ज्यादा भत्ते के लिए कम समय में ज्यादा कॉपी चेक कर रहे परीक्षक

गलत मूल्यांकन करते मिल रहे परीक्षक

1 मिनट भी नहीं लग रहा कॉपी जांचने में

Meerut। उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद की 10वीं व 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं की कापियां जांचने में परीक्षकों को आधा मिनट भी नहीं लग रहा है। परीक्षकों की लापरवाही से गलत मूल्यांकन के मामले समाने आ रहे हैं, जिससे छात्रों का भविष्य दांव पर है।

7 से 9 मिनट हैं निर्धारित

बोर्ड की ओर से परीक्षकों को एक कॉपी जांचने के लिए 7 से 9 मिनट निर्धारित हैं, लेकिन स्थिति यह है कि परीक्षक कॉपी जांचने में आधा मिनट भी नहीं लगा रहे हैं, इक्का दुक्का कॉपियों में ही शिक्षक एक मिनट का समय दे रहे हैं।

45 से 50 कापियों का मानक

मूल्यांकन के लिए परीक्षकों को बकायदा एक निश्चित संख्या में कॉपी जांचने के निर्देश हैं। इसके लिए 10वीं में 45 कापी व 12वीं के लिए 50 कॉपी निर्धारित हैं, लेकिन मूल्यांकन केंद्रों पर एक परीक्षक दिनभर में 100 कापियां तक जांच रहे हैं।

अधिक भत्ते का लालच

परीक्षकों को मूल्यांकन के दौरान जांच की गई प्रति कॉपी के हिसाब से शासन अतिरिक्त भत्ता प्रदान करता हैं। 10 व 12वीं की कापियों के लिए यह रकम 10 रूपये प्रति कापी हैं। दिनभर में अधिक से अधिक भत्ता पाने के लिए परीक्षक निर्धारित मानकों से ज्यादा कॉपी चेक कर रहे हैं।

मूल्यांकन केंद्रों पर परीक्षकों की भारी संख्या में कमी हैं। हमारे पास समय कम है। ऐसे में सभी परीक्षकों को निर्देश दिए गए हैं कि वह कापी को पूरी तन्मयता से जांच करें। गड़बड़ी मिलने पर हम कार्रवाई भी कर रहे हैं।

गिरजेश कुमार चौधरी, डीआईओएस, मेरठ

संदेहास्पद कॉपी मिली

राजकीय इंटर कॉलेज में गुरुवार को संदेहास्पद कापी सामने आई हैं। जीआईसी केंद्र के प्रभारी फतेह चंद ने बताया कि इंटर की अर्थशास्त्र की एक कॉपी में अधिकतर सवाल सही लिखे हैं मगर उन्हें पेन से क्रास निशान बनाकर काट दिया गया हैं। यह किसी की शरारत न हो इसे ध्यान में रखते हुए कापी को जांच के लिए भेजा गया हैं।