- पॉलिटिकल नारे को जिदंगी से भी जोड़कर देख रहे लोग

- किसी को प्रमोशन का इंतजार तो कोई बना रहा हनीमून का प्रोग्राम

<- पॉलिटिकल नारे को जिदंगी से भी जोड़कर देख रहे लोग

- किसी को प्रमोशन का इंतजार तो कोई बना रहा हनीमून का प्रोग्राम

sharma.saurabh@inext.co.in

Meerut

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Meerut : 'अच्छे दिन आने वाले हैं'। भले ही ये टैग लाइन एक सियासी पार्टी के प्रचार में यूज हो रही है, लेकिन हम इसे जिंदगी से जोड़कर देखें तो यह सोचने पर मजबूर हो जाएंगे कि वाकई में दिन अच्छे वाले हैं। जब हमने सिटी के लोगों इस बारे में बात की तो उन्होंने बताया कि उनके लिए अच्छे दिन कैसे आने वाले हैं

बच्चों के रिजल्ट आने वाले हैं

बच्चों के लिए सबसे बड़ी राहत की तो बात ये है कि उनके एग्जाम खत्म हो चुके हैं। कुछ दिनों में रिजल्ट आ जाएंगे। इससे बेहतर दिन उनके लिए और क्या हो सकते हैं। एमसी स्कूल में पढ़ने वाले आकाश वर्मा बताते हैं कि मुझे पूरी उम्मीद है कि मेरे 'ए' ग्रेड से नीचे नहीं आएंगे। उसके बाद अपना मनपसंद सब्जेक्ट ले सकेगा और अपने स्कूल के दोस्तों से दोबारा मिल सकेगा। ऐसी खुशी काफी बच्चों में होगी।

समर वैकेशन की मस्ती

इस मस्ती का इंतजार सिर्फ बच्चों को ही नहीं बल्कि पेरेंट्स को भी है। साथ ही कुछ पतियों को भी। तभी आजकल सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर एक अपडेट काफी चल रहा है। अच्छे दिन वाले हैं क्योंकि सभी की वाइफ मायके जाने वाली हैं। खैर ये बात तो मजाक की हुई। साकेत निवासी अपूर्वा ने कहा कि मेरे लिए अच्छे दिन समर वैकेशन के होते हैं। सभी फैमिली मेंबर्स एक साथ आउटिंग पर जाकर लाइफ को एंज्वाय करते हैं।

प्रोमोशन और सेलेरी इंक्रीमेंट

इन दोनों का ही इंतजार किसको नहीं होता? पूरे साल हर इंप्लॉय इन दोनों को पाने के लिए मेहनत करता है। जब इनमें कोई भी एक मिल जाता है। उसके लिए अच्छे दिन शुरू हो जाते हैं। जागृति विहार निवासी कपिल शर्मा एक प्राइवेट कंपनी में सीनियर एग्जीक्यूटिव हैं। उन्हें उम्मीद है इस बार उन्हें इंक्रीमेंट और प्रोमोशन दोनों ही मिलेगा। कहते हैं मैंने इस बार बेस्ट परफॉर्मेस दी है। मुझे पूरी उम्मीद है मेरे दिन इस बार अच्छे जरूर आएंगे।

मनपसंद ट्रांसफर

कुछ लोगों को इंतजार है अपने ट्रांसफर का। जिन्होंने काफी दिन पहले इसके लिए अप्लाई किया है। कई डिपार्टमेंट और कॉरपोरेट कंपनियों ने ट्रांसफर लिस्ट तैयार भी चुके होंगे। कई लोग अपने होम टाउन में ट्रांसफर की आस लगाए बैठे हैं तो कुछ अपने मनपसंद सिटी में। मेरठ विकास प्राधिकरण के एक अधिकारी ने बताया कि उन्होंने होम टाउन या आसपास के सिटी में ट्रांसफर मांगा है। इस बार मुझे उम्मीद है कि हो जाएगा।

जल्द बनेगा हनीमून प्रोग्राम

चुनाव के दौरान कई लोगों की शादियां हुई थी, लेकिन लंबी छुट्टी न मिलने से सैर-सपाटे का प्रोग्राम स्थगित करना पड़ा। खासकर पुलिस डिपार्टमेंट में कई महिला कांस्टेबल ऐसी हैं जिन्हें दूसरे जिलों में भी ड्यूटी पर लगा दिया गया है। सख्त निर्देश हैं कि मतगणना तक कोई छुट्टी पर नहीं जाएगा। ऐसे में उन्हें मतदान खत्म होने का इंतजार है, ताकि छुट्टी लेकर हनीमून का प्रोग्राम बनाया जा सके।

शादियों की धूम

ये दिन साए के होते हैं। शादियों का खूब जोर रहता है। वैसे भी शादियों के दौर को भी अच्छे दिन कहा जाता है। ऐसे में कई लोगों के लिए अच्छे दिन आने वाले हैं। शास्त्रीनगर निवासी प्रहलाद की शादी ख् मई की है। प्रहलाद को इस दिन का इंतजार काफी बेसब्री से कर रहे हैं। उनका कहना है कि मैं अपनी मनपसंद लड़की से शादी कर रहा हूं। तो इसमें कोई दो राय नहीं कि मेरे लिए अच्छे आने वाले हैं और हमेशा ही रहेंगे इसकी मैं कोशिश करूंगा।

बाजार में आएगी बहार

अच्छे दिन की उम्मीद सर्राफा बाजार को भी है। ख् मई को अक्षय तृतीया है। उससे पहले सर्राफाओं में आस जग रही है कि सोने चमक दोबारा से लौटेगी। मेरठ बुलियन ट्रेडर्स के महामंत्री सर्वेश कुमार सर्राफ की मानें तो सभी व्यापारियों को पिछले कुछ दिनों में काफी बुरे दिनों से गुजरना पड़ रहा है। ऐसे में अक्षय तृतीया से उन्हें काफी उम्मीदें हैं कि उनके अच्छे दिन लौटकर आ जाएंगे।

शुरू होंगे विकास कार्य

वहीं कुछ लोगों की मानें तो आचार संहिता खत्म होने के साथ ही अच्छे दिनों की शुरूआत हो जाएगी। जैसे प्राधिकरण अपने रिंग रोड प्रोजेक्ट की शुरूआत कर सकता है। आईटी पार्क प्रोजेक्ट शुरू करने की बात भी उठ रही है। न्यू टीपीनगर, लोहिया नगर और गंगानगर रेजिडेंशियल प्रोजेक्ट्स को भी शुरू करने की बात चल रही है। ऐसे में रुके हुए प्रोजेक्ट पर काम शुरू होगा तो सिटी के भी अच्छे दिन शुरू हो जाएंगे।