- हनुमान जयंती के दिन चार अप्रैल को लग रहा है चंद्रग्रहण, नौ घंटे पहले लग जायेगा सूतक

- सूतक काल में मंदिर प्रवेश है वर्जित, जिसके चलते भक्तों को भगवान के दर्शन के लिए मिलेगा कम समय

VARANASI:

एक बार फिर चंद्रमा पर संकट के बादल छाने वाले हैं। जी हां, चार अप्रैल को चंद्र ग्रहण लगने वाला है। खास यह है कि इसी दिन भगवान हनुमान की जयंती भी है। शास्त्रों में ग्रहण काल और उसके पहले लगने वाले सूतक काल में मंदिर में प्रवेश, भगवान के दर्शन करना या मूर्ति को स्पर्श करना वर्जित बताया गया है। इसी धार्मिक मान्यता के चलते भक्तों को अपने प्रिय बजरंग बली के जन्मदिन के दिन भी उनके दर्शन के लिए कम समय ही मिलेगा।

मंदिर के पाट होंगे बंद

ज्योतिष पं। विमल जैन बताते हैं कि चार अप्रैल को दिन में फ्.ब्भ् बजे से चंद्र ग्रहण की शुरुआत हो रही है। भ्.फ्0 बजे ग्रहण का मध्यकाल होगा और शाम 7.क्भ् बजे ग्रहण का मोक्ष होगा। संपूर्ण भारत में चंद्रग्रहण का मोक्ष दिखायी देगा। शास्त्रों के अनुसार चंद्र ग्रहण में नौ घंटे पहले और सूर्य ग्रहण के क्ख् घंटे पहले ग्रहण का सूतक काल होता है। सूतक में मंदिर में प्रवेश करना, मूर्ति स्पर्श करना, भोजन आदि करने को वर्जित बताया गया है। इस तरह ग्रहण के स्पर्श फ्.ब्भ् बजे के नौ घंटे पहले से ही सूतक लग जायेगा और मंदिर के पाट बंद कर दिए जायेंगे। इसी दिन बजरंगबली की जयंती भी है। जिसके चलते भक्तों को उनके दर्शन के लिए कम समय ही मिल पाएगा। मोक्ष के बाद स्नान करने के बाद ही मंदिर में भगवान के दर्शन को मान्यता है।

विश्व में दिखेगा प्रभाव

पं। विमल जैन बताते हैं कि इस चंद्रग्रहण का प्रभाव पूरे विश्व में पड़ेगा। राजनीतिक अस्थिरता, मौसम में बड़ा बदलाव, दुर्घटनाएं आदि की संभावना रहेगी। इसके अलावा वृष राशि वालों के लिए चिंता, मिथुन राशि वालों के लिए व्यथा, कर्क के लिए श्री वृद्धि, सिंह राशि वालों के लिए क्षति, कन्या राशि वालों को घात, तुला वालों को हानि, वृश्चिक राशि वालों के लिए लाभ, धनु को शोक व मकर राशि वालों को माननाश का सामना करना पड़ सकता है।