आपने न्यू पटना सिटी डिजाइन किया है। इसके बारे में बताइए?

न्यू पटना सिटी बनने के बाद मैं कांफिडेंस के साथ कह सकता हूं कि इट विल बी द मोस्ट सॉट आफ्टर सिटी टू लिव इन। इस सिटी के लिए हम गंगा रिवर बैंक की जमीन यूज कर सकते हैं। यहां नोएडा की तरह लैंड फारमर्स से लेने की जरूरत नहीं पड़ेगी। पटना सिटी बनने के बाद यह दिल्ली और मुम्बई जैसा या उससे भी कहीं ज्यादा खूबसूरत दिखेगा।

क्या न्यू पटना सिटी प्लान एप्रूव हो गया है?

हमारी अर्बन डेवलपमेंट डिपार्टमेंट के सेक्रेटरी से मीटिंग हुई है। अभी यह प्लान पाइपलाइन में है। लेट्स वेट एंड वॉच।

हाल ही में डेवलप हुए नया रायपुर सिटी को पटना सिटी से कैसे कम्पेयर करेंगे?

हां, रायपुर का कैपिटल सिटी प्लान मैंने देखा है। इतना ही कह सकता हूं कि पटना सिटी बनने के बाद यूनिक होगा।

पटना में सस्टेनेबल कंस्ट्रक्शन कैसे किया जा सकता है?

लैंड का ज्यूडिशियस यूज करके। कम जमीन का मैक्सिमम यूज किया जाना चाहिए। एनर्जी एफिशिएंट बिल्डिंग्स बनाए जाने चाहिए।

आपके डिजाइंस की यूनिक सेलिंग प्वाइंट (यूएसपी)?

हम टू प्लस टू इज इक्वल टू सिक्सटी फोर बनाते हैं। फाइनेंस एंड रिसोर्सेज की कमी के बावजूद अच्छा काम करते हैं। हम काम करते हैं क्लाइंट्स की प्रॉब्लम सॉल्व करने के लिए, उनकी जरूरतों को पूरा करने के लिए और एप्ट फंक्शन प्रोवाइड करने के लिए।

किसी ऐसे प्रोजेक्ट के बारे में बताइए जहां आपने फाइनेंस की कमी के बावजूद काम किया हो?

महाराष्ट्र में स्कूल बनाने के लिए गवर्नमेंट प्रोजेक्ट के लिए मुझे एप्रोच किया गया था। मुझसे रिक्वेस्ट किया गया कि सिर्फ एक लाख दस हजार के बजट में एक स्कूल बनाना है जिसमें चार क्लासरूम, एक प्रिंसिपल ऑफिस, दो टॉयलेट और बाउंड्री होगी। पहले तो मैंने सोचा कि यह बिल्कुल एब्जर्ड है और मैं ना बोल दंू, मगर फिर मैंने इसे चैलेंज के रूप में लिया। अपना माइंड अप्लाई किया। महाराष्ट्र के विभिन्न गांवों में ये स्कूल बनने थे। सो, हमने वहां आसानी और भरपूर मिलने वाली स्टोन, मड़ और काऊ डंग का यूज करके 5 फीट ऊंची बाउंड्र्री बनाई। पुरानी खिड़की और दरवाजे यूज किए और इस तरह के और भी लोकल रिसोर्सेज के हेल्प से काम पूरा किया।

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