डांस करके दिखाओ

ग्वालियर कोर्ट में एडीशनल जज के रूप में कार्य कर रही पीडि़त जज का आरोप है कि हाईकोर्ट जज उन्हें अपने बंगले पर अकेले आने को कहते थे और मना करने पर वह इस बात को लेकर दवाब बनाते थे. गौरतलब है कि एक बार हाईकोर्ट जज ने अपने घर पर आयोजित कार्यक्रम के दौरान महिला जज को आईटम सांग पर डांस करने को भी कहा था. इस आरोप के साथ महिला ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है.

विशाखा कमेटी की सदस्य

यह महिला एडीशनल जज विशाखा कमेटी की ग्वालियर शाखा की चेयरपर्सन हैं. गौरतलब है कि यह कमेटी कार्यस्थल पर महिलाओं के यौन शोषण पर शिकंजा कसने के लिए बनाई गई थी. इस कमेटी के सुझावों को नए महिला सुरक्षा कानूनों में भी जगह मिली है. इस महिला जज ने दिल्ली कोर्ट में 15 सालों तक काम करने के बाद वर्ष 2012 में ग्वालियर कोर्ट में तैनात ली है. इनका आरोप है कि जब उनकी बेटी 12वीं कक्षा में थी तब उनका ट्रांसफर कर दिया गया और हाईकोर्ट जज से इसका कारण बात पूछने पर महिला जज को उत्तर मिला कि वो हाईकोर्ट जज की बात क्यों नही मान रही हैं.

चीफ जस्जिस ने कहा दुखद घटना

इस महिला द्वारा प्रेषित रिपोर्ट पाकर चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया आर एम लोढ़ा ने कहा है कि यह एक दुखद घटना है क्योंकि यह एक अकेला प्रोफेशन है जहां हम अपने सहकर्मियों को भाई या बहन कहकर बुलाते हैं. पीडि़त महिला ने इस केस की शिकायत हाईकोर्ट सीजे के साथ चीफ जस्टिस आर एम लोढ़ा से भी की है.

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