कानपुर। टीम इंडिया के दादा कहे जाने वाले पूर्व खिलाड़ी सौरव गांगुली आज अपना 47वां जन्मदिन मना रहे हैं। 8 जुलाई 1972 को कोलकाता में जन्में सौरव ने 20 साल की उम्र में अंतरराष्ट्रीय डेब्यू कर लिया था। वह भारत के सर्वश्रेष्ठ बाएं हाथ के बल्लेबाज रहे हैं।
गांगुली की बल्लेबाजी की खासियत थी कि वह ऑफ साइड पर आसानी से शॉट लगा देते थे। उनकी इस हुनर से प्रभावित होकर एक बार उनके साथी खिलाड़ी राहुल द्रविड़ ने कहा था, 'अगर ऑफ साइड का कोई भगवान होता, तो उन्हें गांगुली कहा जाता।' स्पिनरों के खिलाफ गांगुली काफी अच्छा खेला करते थे। खासतौर से आगे बढ़कर वो जब छक्क लगाते तो गेंद स्टेडियम के पार ही पहुंचती थी।
सौरव गांगुली ने 22 जून 1996 को अपना पहला टेस्ट खेला था और डेब्यू मैच में ही उन्होंने शतक जड़ दिया। गांगुली ने इंग्लैंड के खिलाफ लॉर्ड्स पर खेली जा रही 3 टेस्ट मैचों की सीरीज में भाग लिया था। यह गांगुली का पहला टेस्ट मैच था। इस मैच में सौरव ने शानदार परफॉर्म करते हुए कुल 131 रन बनाए, जो कि लॉर्ड्स में डेब्यू टेस्ट में किसी भी बल्लेबाज द्वारा बनाया गया सबसे हाई स्कोर था।
बता दें सौरव गांगुली और राहुल द्रविड़ ने एक साथ टेस्ट डेब्यू किया था। उस वक्त गांगुली की उम्र 24 साल थी तो द्रविड़ 23 के थे। इन दोनों ने 1996 में इंग्लैंड के खिलाफ लॉर्ड्स में पहली बार इंटरनेशनल मैच खेला। अपने पहले ही मैच में दोनों बल्लेबाज ऐसा छाए कि अगले 15-16 साल तक ये टीम इंडिया के मुख्य बल्लेबाज बने रहे। सिर्फ खिलाड़ी ही नहीं बतौर कप्तान भी दोनों ने खूब नाम कमाया।
सौरव गांगुली के नाम वर्ल्डकप में सबसे बड़ी साझेदारी का रिकाॅर्ड भी दर्ज है। दादा ने 1999 विश्वकप में द्रविड़ के साथ मिलकर श्रीलंका के खिलाफ दूसरे विकेट के लिए 318 रनों की पारी खेली थी। तब श्रीलंकाई गेंदबाज 45 ओवर तक इन दोनों बल्लेबाजों को आउट नहीं कर पाए थे।
गांगुली ने भारत के लिए करीब 12 साल तक क्रिकेट खेला। इस दौरान दादा ने 113 टेस्ट मैच खेले जिसमें 42.17 की औसत से 7212 रन बनाए। जिसमें 16 शतक और 35 अर्धशतक शामिल हैं। टेस्ट में गांगुली का हाईएस्ट स्कोर 239 रन है। वहीं वनडे की बात करें तो गांगुली के नाम 311 मैचों में 11363 रन दर्ज हैं। इस दौरान दादा के बल्ले से 22 शतक और 72 अर्धशतक निकले।
हैप्पी बर्थ डे दादा : गांगुली की वजह से लक्ष्मण पूरी जिंदगी नहीं खेल पाए वर्ल्डकप
गांगुली को उनके आक्रामक तेवर के लिए जाना जाता था। यही वजह है कि उनका कई बार विवादों में नाम रहा। साल 2005 में बतौर कप्तान गांगुली की भारतीय कोच ग्रेग चैपल से काफी लड़ाई हुई थी। उस वक्त भारतीय टीम जिंबाब्वे दौरे पर गई थी। पहला टेस्ट खेला जाना था, कि उससे ठीक एक दिन पहले कप्तान सौरव गांगुली ने कोच ग्रेग चैपल से पूछा कि, युवराज और कैफ में किसको टीम में खिलाया जाए। चैपल ने कहा कि दोनो खेलेंगे और तुम बाहर रहोगे। चैपल की यह बात सुन गांगुली काफी हैरान रह गए थे। उन्होंने सीरीज छोड़ने का मन बना लिया था।
Cricket News inextlive from Cricket News Desk