RANCHI : लोक आस्था के पर्व छठ पर इस साल भी छठ व्रती हरमू नदी में भगवान भास्कर को अ‌र्घ्य नहीं दे सकेंगे। क्योंकि, नदी में न तो पानी है और न ही गहराई। आलम ये है कि नदी में सिर्फ गंदगी बहती है जो हरमू नदी के किनारे बसे घरों से निकल रही है। हरमू नदी का पानी पूरी तरह से काला हो चुका है। नदी नाले में तब्दील हो चुकी है। ऐसे में छठ व्रतधारियों के लिए हरमू नदी में इस बार अ‌र्घ्य देना आसान नहीं है।

 

कोर्ट के आदेश का असर नहीं

हरमू नदी को लेकर हाइकोर्ट ने भी सरकार को फटकार लगाई थी, लेकिन इसका कोई भी असर नहीं हुआ। आज भी हरमू नदी के इर्द-गिर्द अतिक्रमण हो रहा है। कई स्थानों पर खटालों का गोबार नदी में बहाया जा रहा है। इसे लेकर न तो नगर निगम कुछ कार्रवाई कर रहा है और न ही जिला प्रशासन की ओर से कोई कार्रवाई की गई है।

 

60 करोड़ खर्च के बाद भी नदी है बदहाल

नगर विकास विभाग की ओर से 2015 में बड़े ही तामझाम के साथ हरमू नदी के कायाकल्प को लेकर शिलान्यास की नींव रखी गई थी जिसपर 85 करोड़ रूपए खर्च किए जाने थे। अब तक हरमू नदी के जिर्णोद्धार पर करीब 60 करोड़ रूपए खर्च किए जा चुके हैं। विभाग की योजना थी कि हरमू नदी के 11.40 किलोमीटर के दायरे में पार्क, हरियाली के साथ साथ चिल्ड्रेन पार्क भी विकसित किए जाएंगे। कई स्थानों पर वाटर ट्रिटमेंट प्लांट भी लगाने की योजना थी। लेकिन, हरमू नदी मे गंदगी और बदबू का अंबार लगा हुआ है। अभी भी कई घरों के सेप्टिंग टैंक की गंदगी हरमू नदी में प्रवाहित हो रही है।