दामोदरश्री सम्मान समारोह में युवाओं ने दिखाया दमखम
यूनीक थॉट के साथ कम्पलीट प्रेजेंटेशन
ALLAHABAD: यह एक ऐसा काम्पिटीशन था, जिसमें प्रतिभागियों को मंच पर खुलकर अपनी बात रखनी थी। टॉपिक भी मौजूदा समय की सबसे बड़ी जरूरत को ध्यान में रखकर तय किया गया था। ऐसे में युवाओं की उभरती पौध ने जब एक सुन्दर घर टॉपिक पर अपने थॉट को पे्रजेंट किया तो डायस पर बैठे जजेस के पैनल के लिये भी यह डिसाइड करना चैलेंज हो गया कि आखिर किसे विजेता चुना जाये?
टॉप टेन प्रतिभागियों से सवाल-जवाब
एसएस खन्ना महिला महाविद्यालय में गांधी जयंती के अवसर पर दामोदर श्री 2017 राष्ट्रीय अकादमी सर्वोच्च प्रतिभा सम्मान हेतु प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इसमें टॉप टेन प्रतिभागियों ने अपने यूनीक थॉट पे्रजेंट किये तो जजेस ने उनसे सवाल जवाब भी किये। प्रतिभागियों से क्वेशचन पुटप हुये कि आखिर वे किस आधार पर एक सुन्दर घर की कल्पना करते हैं? बता दें कि सुन्दर घर विषय पर देशभर से प्राप्त 296 निबन्ध प्रविष्टियों में 10 सर्वश्रेष्ठ प्रतिभागियों को अपने विचार रखने का मौका दिया गया।
प्रतिभागी छात्राओं को सम्मान चिन्ह
कार्यक्रम के प्रथम सत्र की मुख्य अतिथि प्रो। कृष्णा मिश्रा (रिटायर्ड प्रोफेसर रसायन विज्ञान विभाग, इविवि) थी। इस अवसर पर एनसीसी की दो छात्राओं नेहा तथा अर्पिता बनर्जी को जिन्होंने राजपथ पर 26 जनवरी को होने वाली परेड मे प्रतिभाग किया था, उन्हें सम्मान चिन्ह प्रदान किया गया। इलाहाबाद विश्वविद्यालय की प्रो। अलका अग्रवाल ने विषय प्रवर्तन किया। कार्यक्रम में प्रो। कृष्णा मिश्रा ने कहा कि हावर्ड विश्वविद्यालय के एक शिक्षक, जिन्हें हैप्पीनेस गुरू कहा जाता है, उन्होंने खुश रहने के 14 तरीके बताए।
2018 के टॉपिक की घोषणा
सायंकालीन सत्र समारोह के मुख्य अतिथि दिल्ली विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति पद्मश्री प्रो। दिनेश सिंह, सार-ला-एजूकेशन ट्रस्ट मुम्बई के कार्यकारी ट्रस्टी चेतन मेहरोत्रा एवं विशिष्ट अतिथि इलाहाबाद विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो। रतनलाल हांगलू थे। इलाहाबाद उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति अरूण टण्डन ने चेयरमैन रिपोर्ट प्रस्तुत की। कार्यक्रम में दामोदर श्री 2018 के लिये शीर्षक की घोषणा भी हो गई है। इसका शीर्षक टेक्नोलॉजी एंड द ह्यूमन माइंड रखा गया है। इसके बाद दामोदर श्री 2017 की विजेता जावेरिया कौसर को दो लाख रूपये का चेक, ट्राफी, सर्टिफिकेट एवं फलैक्स प्रदान किया गया।
ये रहे प्रतियोगिता के विजेता
दामोदरश्री
दो लाख रूपये
जावेरिया कौसर, आन्ध्र प्रदेश
द्वितीय पुरस्कार
एक लाख रूपये
अनहद नारायण, बंगलुरू
तृतीय पुरस्कार
पचास हजार रूपये
प्रीति श्रीदास, कोच्चि
सर्वश्रेष्ठ स्नातक वर्गीय प्रतिभागी
तीस हजार रूपये
मानसी बेनीवाल, कोच्चि, केरल
विशेष पुरस्कार
तीस हजार रूपये
अपूर्वा लूनिया, जयपुर
खुश रहने के 14 तरीके
1. ईश्वर को धन्यवाद दें कि उसने हमें शरीर दिया और मुफ्त में खाना, सांस लेने के लिये हवा व पीने को पानी दिया।
2. अपने शरीर को स्वस्थ रखने के लिये रोज कसरत करना चाहिये।
3. सुबह का नाश्ता अच्छी तरह से करना चाहिये।
4. मुखर हो, जिसे तुम पसंद करते हो, तुम्हें क्या करना है, क्या चाहते हो। यह सब बोलना एवं करना चाहिये।
5. चुनौतियों को स्वीकार करो।
6. अच्छी यादों को अपने पास रखें।
7. अपने चेहरे पर मुस्कुराहट रखकर सभी का स्वागत करें।
8. जूते हमेशा आरामदायक पहनें।
9. शारीरिक मुद्रा सही रखे, इससे व्यक्तित्व अच्छा होता है।
10. अच्छे संगीत सुनें।
11. विभिन्न प्रकार का खाना खाएं।
12. एक साथ खाना बहुत अधिक न खायें, थोड़ा-थोड़ा करके खाएं।
13. आकर्षक बनो और ये महसूस करों कि मुझमें आकर्षण है।
14. भगवान पर आस्था रखें।
इन प्रतिभागियों ने रखे अपने विचार
जावेरिया कौसर, मैरिस स्टैला कॉलेज विजयवाड़ा आंध्रप्रदेश
सु्रष्टि कोटंगेल, राजीव गांधी कालेज ऑफ इंजीनियरिंग नागपुर, महाराष्ट
प्रखर त्रिपाठी इलाहाबाद विश्वविद्यालय
अनहद नारायण, बंगलूरू कर्नाटक
ईशान शर्मा, बिट्स पिलानी राजस्थान
सचिन प्रकाश, आईआईटी शिलांग मेघालय
अपूर्वा लूनिया, एमजी मेडिकल कॉलेज जयपुर राजस्थान
प्रीति श्रीदास, नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ एडवॉस लीगलस्टडीज कोच्चि केरल
मानसी बेनीवाल, नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ एडवॉस लीगलस्टडीज कोच्चि केरल
अभिश्रुत सिंह, नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ स्टडी एंड रिसर्च इन लॉ रॉची झारखंड
जजेस पैनल
न्यायमूर्ति एपी साही, प्रो। आरके नायडू, प्रो। मृदुला त्रिपाठी, प्रो। अलका अग्रवाल, प्रो। नमिता पाण्डेय, प्रो। अनीता गोपेश, प्रो। ए। फातमी, प्रो। यूसी श्रीवास्तव, प्रो। कोमिला थापा, प्रो। प्रतिमा गौड़, प्रो। केके भूटानी और प्रो। संजॉय दत्ता रॉय
सुन्दर घर पर वक्ताओं ने कहा
घर एक भावना है जो मनोवैज्ञानिक चिंतन को प्रबलता देती है।
घर एक वृक्ष है जहां रहने वाले एक-दूसरे पर आश्रित रहते है।
घर में सबके एक साथ रहने पर भी निजता का स्थान होना चाहिए, तभी वह एक सुन्दर घर होगा।
प्रोग्राम का कान्सेप्ट काफी अच्छा था। सभी ने प्रोग्राम को खूब एन्जवाय किया। इससे सभी को बहुत कुछ सीखने को मिला है।
कायनात फातिमा, छात्रसंघ अध्यक्ष
एक सुन्दर घर टॉपिक पर डिस्कशन समय की जरूरत है। ऐसे समय जब परिवार टूट रहे हैं तो इस तरह से संवाद स्थापित करके ही अवेयरनेस लाई जा सकती है।
मरियम अंसारी
हमारे यहां यह प्रोग्राम हर वर्ष होता है। इसमें नये नये टॉपिक पर बात होती है। मैं पहली बार इस प्रोग्राम को लाइव देख रही हूं। उम्मीद है बहुत कुछ सीखने को मिलेगा।
हेरा खान