कानपुर। 1 नवंबर 1974 को आंध्र प्रदेश के हैदराबाद में जन्में वीवीएस लक्ष्मण को बचपन से ही क्रिकेट खेलने का शौक था। यही वजह है कि इस शौक ने उन्हें प्रोफेशनल क्रिकेटर बना दिया। लक्ष्मण भारतीय क्रिकेट टीम के बेहतरीन बल्लेबाजों में गिने जाते हैं। खासतौर से टेस्ट क्रिकेट में वह कलाई घुमाकर जब शॉट लगाते थे तो विरोधी टीम के खिलाड़ी भी वाहवाही करने से नहीं चूकते थे। 16 साल के इंटरनेशनल करियर में लक्ष्मण ने कई यादगार पारियां खेलीं।

वीवीएस लक्ष्मण बर्थडे : 'बैट पर वैसलीन लगाकर आते थे लक्ष्मण,ताकि कोई उन्हें आउट न कर सके'

22 साल की उम्र में किया डेब्यू

वीवीएस लक्ष्मण ने अपने इंटरनेशनल करियर का पहला मैच साल 1996 में खेला था। तब साउथ अफ्रीकी टीम भारत दौरे पर आई थी और लक्ष्मण को अहमदाबाद टेस्ट में डेब्यू का मौका मिला। पहली पारी में वह भले ही 11 रन बनाकर आउट हो गए। मगर दूसरी पारी में अर्धशतक जड़ अपनी काबिलियत का परिचय दे दिया। क्रिकइन्फो के डेटा के मुताबिक, टीम इंडिया के मध्यक्रम बल्लेबाज रहे लक्ष्मण ने 134 टेस्ट मैच खेले जिसमें उनके नाम 45.97 की औसत से 8781 रन दर्ज हैं। इस दौरान इस खिलाड़ी के बल्ले से 17 शतक और 56 अर्धशतक निकले। वनडे क्रिकेट की बात करें तो लक्ष्मण ने 86 मैचों में 2338 रन बनाए। इसमें 6 शतक और 10 अर्धशतक शामिल हैं।

वीवीएस लक्ष्मण बर्थडे : 'बैट पर वैसलीन लगाकर आते थे लक्ष्मण,ताकि कोई उन्हें आउट न कर सके'

कैसे पड़ा वैरी वैरी स्पेशल नाम

वीवीएस लक्ष्मण को 'वैरी वैरी स्पेशल' भी कहा जाता है। यह नाम उन्हें 2001 में मिला था जब एक हारे हुए मैच को लक्ष्मण ने जितवा दिया। ऑस्ट्रेलियाई टीम भारत दौरे पर थी। सीरीज का दूसरा टेस्ट मैच ईडन गार्डन में खेला जा रहा था। ऑस्ट्रेलिया ने पहली पारी में कप्तान स्टीव वॉ के शतक की बदौलत 445 रन बनाए। अब बारी थी भारतीय बल्लेबाजों के पराक्रम की। मगर कंगारु गेंदबाजों के सामने सभी बल्लेबाज बेबस नजर आए। वीवीएस लक्ष्मण को छोड़ दिया जाए तो किसी भी भारतीय बल्लेबाज का बल्ला नहीं चला। लक्ष्मण के बेहद उपयोगी 59 रन की बदौलत भारत का पहली पारी में स्कोर 171 बना। यानी कि पहली पारी में भारत 274 रन पिछड़ गया और फॉलोआन खेलने की नौबत आ गई।

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पूरा दिन हो गया कोई नहीं कर पाया आउट

दूसरी पारी में भारत के शुरुआती बल्लेबाज कुछ खास नहीं कर सके। फिर बारी आई लक्ष्मण और द्रविड़ की। लक्ष्मण-द्रविड़ जब बल्लेबाजी कर रहे थे तब भारत का स्कोर 232 रन पर 4 विकेट था। मगर उसके बाद इन दोनों बल्लेबाजों ने ऐसी बल्लेबाजी की कि पूरा चौथा दिन गुजर गया, मगर कोई भी कंगारु गेंदबाज लक्ष्मण-द्रविड़ का विकेट नहीं गिरा सका। लक्ष्मण ने इस पारी में 281 रन बनाए जबकि द्रविड़ 180 रन बनाकर पवेलियन लौटे। यही वो दिन था, जिसके बाद वीवीएस लक्ष्मण को 'वैरी वैरी स्पेशल' कहा जाने लगा। भारत ने अपनी दूसरी पारी 657 रन पर घोषित कर दी। अब ऑस्ट्रेलिया को जीत के लिए 384 रन की जरूरत थी। मगर पूरी कंगारू टीम दूसरी इनिंग्स में 212 रन पर ऑलआउट हो गई और भारत यह मैच 171 रन से जीत गया।

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जब लगा बैट पर वैसलीन लगाने का आरोप

वीवीएस लक्ष्मण वैसे तो हमेशा शांत स्वभाव के क्रिकेटर रहे हैं। मगर साल 2011 में उनका नाम एक विवाद से जुड़ गया। दरअसल ट्रेंट ब्रिज में भारत बनाम इंग्लैंड के बीच एक टेस्ट मैच खेला जा रहा था। लक्ष्मण 27 रन बनाकर क्रीज पर थे। तभी जेम्स एंडरसन की एक गेंद उनके बैट के बगल से गुजरी और कीपर के दस्तानों में चली गई। सभी इंग्लिश खिलाड़ी आउट की अपील करने लगे। मगर अंपायर ने इसे नकार दिया इसके बाद थर्ड अंपायर ने भी लक्ष्मण को नॉट-आउट करार दिया। इस घटना के बाद पूर्व इंग्लिश क्रिकेटर माइकल वॉन ने लक्ष्मण पर आरोप लगाया कि, वह बैट पर वैसलीन लगाकर आते हैं ताकि वह आउट न हों। हालांकि बल्ले के बाहरी किनारे का परीक्षण करने वाली बीबीजी स्पोर्ट्स कंपनी ने इस बात को सिरे से खारिज कर दिया कि वैसलीन लगाने से बल्ले में गेंद लगने से वह हॉट स्पॉट में नहीं आएगी।

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