इस सर्च इंजन का नाम है ‘हलालगूगलिंग’. गूगल और बिंग जैसी लोकप्रिय वेबसाइटों से सूचना इकठ्ठा करके यह सर्च इंजन जानकारी मुहैया कराता है.

पाकिस्तान के अख़बार एक्सप्रेस ट्रिब्यून के मुताबिक हलालगूगलिंग में ऐसी फिल्टर प्रणाली का इस्तेमाल किया गया है जो इस्लाम में 'हराम या निषिद्ध' मानी जाने वाली चीज़ों को ब्लॉक करता है.

मसलन इस सर्च इंजन पर लोग "पॉर्नोग्राफी, न्यूडिटी, गे, लेस्बियन, बाइसेक्सुअल, गैम्बलिंग या इस्लाम विरोधी शब्दों" के साथ सर्च नहीं कर पाएंगे.

लेकिन अगर किसी को शैक्षणिक उद्देश्य के लिए इन शब्दों और उनके बारे में जानना है तो उसे हलालगूगलिंग ये जानकारी देगा.

अख़बार ने अपनी रिपोर्ट में एक प्रेस रिलीज़ के हवाले से कहा है, "दुनिया के डेढ़ अरब मुसलमान इंटरनेट पर मुहैया कराई जा रही सामग्री को लेकर फिक्रमंद थे. उनकी चिंता ने इस तरह की एक वेबसाइट की जरूरत को जन्म दिया."

'प्रामाणिकता'

इसके अलावा हलालगूगलिंग पहले से प्रतिबंधित वेबसाइटों को अपने नतीजों से निकाल देता है.

इसमें एक विकल्प यह भी दिया गया है कि इंटरनेट यूज़र इस्लामी क़ानून के अनुसार निषिद्ध चीज़ों के बारे में रिपोर्ट कर सकता है. किसी वेबसाइट के भीतर के किसी 'अवांछित पन्ने' को भी हटाए जाने की सुविधा दी गई है.

अख़बार की ब्लॉगर ईमान शेख ने 'हलालगूगलिंग की प्रामाणिकता' की जाँच 'सेक्सी' शब्द को इंटर करके इसके नतीजों की पड़ताल करने की कोशिश की.

उन्होंने अपने अनुभव के बारे में लिखा है, "सेक्सी शब्द के लिए हलालगूगलिंग ने जो नतीजे दिए हैं वह जानकारी देने वाले कम और उपदेश देने वाले अधिक थे."

ऐसा नहीं है कि हलालगूगलिंग इस तरह की पहली कोशिश है. ऐसे प्रयास पहले भी किए गए हैं. इनमें इमहलालडॉटकॉम और हलालसर्च प्रमुख हैं.

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