क्या है पूरा मामला?
नार्थ सेंट्रल रेलवे के रिक्रूटमेंट सेल ने 2010 में 4692 पदों की भर्ती के लिए वैकेंसी निकाली थी। 15 मार्च 2013 को इस भर्ती का रिजल्ट एनाउंस कर दिया गया। टोटल पदों के सापेक्ष रेलवे ने सिर्फ 4072 पदों का ही रिजल्ट एनाउंस किया। जबकि, सेलेक्ट हुए 620 अन्य कैंडीडेट्स को रिजल्ट में वेटिंग लिस्ट में डाल दिया गया। रिक्रटमेंट प्रॉसेस से जुड़े ऑफिसर्स के मुताबिक इसका मतलब है कि सेलेक्शन के लिए बनी मेरिट में आपने जगह बना ली है, लेकिन कुछ जरूरी कागजों के उपलब्ध न होने या मिलान न हो पाने के कारण वेटिंग लिस्ट में डाल दिया गया है। वेटिंग लिस्ट में जगह बनाने वाले बैचेन होने लग गए। उन्होंने डेली रिक्रूटमेंट सेल के ऑफिस पहुंचकर क्वैरी करना शुरू कर दिया। प्रॉपर रिस्पांस और जवाब न मिलने के चलते वेडनसडे को ऐसे ही सेलेक्टेड कुछ कैंडीडेट्स ने आरआरसी ऑफिस के बाहर हंगामा भी किया. 

Final result late क्यों? 
620 कैंडीडेट्स का रिजल्ट क्यों डिक्लेयर नही किया जा रहा है? इस पर आरआरसी के इंचार्ज संजीव कुमार ने बताया कि इन कैंडीडेट्स के डाक्यूमेंट्स की जांच प्रोसेस में है। उन्होंने बताया कि ज्यादातर कैंडीडेट्स के फार्म व आंसर सीट को फोरेंसिक एक्सरसाइज के लिए एक्सपर्ट के पास भेजा गया है। वह बताते हैं कि इन कैंडीडेट्स के एप्लीकेशन फार्म, आसंर सीट व अन्य डाक्यूमेंट में सिग्नेचर व राइटिंग अलग-अलग है। इसीलिए फोरेंसिक जांच कराई जा रही है ताकि पक्का सुबूत तैयार किया जा सके। जब तक जांच कम्प्लीट हो नहीं जाती और उनके पास उसकी रिपोर्ट नहीं होती इन 620 कैंडीडेट्स का रिजल्ट फाइनल नहीं किया जा सकता। उन्होंने बताया कि फोरेंसिक एक्सरसाइज काफी टिपिकल वर्क है। इसमें जल्दबाजी का सवाल ही नहीं उठता है। उन्होंने यह भी कहा कि जिन कैंडीडेट्स के एप्लीकेशन फार्म, आसंर सीट, अटेंडेंस शीट में राइटिंग व सिग्नेचर मैच नहीं करेंगे उनका रिजल्ट डिटेल जांच के लिए रोका और कैंसिल भी किया जा सकता है. 

Home ministry के अधीन है जांच एजेंसी
संजीव कुमार ने बताया कि होम मिनिस्ट्री के अधीन एक एजेंसी है जो इन कैंडीडेट्स के डॉक्यूमेंट की फारेंसिक एक्सरसाइज का काम करती है। इसको जनरल एक्जामिनेशन ऑफ क्वेश्चन डाक्यूमेंट कहा जाता है। यह काम गोपनीय एजेंसी द्वारा किया जाता है। उन्होंने यह कहा कि कई ऐसे भी कैंडीडेट्स हैं जिनके पूरे डाक्यूमेंट नहीं जमा थे, कुछ भर्ती की विजिलेंस जांच भी चल रही है। इन रीजन के चलते 620 कैंडीडेट्स का रिजल्ट रुका हुआ है। उन्होंने साफ किया कि अगर एप्लीकेशन फार्म और आंसर सीट में राइटिंग व सिग्नेचर मैच नहीं करते हैं तो भर्ती कैंसिल की जा सकती है। क्योंकि, एप्लीकेशन फार्म में यह बात साफ मेंशन होती है कि इसे कैंडीडेट्स द्वारा ही फिल किया जाए. 

एप्लीकेशन फार्म किसी ने भरा और एग्जाम में कोई और बैठा है तो उसकी भर्ती निरस्त की जा सकती है। भले ही उसके सभी डाक्यूमेंट सही हों। जिन कैंडीडेट्स का रिजल्ट पेडिंग है उनके डाक्यूमेंट को फारेंसिक एक्सरसाइज के लिए भेजा गया है.
संजीव कुमार, 
हेड, आरआरसी

क्या है पूरा मामला?

नार्थ सेंट्रल रेलवे के रिक्रूटमेंट सेल ने 2010 में 4692 पदों की भर्ती के लिए वैकेंसी निकाली थी। 15 मार्च 2013 को इस भर्ती का रिजल्ट एनाउंस कर दिया गया। टोटल पदों के सापेक्ष रेलवे ने सिर्फ 4072 पदों का ही रिजल्ट एनाउंस किया। जबकि, सेलेक्ट हुए 620 अन्य कैंडीडेट्स को रिजल्ट में वेटिंग लिस्ट में डाल दिया गया। रिक्रटमेंट प्रॉसेस से जुड़े ऑफिसर्स के मुताबिक इसका मतलब है कि सेलेक्शन के लिए बनी मेरिट में आपने जगह बना ली है, लेकिन कुछ जरूरी कागजों के उपलब्ध न होने या मिलान न हो पाने के कारण वेटिंग लिस्ट में डाल दिया गया है। वेटिंग लिस्ट में जगह बनाने वाले बैचेन होने लग गए। उन्होंने डेली रिक्रूटमेंट सेल के ऑफिस पहुंचकर क्वैरी करना शुरू कर दिया। प्रॉपर रिस्पांस और जवाब न मिलने के चलते वेडनसडे को ऐसे ही सेलेक्टेड कुछ कैंडीडेट्स ने आरआरसी ऑफिस के बाहर हंगामा भी किया. 

Final result late क्यों? 

620 कैंडीडेट्स का रिजल्ट क्यों डिक्लेयर नही किया जा रहा है? इस पर आरआरसी के इंचार्ज संजीव कुमार ने बताया कि इन कैंडीडेट्स के डाक्यूमेंट्स की जांच प्रोसेस में है। उन्होंने बताया कि ज्यादातर कैंडीडेट्स के फार्म व आंसर सीट को फोरेंसिक एक्सरसाइज के लिए एक्सपर्ट के पास भेजा गया है। वह बताते हैं कि इन कैंडीडेट्स के एप्लीकेशन फार्म, आसंर सीट व अन्य डाक्यूमेंट में सिग्नेचर व राइटिंग अलग-अलग है। इसीलिए फोरेंसिक जांच कराई जा रही है ताकि पक्का सुबूत तैयार किया जा सके। जब तक जांच कम्प्लीट हो नहीं जाती और उनके पास उसकी रिपोर्ट नहीं होती इन 620 कैंडीडेट्स का रिजल्ट फाइनल नहीं किया जा सकता। उन्होंने बताया कि फोरेंसिक एक्सरसाइज काफी टिपिकल वर्क है। इसमें जल्दबाजी का सवाल ही नहीं उठता है। उन्होंने यह भी कहा कि जिन कैंडीडेट्स के एप्लीकेशन फार्म, आसंर सीट, अटेंडेंस शीट में राइटिंग व सिग्नेचर मैच नहीं करेंगे उनका रिजल्ट डिटेल जांच के लिए रोका और कैंसिल भी किया जा सकता है. 

Home ministry के अधीन है जांच एजेंसी

संजीव कुमार ने बताया कि होम मिनिस्ट्री के अधीन एक एजेंसी है जो इन कैंडीडेट्स के डॉक्यूमेंट की फारेंसिक एक्सरसाइज का काम करती है। इसको जनरल एक्जामिनेशन ऑफ क्वेश्चन डाक्यूमेंट कहा जाता है। यह काम गोपनीय एजेंसी द्वारा किया जाता है। उन्होंने यह कहा कि कई ऐसे भी कैंडीडेट्स हैं जिनके पूरे डाक्यूमेंट नहीं जमा थे, कुछ भर्ती की विजिलेंस जांच भी चल रही है। इन रीजन के चलते 620 कैंडीडेट्स का रिजल्ट रुका हुआ है। उन्होंने साफ किया कि अगर एप्लीकेशन फार्म और आंसर सीट में राइटिंग व सिग्नेचर मैच नहीं करते हैं तो भर्ती कैंसिल की जा सकती है। क्योंकि, एप्लीकेशन फार्म में यह बात साफ मेंशन होती है कि इसे कैंडीडेट्स द्वारा ही फिल किया जाए. 

 

एप्लीकेशन फार्म किसी ने भरा और एग्जाम में कोई और बैठा है तो उसकी भर्ती निरस्त की जा सकती है। भले ही उसके सभी डाक्यूमेंट सही हों। जिन कैंडीडेट्स का रिजल्ट पेडिंग है उनके डाक्यूमेंट को फारेंसिक एक्सरसाइज के लिए भेजा गया है।

संजीव कुमार, 

हेड, आरआरसी

 

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