- सैकड़ों वर्ष बाद हनुमान जयंती पर बन रहा दुर्लभ संयोग

- शनिवार को इस महापर्व के पड़ने से बढ़ गया है महत्व

- एक दिन की उपासना से मिलेगी हर दुख विपदा से मुक्ति

PATNA : शास्त्रों में हनुमान को कलयुग का प्रत्यक्ष देव कहा गया है। उल्लेख है कि मां सीता से अजर-अमर का आर्शीवाद मिलने के बाद वह पृथ्वी पर मानव रक्षा के लिए विचरण करते हैं। इसी महत्व को लेकर इनकी उपासना हर साल हनुमान जयंती पर धूमधाम से की जाती है। इस बार शनिवार को पड़ रही हनुमान जयंती सैकड़ों वर्ष बाद दुर्लभ संयोग लेकर आई है। शनिवार को मेष लग्न में हुआ जन्म इस बार भी वही तिथि और समय दोहराएगा। ऐसे विशेष संयोग को लेकर ज्योतिष विद्वानों का मत है कि एक दिन की उपासना से ही हर दुख विपत्ति से मुक्ति मिल जाएगी।

- ऐसे बन रहा विशेष संयोग

ज्योतिष विद्वान आचार्य योगेश पांडेय के मुताबिक श्रीराम भक्त हनुमान का जन्म कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चुर्तदशी तिथि को हुआ था। उस दिन शनिवार था और यही कारण है कि शनिवार को हनुमान जी की उपासना विशेष रूप से की जाती है। इस बार कार्तिक माह कृष्ण पक्ष की चर्तुदशी शनिवार को पड़ रहा है। इसे नरक चर्तुदशी के रुप में भी जाना जाता है। शनिवार को इस पर्व के पड़ने से न सिर्फ तिथि का महत्व बढ़ा है बल्कि लोक कल्याणकारी संयोग भी बन रहा है। ज्योतिष विद्वान का कहना है कि कलियुग के प्रत्यक्ष देव के रूप में हनुमान जी की एक दिन की उपासना से ही हर मनोकामना पूरी होगी और सभी प्रकार के कष्टों से मुक्ति मिलेगी। जो जातक ग्रहों के प्रतिकूल प्रभाव से पीडि़त हों उनके लिए उपासना के ये सही और उपयुक्त समय सिद्ध होगा।

- ऐसे करें हुनमान को प्रसन्न

ज्योतिष विद्वान हिमांशु मिश्रा का कहना है कि शनिवार की शाम मेष लग्न में हनुमान जी की उपासना करें। हनुमान मंदिर में जाकर श्रीराम भक्त को प्रसाद चढाएं और भजन कीर्तन करें। भगवान श्रीराम का स्मरण करने मात्र से हनुमान जी प्रसन्न होते हैं। ऐसे में जातक मंदिरा में जाकर उनकी उपासना करता है तो हर बाधा से मुक्ति मिल जाएगी। रामदरबार के चित्र के सम्मुख बैठक कर हनुमान चालीसा का पाठ करें। प्रसाद चढ़ाए और लोगों में उसका वितरण करें।

- शनि ग्रह से पीडि़तों के लिए शुभ दिन

ज्योतिष विद्वानों का कहना है कि जो व्यक्ति शनि ग्रह के प्रभाव से परेशान हैं उनके लिए शनिवार को हनुमान जयंती पर उपासना का उपयुक्त समय है। इसका पूरा लाभ उठाना चाहिए क्योंकि ऐसे संयोग जल्दी नहीं आते हैं। कई वर्ष बाद इस बार शनिवार की शाम को मेष लग्न में कार्तिक कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी पड़ रही है। इसका पूरा लाभ उठाते हुए पूजा अनुष्ठान करना चाहिए। ज्योतिष विद्वानों का मत है कि शनिवार को ही नरक चर्तुदशी है और इस पर शाम को यम के नाम से चार मुखी दीपक जलाने से भी हर संकट से मुक्ति मिल जाती है। ऐसा हर किसी को करना चाहिए। इससे शरीर के साथ घर से भी नकरात्मक उर्जाएं बाहर निकल जाती हैं।