- सिगरा में प्राइवेट बैंक में तैनात प्राइवेट सिक्योरिटी गार्ड की दो नाली बंदूक से चली गोली, राहगीर घायल

- सिगरा पुलिस ने बिना किसी सेफ्टी के कब्जे में ली बंदूक, कई सिपाहियों ने बिना रूमाल या कपड़े के पकड़ा बंदूक

- बंदूक पर कई निशान देख फिंगर पि्रंट एक्सपर्ट पीटा अपना सिर

- गोली से राहगीर के बांया पैर हुआ फैक्चर, गॉर्ड को पुलिस ने लिया हिरासत में

VARANASI : अपने बनारस की पुलिस अपनी ड्यूटी को लेकर जानकार है और सजग है, इसका बड़ा एग्जाम्प्ल मिला बुधवार को। सिगरा नगर निगम के पास एक प्राइवेट बैंक के बाहर गार्ड की दो नाली बंदूक से अचानक गोली चल गयी। इस गोली से एक राहगीर घायल हो गया। घटना के बाद मौके पर पहुंची सिगरा पुलिस ने उस बंदूक के साथ खिलौने की तरह खेला। कभी इस हाथ तो कभी उस हाथ। फिर बंदूक थाने पहुंच गयी। यहां फिंगर प्रिंट एक्सपर्ट पहुंचे तो उन तक बंदूक पहुंचाने के लिए कई सिपाहियों ने बंदूक को नंगे हाथ उठाया। नतीजा फिंगर प्रिंट एक्सपर्ट को अपना सिर पीटना पड़ गया। पुलिस की लापरवाही का ही नतीजा था कि घटना में सबूत के तौर पर शामिल बंदूक दर्जनों फिंगर प्रिंट पड़ चुके थे जिसमें से आरोपी सिपाही का फिंगर प्रिंट कलेक्ट करने में एक्सपर्ट के पसीने छूट गये।

लोडेड राइफल से चल गई गोली

सिगरा पेट्रोल पंप से कुछ ही दूर एक कमर्शियल काम्प्लेक्स के बाहर एक प्राइवेट बैंक की ब्रांच है। बैंक में लखनऊ बेस्ड प्राइवेट सिक्योरिटी एजेंसी का गार्ड बृजमोहन सिंह गेट पर तैनात था। अपराह्न लगभग तीन बजे बैंक से रुपये लेने के लिए कैश वैन आई। वैन आने के बाद रुपयों से भरे बक्से लेकर बैंककर्मी बाहर निकले। उनके साथ जंसा चौखंडी निवासी बृजमोहन भी था। बृजमोहन के हाथों में दो नाली लोडेड बंदूक थी। गार्ड वैन के पास खड़े होकर वैन में रुपये लोड करवा ही रहा था कि अचानक बंदूक से गोली चल गयी। ये गोली सामने से गुजर रहे ककरमत्ता के साड़ी कारोबारी शहाबुद्दीन (7ख् वर्ष) को बाएं पैर में थाई पर जा घुसी लगी।

मच गया हड़कंप

गोली चलने की आवाज सुनते ही पूरे इलाके में हड़कंप मच गया। कोई कुछ नहीं समझ पाया कि गोली कैसे चली। बैंक के ब्रांच मैनेजर के निर्देश पर डिप्टी मैनेजर अमिताभ सिन्हा, एएसएम अमित कुमार त्रिपाठी व ऑडिटर इंचार्ज गौतम सिंह घायल शहाबुद्दीन को कार से लेकर मलदहिया स्थित प्राइवेट नर्सिग होम लेकर पहुंचे। खुद अमित कुमार त्रिपाठी ने ब्लड का अरेंजमेंट भी किया। जबकि बैंक के पास मौजूद पिकेट पुलिस ने तुरंत कंट्रोल रूम को इंफार्मेशन देने के साथ गार्ड को हिरासत में ले लिया।

कब्जे में ली बंदूक

सूचना मिलते ही सिगरा एसओ फोर्स संग मौके पर पहुंचे। गार्ड की बंदूक नंगी हाथों में लेकर उसे देखने का दौर यही से शुरू हुआ। किसी ने भी ये न सोचा कि ये एक अहम सबूत है और इस पर मौजूद गार्ड के फिंगर प्रिंट न खराब हो जाएं। इधर, गार्ड बृजमोहन ने कहा कि गोली कैसे चली, ये उसे खुद नहीं पता। क्योंकि न तो बंदूक को कोई झटका लगा और ना ही उसने ट्रिगर दबाया। घायल शहाबुद्दीन के बारे में इलाज कर रहे डॉक्टर्स ने बताया कि गोली से उसके पैर में फैक्चर हो गया है। घटना के बारे में छानबीन जारी है।

ये क्या किया आपने

इस घटना के बाद सिगरा पुलिस पर सबूतों से छेड़छाड़ का अगर आरोप लगाया जाये तो गलत नहीं होगा। क्योंकि पुलिस ने स्पॉट से जब गार्ड के साथ उसकी बंदूक को गिरफ्त में लिया तो पुलिस ने बगैर किसी सेफ्टी से बंदूक कब्जे में ली। इसके बाद थाने पर भी जब फिंगर प्रिंट एक्सपर्ट पहुंचे तो उनके सामने भी पुलिस वालों ने एक के बाद एक हाथों से होती हुई बंदूक को फिंगर प्रिंट एक्सपर्ट तक पहुंचाया जिसके बाद फिंगर प्रिंट एक्सपर्ट भड़क गए और पुलिस वालों को गार्ड के फिंगर प्रिंट मिटाने की बात कह वहां से चलते बने।