1 . द किड (1921)

बतौर निर्देशक चार्ली की पहली फिल्म थी ' द किड'। इस फिल्म को लोगों ने जितना हंसने के लिए पसंद किया उतना ही रोने के लिए भी। कुल मिलाकर इसने दर्शकों को जितना हंसाया उतना ही रुलाया भी। फिल्म में 1920 की गरीबी दिखाई गई है। फिल्म में चैपलिन ने ट्रैम्प नाम के शख्स का किरदार निभाया है। अपने किरदार में वह खाने में कूड़ा खाते हैं, टूटी से झोपड़ी में रहते हैं और दुनिया की बिल्कुल परवाह नहीं करते। फिल्म में उनकी हरकतों ने दर्शकों को हंसते-हंसते पेट पकड़ने पर मजबूर कर दिया। वहीं उनकी गरीबी की हालत ने लोगों के आंखें भी नम कर दीं।

चार्ली चैपलिन के पांच विचार और ये पांच फिल्‍में नहीं देखीं तो जिंदगी को नहीं समझ सकते

2 . द ग्रेट डिक्टेटर (1940)

ये फिल्म पूरी तरह से राजनीतिक बैकग्राउंड पर बनी है। ये चैपलिन से सबसे ज्यादा कमाई करने वाली फिल्म साबित हुई थी। इस फिल्म में चैपलिन ने एडॉल्फ हिटलर के अत्याचारों और उसकी तानाशाह प्रवृत्ति को दिखाने की कोशिश की। फिल्म में एक ज्यूइश नाई विमान दुर्घटना के बाद अपनी याददाश्त खो देता है। इसके बाद जब वह अपने परिवेश को समझने की कोशिश करता है तो खुद को तानाशाह के अत्याचार के अधीन पाता है।

चार्ली चैपलिन के पांच विचार और ये पांच फिल्‍में नहीं देखीं तो जिंदगी को नहीं समझ सकते

3 . द गोल्ड रश (925)

ये भी चार्ली की चंद जबरदस्त फिल्मों में से एक रही। इसके पीछे सबसे बड़ा कारण था चैपलिन की हंसी और हंसाने की अदा। वैसे ये फिल्म अलास्का में सोना खोजने के लिए मिशन पर आधारित है। इस खजाने को खोजते वक्त एक पूर्वेक्षक भयानक बर्फ तूफान के दौरान छोटे कमरे में शरण लेता है। वह जल्द दो पुरुषों के साथ विवाद में शामिल हो जाता है। ये वो विवाद है जिसके लिए वहां पहले से ही मौजूद दो व्यक्ति विवाद में फंसे हुए हैं।

चार्ली चैपलिन के पांच विचार और ये पांच फिल्‍में नहीं देखीं तो जिंदगी को नहीं समझ सकते

4 . मॉर्डन टाइम्स (1936)

1936 में रिलीज हुई चार्ली की ये फिल्म इनकी चंद जबरदस्त फिल्मों मे से एक रही। फिल्म की कहानी कुछ ऐसी है कि एक कारखाने के बेहद खास कर्मचारी को उसके अजीबो-गरीब व्यवहार के लिए सड़क पर बाहर फेंक दिया जाता है। इसके बाद वह अनाथ और हाल ही में बेघर जवान लड़की से मिलता है। इसके साथ मिलकर वह एक घर को बनाने की कोशिश करता है। कैसी होती है ये कोशिश और इस कोशिश में उसको कैसे-कैसे उतार-चढ़ाव का सामना करना पड़ता है। ये सब देखकर आपको भी मजा आ जाएगी।

चार्ली चैपलिन के पांच विचार और ये पांच फिल्‍में नहीं देखीं तो जिंदगी को नहीं समझ सकते

5 . सिटी लाइट्स (1931)

ये भी चैपलिन की चंद पसंदीदा फिल्मों में से एक रही। वैसे आपको बता दें कि चैपलिन की ये मूवी आपको हंसाएगी नहीं। फिल्म में कहानी है एक ऐसे शख्स की तो बेहतर जीवनशैली के लिए शहर आता है। वह सोचता तो है कि शहर में अपनी जीवनशैली को अच्छा करना बेहद आसान है, लेकिन उसके साथ ऐसा होता नहीं है। इसी जद्दोजहद के दौरान उसकी मुलाकात के ऐसी लड़की से होती है जो देख नहीं सकती। इस लड़की से वह प्यार करने लगता है और लग जाता है उसकी आंखों की रोशनी ठीक कराने के लिए उसकी सर्जरी कराने के जद्दोजहद में। इस दौरान इनका एक नया दोस्त भी बनता है। ये दोस्त बेहद अमीर है और शराब का लती है। ये दोस्त शराब के नशे में किसी भी भिखारी को अपना सबकुछ दे सकता है, लेकिन होश में आने पर उसको कुछ याद नहीं रहता। इस पूरी कहानी के बीच आपको हंसने के ढेर सारे कारण मिलेंगे।

चार्ली चैपलिन के पांच विचार और ये पांच फिल्‍में नहीं देखीं तो जिंदगी को नहीं समझ सकते

Entertainment News inextlive from Entertainment News Desk