोशल नेटवर्किंग साइट्स खुफिया एजेंसियों के रडार पर है। यूथ के साइट्स पर किस तरह कंटेंट ट्रांसफर हो रहा है। किन लोगों से और किस तरह के लोगों बातचीत हो रही है। किन पेजों और साइट्स को लाइक दे रहा है। तमाम बातों पर नजर रखी जा रही है।

यूथ को टारगेट

खुफिया एजेंसियों के रडार पर सबसे अधिक यूथ की सोशल नेटवर्किंग साइट्स जैसे फेसबुक, टिवट्र, जी-मेल, याहू और बाकी साइट्स हैं। खुफिया एजेंसियों के सूत्रों की मानें तो आईएस जैसे आतंकी संगठन सबसे अधिक यूथ को टारगेट करते हैं। खासकर सिविल एवं सॉफ्टवेयर इंजीनियर्स, डॉक्टर्स, प्रोफेसर्स, टीचर्स आदि की सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर हिट किया जाता है। ताकि थोड़ा सा संपर्क होने के बाद उनसे सीधा संवाद कर आईएस ज्वाइन कराया जा सके।

मेरठ का आतंकी कनेक्शन

वेस्ट यूपी पहले भी आतंकवादियों की शरणस्थली रहा है। कई साल पहले अब्दुल करीम टुंडा तीन पाक आतंकवादियों के साथ बुलंदशहर आया था।

-2008 में दिल्ली ब्लास्ट में शामिल रहे 13 आतंकवादियों में बुलंदशहर का शकील भी था। 2008 तक उसका नाम वोटर लिस्ट में भी था।

-2015 में सेना की गोपनीय जानकारी पाकिस्तान में बैठे आकाओं को देने के आरोप में मेरठ से इजाज नामक एजेंट को अरेस्ट किया गया था।

फर्जी एक्सचेंज भी मिला था

16 जनवरी 2015 को गंगानगर में एक ऐसा सेटअप मिला, जहां फर्जी टेलीफोन एक्सचेंज चल रहा था। इसका खुलासा बीएसएनएल के दिल्ली के अधिकारियों ने किया था। इस एक्सचेंज से पाकिस्तान, बांग्लादेश, अफगानिस्तान और अरब कंट्रीज में फोन कॉल किए जा रहे थे।