सईद ने कहा है कि भारत को ख़ुश करने के लिए अमरीका ने उनकी संस्था पर प्रतिबंध लगाया है.

अमरीका के अनुसार यह संस्था चरमपंथी समूह का अंग है और उसने हाफ़िज़ सईद की गिरफ़्तारी के लिए एक करोड़ डॉलर (क़रीब 60 करोड़ रुपए) का इनाम घोषित कर रखा है.

बीबीसी के साथ जमात-उद-दावा के प्रमुख हाफ़िज़ सईद के एक्सक्लूसिव इंटरव्यू के खास हिस्से आप कुछ समय बाद बीबीसी हिंदी पर पढ़ पाएंगे..

हालांकि वह अभी भी लाहौर में खुलेआम रह रहे हैं.

लाहौर में बीबीसी संवाददाता एंड्र्यू नॉर्थ से  सईद ने कहा, ''अमरीका हमेशा भारत के कहने पर फ़ैसले लेता है. अब उसने नए प्रतिबंध इसलिए लगाए हैं, क्योंकि उसे अफ़ग़ानिस्तान में भारत का सहयोग चाहिए. मेरा मुंबई हमलों से कोई लेना-देना नहीं है. पाकिस्तान की अदालतों ने कहा है कि मेरे ख़िलाफ़ भारत के सभी सबूत केवल प्रचार भर हैं.''

हाफ़िज़ सईद ने जमात उद दावा पर अमरीकी प्रतिबंधों के ऐलान के बाद पाकिस्तान के लाहौर में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अपना पक्ष रखा था.

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