PATNA : गांधी मैदान में बना टेंट सिटी प्रकाश उत्सव को नजदीक से देखने वालों के लिए सेंटर ऑफ अट्रैक्शन बना हुआ है। यहां प्रवेश करने के लिए सोमवार सुबह से ही पटनाइट्स की लंबी लाइन लगी रही। सिख समुदाय के अलावा गैर सिख भी इस उत्सव के हर रंग को अपनी यादों में बसा लेना चाहते हैं। अभी दोपहर के क्ख् बजे हैं, लेकिन गेट पर भीड़ लगनी शुरू हो गई है। आई नेक्स्ट की इस रिपोर्ट के जरिए देखिए गांधी मैदान के आसपास प्रकाश उत्सव के कई रंगों को।

1 गेट के सामने 5 हजार लोग

गांधी मैदान में तीन गेट से आम लोगों की एंट्री हो रही है। सोमवार को दिनभर गेट भ्, क्0 और क्ख् पर लोगों की लंबी लाइन लगी हुई थी। गेट नंबर भ् पर कम से कम पांच हजार लोग दो भागों में बंटकर लगे हुए थे। महिलाओं की लाइन अधिक लंबी थी। गेट नंबर क्0 की स्थिति भी कमोबेश एक जैसी ही थी। भीड़ बढ़ने की स्थिति में गेट क्ख् को भी आम प?िलक के लिए खोला गया।

घुड़सवारी समेत कई आकर्षण

गांधी मैदान के भीतर का माहौल पंजाब के किसी शहर जैसा है जहां तीन लंगर हॉल, घुड़सवारी के करतब सहित कई आकर्षण हैं जिसे लोग देखना चाहते हैं। ख् बजे के आसपास गांधी मैदान के भीतर एक लाख से अधिक लोग प्रवेश कर चुके थे। सुरक्षा जांच में हर एक आदमी को एक मिनट का वक्त लग रहा था। एक घंटे के भीतर मैदान में तकरीबन ख्0 हजार लोग प्रवेश कर रहे थे।

आप भी घूमें गांधी मैदान

आम पब्लिक के लिए गांधी मैदान खुला हुआ है। यहां जाकर लंगर चखने और अंदर का बेहतरीन नजारा देखना हो तो सुबह जल्दी निकले। यहां सुरक्षा जांच के बाद प्रवेश दिया जा रहा है। प्राइवेट गाडि़यों के लिए यहां पार्किग की व्यवस्था भी है। गेट नंबर पांच पर भीड़ नियंत्रण कर रहे एनसीसी कैडेट दीपक के मुताबिक क्क् बजे के बाद से ही यह लाइन लगने लगी। दोपहर दो बजने के बाद भीड़ बढ़ती ही गई।

ड्यूटी संग धर्म-कर्म भी

अमृतसर से गुरुद्वारा प्रबंध कमेटी के अधिकारियों की सुरक्षा में तैनात पंजाब पुलिस का विशेष दल भी गांधी मैदान के आसपास देखा गया। वे पंजाब की अपनी पेट्रोलिंग वैन से सुरक्षा का जायजा ले रहे थे। अधिकारियों ने आई नेक्स्ट की बातचीत में अपने दिल की बात कही। उनका कहना था कि यह अच्छी ड्यूटी रही जिसमें काम के साथ प्रकाश पर्व जैसे बड़े मौके पर तीर्थ घूमने का मौका मिला।

पहले भी गया में ड्यूटी के दौरान आया हूं, लेकिन बिहार पूरी तरह से बदला हुआ है।

- स्वर्ण सिंह, पुलिस अधिकारी

यह पहला मौका है। ट्रैफिक व्यवस्था के बारे में ऐसा कभी नहीं सुना था। सब व्यवस्थित है।

- अमरजीत सिंह, पुलिस अधिकारी

सुबह सर्दी में टेंट के भीतर गर्म पानी की व्यवस्था देख खुश हो गया। अपनापन लगा।

- हरदीप सिंह, पुलिस अधिकारी