18 जनवरी से एडमिट बैंक ऑफिसर संध्या सुचित्रा को पंडित जी ने कहा था कि 21 जनवरी उनके बच्चे के लिए अच्छा रहेगा। उन्होंने बताया कि इसकी पूरी तैयारी कर ली थी, पर अब मालूम हुआ है कि डॉक्टर ऑपरेशन नहीं करेंगी। अभी तक हमलोगों को साफ-साफ कुछ भी पता नहीं चला है। शनिवार को अगर ऑपरेशन नहीं हुआ, तो प्रॉब्लम आ जाएगी। लेबर पेन भी शुरू हो चुका है।

नेक्स्ट डे ही कुछ होगा
हनुमान नगर निवासी अर्चना सिन्हा 19 जनवरी से नर्सिंग होम में एडमिट हैं। डॉक्टरों ने बताया था कि 21 को उनके बच्चे का जन्म हो जाएगा। पर, अब तक इसको लेकर कोई तैयारी नहीं चल रही है। डॉक्टर साहिबा ने कहा कि अगर शनिवार को पेन नहीं आया, तो हमलोग कुछ नहीं करेंगे। नेक्स्ट डे ही देखा जाएगा कि आगे क्या किया जा सकता है.

आज नहीं होगा कोई काम
शहर की गाइनोकॉलोजिस्ट्स शनिवार को अपने नर्सिंग होम में काम नहीं करेंगी। नर्सिंग होम में ओपीडी या प्लांड सर्जरी नहीं किया जाएगा। गौरतलब है कि शहर में लगभग तीन सौ गाईनी के नर्सिंग होम में हर दिन पांच हजार से अधिक पेशेंट्स आते हैं। बिहार, झारखंड व बंगाल के पेशेंट्स इलाज के लिए पहले से ही अपना नंबर लगाए रहते हैं। अफसोस, 21 जनवरी को ऐसे पांच हजार से अधिक पेशेंट्स को इसकी जानकारी नहीं होगी कि जब वे नर्सिंग होम में जाएंगे, तो उन्हें देखने के लिए डॉक्टर रहेंगी ही नहीं। दरअसल, दो जनवरी को तमिलनाडु के टूटी कोरिन में डॉ। सेथू लक्ष्मी की हुई हत्या के विरोध में फॉग्सी की ओर से लेडी डाक्टर्स से काम ना करने की अपील की गई है।

जूनियर्स पर होगी जिम्मेवारी 
पीएमसीएच जैसे बड़े अस्पताल में गाईनी बैठेंगी तो जरूर, लेकिन वे किसी भी तरह काम नहीं करेंगी। जूनियर डॉक्टर के पास जाकर आप ट्रीटमेंट करवा सकते हैं। इसके अलावा तमाम नर्सिंग होम में नर्सेज के ऊपर नॉर्मल डिलेवरी करवाने की जवाबदेही रहेगी। सीजेरियन का सभी काम बंद रहेगा। इस संबंध में डॉ अनिता सिंह और डॉ मंजू गीता मिश्रा ने बताया कि फॉग्सी के अध्यक्ष डॉ पीसी महापात्रा की अपील पर सरकारी अस्पतालों में भी डॉक्टर जाएंगी जरूर, लेकिन काम नहीं करेंगी। इसके सपोर्ट में पांच बजे शाम में आईएमए हॉल से हड़ताली मोड़ तक रैली निकाली जाएगी.