तो फर्जी था हमीरपुर का सुमेरपुर काण्ड?

-एसपी और डीएम ने जारी की ज्वाइंट रिपोर्ट

-महिला थाने गयी ही नहीं और लगा दिया आरोप, सीडीआर में थाने से कोसों दूर मिले आरोपी दरोगा और सिपाही

-हिस्ट्री शीटर पति को बचाने के लिए महिला ने रचा था नाटक

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LUCKNOW (12 June): कान चेक नहीं किया और कौआ के पीछे भाग खड़े हुए। कुछ ऐसा ही हुआ हमीरपुर के थाना सुमेरपुर में। जहां महिला ने थाने के अंदर एक सब इंस्पेक्टर और चार सिपाहियों पर गैंग रेप का आरोप लगाया और रेप सहित भ्रष्टाचार का केस भी रजिस्टर हो गया। जांच के दौरान पाया गया कि महिला थाने गयी ही नहीं थी और पूरी घटना मनगढ़ंत कर ना सिर्फ एसपी को बतायी गयी बल्कि मामले में फौरन एफआईआर भी दर्ज कर ली गयी। लेकिन अब पुलिस का कहना है कि पूरा मामला फर्जी है और अपने हिस्ट्री शीटर पत्‍‌नी को बचाने के लिए महिला ने यह नाटक रचा।

मेडिकल में भी आरोप खारिज

महिला ने आरोप लगाया था कि उसका पति जो हिस्ट्री शीटर है दो दिन पहले जेल से छूट कर आया था और उसे पुलिस दोबारा पकड़ ले गयी। जिसे छुड़ाने के लिए वह थाने पहुंची। थाने पर मौजूद सब इंस्पेक्टर राहुल पाण्डेय और दो सिपाहियों समेत पांच लोगों ने उसके साथ गैंग रेप किया और ख्0 हजार रुपये लेकर छोड़ने की बात कही। महिला ने बताया कि उसने तीन रिश्तेदारों से पांच-पांच हजार रुपये लिये और पंाच हजार रुपये अपने ससुर के एकाउंट से निकाला। लेकिन मेडिकल जांच में पाया गया कि महिला साढ़े तीन महीने से प्रेग्नेंट है और उसके प्रेग्नेंसी सेफ है और किसी तरह की इंटरनल या एक्स्टरनल इंजरी नहीं है। जांच में ना तो महिला के किसी साथी ने पांच-पांच हजार रुपये देने की बात कही बल्कि बैंक एकाउंट के स्टेटमेंट में भी पैसे ना निकाले जाने की बात सामने आयी।

बयान से पलटती रही महिला

महिला ने तहरीर में दिन में एक बजे रेप की बात कही थी जबकि मेडिकल टेस्ट के दौरान बताया कि उसके साथ साढ़े क्क् बजे रेप हुआ। लेकिन जब जांच में रेप की पुष्टि नहीं हुई तो महिला भी अपने बयान से पलट गयी। वहीं जब आरोपी पुलिस कर्मियों की सीडीआर और लोकेशन निकलवायी गयी तो उसमें राहुल पाण्डेय एक दबिश में बांदा जिले के गिरवां थाने गये हुए थे, जहां की लोकेशन मिली।

.तो इस लिये लगा दिया आरोप

जिस दरोगा और सिपाही के खिलाफ महिला ने आरोप लगाया था उस टीम ने उसके हिस्ट्री शीटर पति को दो जून को जेल भेजा था। जिसका बदला लेने के लिए यह आरोप महिला ने इन पुलिस वालों पर लगाये। विक्टिम महिला के सास और ससुर से भी पुलिस ने बयान लिया जिसमें बताया कि 9 जून को लड़के के छूटने के बाद से उसका बेटा कथित घटना के दिन शाम तक घर पर ही मौजूद था और महिला ने घर में इस तरह की किसी घटना का जिक्र नहीं किया।

थाने गयी ही नहीं थी महिला

वहीं थाने में किसी महिला के आने की पुष्टि भी नहीं की जा सकी। आईजी अमरेंद्र सेंगर ने बताया कि कथित घटना वाले दिन एक मुल्जिम की गिरफ्तारी के सिलसिले में सीओ सदर खुद थाने के अंदर मौजूद थे। और जिस दरोगा पर आरोप लगाया गया वह हमीरपुर के ही ललपुरा एसओ के साथ एक गिरफ्तारी के लिए बांदा गया हुआ था।