RANCHI: राज्य स्थापना दिवस के मौके पर प्रेसिडेंट रामनाथ कोविंद हरमू फ्लाईओवर का शिलान्यास करने वाले हैं, लेकिन इससे पहले ही स्थानीय लोगों का विरोध शुरू हो गया है। शनिवार को दुकानदारों ने जहां अपनी दुकानें बंद रखीं, वहीं रैयतों ने जमीन अधिग्रहण के खिलाफ आक्रोश जताया। इस दौरान किसी भी सूरत में जमीन नहीं देने की लोगों ने हुंकार भरी। रैयतों ने कहा कि इससे पहले भी रोड वाइडनिंग के लिए दो बार जमीन का अधिग्रहण किया जा चुका है। जबकि यहां सिर्फ वीआइपी मूवमेंट के दौरान जाम लगता है। वहीं, फ्लाईओवर बनने से न लोगों को फायदा होने जा रहा है और न दुकानदारों को।

फ्08 डिसमिल जमीन खरीदेगा प्रशासन

राजभवन के पास से रातू रोड चौक होते हुए हरमू नदी तक प्रस्तावित इस फ्लाईओवर के लिए जमीन अधिग्रहण का रैयत पहले से ही विरोध कर रहे हैं। फ्लाईओवर में वार्ड ख्, फ्, ख्9 और फ्0 की जमीन जा रही है। फ्लाईओवर का निर्माण जमीन की वजह से फंसा हुआ है। इसके लिए प्रशासन तरह-तरह के हथकंडे अपना रहा है। इधर, विरोध को देखते हुए प्रशासन अब फ्लाईओवर के लिए संभावित फ्08 डिसमिल जमीन खरीदने की रणनीति में जुट गया है। हरमू बाईपास के रैयतों से जमीन बेचने का प्रस्ताव मांगा है।

ख्9भ् लोगों की जमीन चिन्हित

डीसी मनोज कुमार ने कहा है कि रांची में लोकहित में हरमू फ्लाईओवर परियोजना के लिए कुल फ्08 डिसमिल जमीन की जरूरत है। इसमें पड़ने वाली जमीन को बेचने के इच्छुक रैयत या भू-स्वामी जमीन से संबंधित कागजात, जाति प्रमाण पत्र के साथ नगर निगम या जिला भू अर्जन कार्यालय में ख्क् दिनों के अंदर आवेदन कर सकते हैं। इस परियोजना के लिए कुल फ्ब्क् डिसमिल जमीन की जरूरत है। इसमें करीब फ्फ् डिसमिल जमीन सरकारी है। रोड के दोनों ओर ख्9भ् लोगों की जमीन फ्लाईओवर के लिए चिह्नित है।

सरकारी रेट भी कम

रैयतों के विरोध की सबसे बड़ी वजह जमीन का रेट है। जिस जगह पर लोगों की जमीन जा रही है, वहां भ्0 लाख रुपए प्रति डिसमिल जमीन भी नही मिल रही है। नगर विकास विभाग ने लैंड परचेज पॉलिसी बनाई है। इसमें रैयतों से सीधे जमीन खरीदने का प्रावधान है। पर रेट अधिकतम सरकारी रेट जितना होना चाहिए, उतना ही है। ऐसे में रैयत यह घाटा सहने को तैयार नहीं हैं। सरकारी रेट म्.भ्0 लाख से क्0.फ्0 लाख रुपए डिसमिल तक है, जबकि भ्0 लाख रुपए डिसमिल पर भी जमीन उपलब्ध नहीं है।

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ना जाम लगता है, ना लोगों को लाभ होगा

किशोरगंज के मेहुल मृगेंद्र चौहान बताते हैं कि वो अपनी जमीन नहीं देंगे। लोगों ने हरमू रोड बचाओ संघर्ष समिति गठित की है। उनका कहना है कि फ्लाईओवर से न सड़क की दूरी कम होगी और न ही समय की बचत होगी। इसका लाभ भी लोगों को नहीं मिलेगा। समिति का कहना है कि वर्ष-ख्0क्म् से वर्ष-ख्0फ्7 तक के लिए पास मास्टर प्लान में भी हरमू रोड में भूमि अधिग्रहण का कोई जिक्र नहीं है।

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हरमू फ्लाईओवर के लिए सर्वे शुरू

हरमू फ्लाईओवर निर्माण के लिए सर्वेक्षण का काम शुरू हो गया है। इसके निर्माण का ठेका सुप्रीम इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड को दिया गया है, जिसपर क्फ्0 करोड़ की लागत आएगी। ख्.क् किलोमीटर लंबा फ्लाईओवर राजभवन के पास जजेज कॉलोनी से शुरू होकर हरमू बाईपास रोड में हरमू नदी के पार तक जाएगा। लोगों के विरोध के कारण ही इस फ्लाई ओवर का काम धीरे -धीरे हो रहा है। जबकि कांटाटोली फ्लाई ओवर का काम तेजी से हो रहा है।

क्कद्गश्रश्चद्यद्ग ष्श्रठ्ठठ्ठद्गष्ह्ल

कुछ सरकारी अधिकारी और नेताओं के घटिया दिमाग की उपज की वजह से ख्00 से अधिक लोगों की जमीन छीनने की कोशिश हो रही है। जमीन अधिग्रहण के लिए जोर जबरदस्ती की गई तो सड़क पर उतरकर सभी लोग विरोध करेंगे।

मेहुल मृगेंद्र चौहान

फ्लाईओवर से न सड़क की दूरी कम होगी और न ही समय की बचत होगी। इसका लाभ भी लोगों को नहीं मिलेगा। इस रूट पर कभी भी जाम नहीं लगता है। जाम वीआईपी कारकेड के कारण लगता है। प्रशासन को इस बारे में सोच कर निर्णय लेने की जरूरत है।

संजीत गुप्ता

विकास करने के नाम पर जिस तरह से हमलोगों को बेघर किया जा रहा है, वो सरकार की नाकामी को दर्शाता है। अगर विकास करना है तो विस्थापन की शर्त पर क्यों। आखिर हम लोग कहां जाएंगे, जब रोजगार ही छिन जाएगा।

सत्यम वर्मा

रांची शहर में जिस रूट में सबसे अधिक जाम लगता है, वहां कुछ नहीं किया जा रहा है। बहुत सारे रूट हैं, जहां घंटो जाम लगा रहता है। वहां सरकार कुछ नहीं कर रही है। बस हरमू फ्लाईओवर बनाने को लेकर ही सारी परेशानी है।

रत्नदीप शाहदेव

इस रोड पर वीआईपी का रूट है, इसलिए इसे बनाने को लेकर सरकार जल्दबाजी कर रही है। इस रूट पर सबसे अधिक जाम उस समय लगता है, जब वीआईपी मूवमेंट होता है।

गुड्डू सिंह