भूगोलशास्त्री ने कहा-चांद कभी उलटा हो ही नहीं सकता

PATNA: रविवार का दिन अफवाहों भरा रहा। एक तरफ पटनाइट्स दिनभर भूकंप से सहमे रहे, तो रात में चांद की अफवाह ने लोगों को और परेशान कर दिया है। जितना ही लोगों को समझाया जाता, उससे अधिक लोग परेशान होते। हर कोई अपनी आंखों की विश्वसनीयता को सही मानते हुए अपने जानने पहचानने वालों को कॉल करके इसकी फौरन सूचना देने में जुटे थे। दो घंटे के भीतर लगातार लोगों के कॉल आने-जाने और समझाने का सिलसिला लगातार चलता रहा। कई एरिया से लोग घर से बाहर निकलकर चांद को देखने में जुटे रहे, वहीं, मौसम विभाग और साइंटिस्ट की टीम लगातार लोगों को समझाने में जुटे रहें। इसकी भनक जैसे ही गवर्नमेंट को लगी तो उन्होंने भी अपनी ओर से यह बताया कि यह पूरी तरह से अफवाह है, गलत है।

भूगोल के जानकार ने खोली पोल

भूगोल शास्त्री साइंटिस्ट, रिसर्चर और ज्योतिष इन अफवाहों पर जोरदार ठहाका मारते और एक ही सवाल उन लोगों से पूछने के लिए कहते थे कि उन्होंने कितनों दिनों बाद चांद को देखा है। इनका मानना है कि ऐसा कभी नहीं हो सकता है। उन्होंने कहा कि अमावस्या के बाद चांद का साइज हशिए की तरह शुरू होकर बढ़ता रहता है और पूर्णिमा को पूरा हो जाता है। पूर्णिमा के बाद चांद कम होना शुरू होता है। पीयू के प्रोफेसर व भूगोल के जानकार के एन पासवान ने बताया कि ऐसा कुछ नहीं है। चांद आज भी पूरब की तरफ गोलाई लिए हुए हैं। ये एक कंप्लीट साइंस है। जब सूर्य पश्चिम में होता है और उसकी रोशनी चांद पर पड़ती है, तो उस रोशनी की वजह से चांद का पूरबी भाग गोलाई लिए हुए रहता है। आज भी चांद पूरब की तरफ से गोल था। यह लोगों की नजरों का दोष है, जो काफी समय के बाद चांद को देख रहे हैं।