खबर सुनते ही हिल गया जिला प्रशासन, डीएम ने कहा भूख से नहीं हुई मौत

पुलिस के साथ पहुंचे लेखपाल व कानूनगो ने की जांच

पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया शव, ग्रामीणों में तरह-तरह की चर्चा

<खबर सुनते ही हिल गया जिला प्रशासन, डीएम ने कहा भूख से नहीं हुई मौत

पुलिस के साथ पहुंचे लेखपाल व कानूनगो ने की जांच

पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया शव, ग्रामीणों में तरह-तरह की चर्चा

pratapgarh@inext.co.in

PRATAPGARH: pratapgarh@inext.co.in

PRATAPGARH: रानीगंज के नजियापुर गांव में भूख से एक दिव्यांग अधेड़ के मौत की सूचना पर शनिवार को पूरा प्रशासन हिल गया। देखते ही देखते जिले के तमाम अधिकारी मृतक के घर जा पहुंचे। तब तक लोगों की भी वहां भीड़ जमा हो गई। मृतक के घर पहुंचे अधिकारियों ने गहन छानबीन की। इसके बाद प्रशासन ने उसके शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। डीएम ने दावा किया कि उसकी मौत भूख से नहीं हुई। घर में पर्याप्त राशन मिले हैं। किसी ने गलत अफवाह फैला दी थी। फिलहाल डीएम के दावे में कितनी सच्चाई है पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद सब कुछ साफ हो जाएगा।

रानीगंज क्षेत्र का है मामला

रानीगंज थाना क्षेत्र के नजियापुर गांव निवासी रामसिंगार गौड़ पुत्र स्व। किशोरीलाल दिव्यांग था। उसकी माली हालत ठीक नहीं थी। दिव्यांग की पत्‍‌नी करीब क्0 वर्ष पहले उसे छोड़कर कहीं चली गई। उसके पास न तो रहने का ठीक से आशियाना था और न ही खाने के लिए घर में दाना। ग्रामीणों की मानें तो उसका लाल कार्ड बना है, जिससे राशन मिलता था और उसी से वह जीविकोपार्जन करता था। महीने भर पहले दिव्यांग का बेटा अपनी बुआ के यहां शहर जाकर रहने लगा। इधर रमासिंगार घर पर अकेले रह रहा था। दिव्यांगता के कारण खाना नहीं बना पाता था।

ग्रामीणों ने दी प्रशासन को सूचना

शनिवार को वह चारपाई पर मृत मिला तो गांव में हड़कंप मच गया। इसी बीच किसी ने प्रशासन को सूचना दी कि भूख से दिव्यांग की मौत हो गई है। यह खबर सुनते ही प्रशासनिक अधिकारियों में हड़कंप मच गया। बात डीएम तक पहुंची तो उनके होश उड़ गए। बगैर देर किए मौके पर उन्होंने अधिकारियों को भेजा। मौके पर लेखपाल व कानूनगो के साथ पुलिस पहुंची। शव बिस्तर पर ही पड़ा था। माना जा रहा है कि मौत एक दो दिन पहले हुई थी। लेकिन ग्रामीणों को जानकारी शनिवार को हुई। बेटे विनय गौड़ का कहना है कि वह कुछ दिन पहले कोटे से राशन उठाकर घर में रखकर गया था। बारिश में भीग जाने से खराब हो गया था। ग्रामीणों में चर्चा है कि उसकी मौत भूख से हुई है। यह देखते हुए प्रशासन ने उसके शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। हालांकि जिला प्रशासन भूख से मौत की बात को सिर्फ अफवाह ही बता रहा है। अधिकारियों ने कहा कि उसके घर में पर्याप्त राशन मिले हैं। उसकी मौत भूख से नहीं हुई है। फिलहाल पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद सारी चीजें साफ हो जाएंगी।

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फिर कैसे बनाता था वह खाना?

भूख से दिव्यांग की मौत को प्रशासन के जरिए इंकारे जाने के बाद लोगों के जेहन में तमाम तरह के सवाल उठने लगे। लोगों का सवाल यह था कि वह दिव्यांग था, और घर पर उसका बेटा भी नहीं रहता था। ऐसे में वे खुद से खाना बना कर कैसे खाया होगा। जिस बिस्तर पर उसकी डेड बॉडी पड़ी थी उसमें दीमक लग चुके थे। यदि लोगों की इस बात को सच मान ली जाय तो प्रश्न यह उठता है कि यदि वे खाना बना कर खुद से खाने के काबिल होता तो वे अपना बिस्तर साफ क्यों न किया होता? लोगों के सवाल का जवाब क्या यह तो रब ही जानें, पर इतना जरूर है कि हालात को देखने वाले लोगों के गले से नीचे प्रशासन के दावे नहीं उतर रहे हैं।

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घटना की जानकारी होने पर लेखपाल व कानूनगो को मौके पर भेजा गया था। हालांकि वह मानसिक रूप से विक्षिप्त था। उसके बेटे ने बताया कि राशनकार्ड बना था और घर पर राशन भी था। भूख से उसकी मौत नहीं हुई है। शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है।

डॉ। आदर्श सिंह, डीएम