- टाई ब्रेकर में दो एरो फेंकने के बाद तीसरे एरो से पहुंचे नजदीक

- रेलवे के चंपिया को रेड कार्ड मिलने से हरियाणा का पक्का हुआ गोल्ड

- नेशनल आर्चरी चैंपियनशिप पहली बार टीम इवेंट में मिला गोल्ड मेडल

Meerut : एक ओर अर्जुन अवॉर्ड विनर राहुल बनर्जी, मंगल सिंह चंपिया जैसे ओलंपियन प्लेयर्स हों। दूसरी ओर हरियाणा जैसी टीम के 20-21 साल बच्चे। कोई इस बात का यकीन ही नहीं कर सकता कि चार में तीन राउंड तक बढ़त बनाएगा। उसके बाद टाइब्रेकर मुकाबले में इन ओलंपियन को हराकर गोल्ड मेडल जीत लेंगे। जी हां, कैलाश प्रकाश स्पो‌र्ट्स स्टेडियम के इस मैच में कुछ ऐसा ही देखने को मिला। हरियाणा के बच्चों ने ओलंपियंस के जबड़ों से सोना छीनकर अपने नाम कर लिया।

बेहद नजदीक रहा मुकाबला

मेन टीम इवेंट में फाइनल मुकाबला हरियाणा और रेलवे के बीच था। दोनों हरियाणा ने चार सेट तक चले इस मैच में तीन सेट तक 4-2 से बढ़त बनाए रखी। तब चौथा राउंड शुरू हुआ तो राहुल, चंपिया और धनिराम ने अपने अनुभव का फायदा उठाते हुए चौथे राउंड में टीम को लेवल पर ला लिया। दोनों ही टीमों के चार-चार अंक होने से मुकाबला टाइब्रेकर तक पहुंच गया।

किसी को नहीं हुआ यकीन

हर कोई इस बात को सोचे बैठा था कि रेलवे के तीनों शेर टाईब्रेकर के इस प्रेशर को आसानी से झेल जाएंगे। दोनों टीमों के तीनों प्लेयर्स को एक-एक ऐरो टारगेट पर मारकर सबसे ज्यादा अंक लेने थे। हरियाण से पहला ऐरो दीपक ने मारा और आठ अंक अर्जित किए। वहीं रेलवे की ओर से पहला ऐरो राहुल ने मारकर 10 अंक हासिल करते हुए बढ़त बना ली। उसके बाद रेलवे धनीराम ने 10 हासिल किए। रेलवे के दो ऐरो में 20 अंक हो चुके थे। हरियाणा के आर्चर जयंत कुमार ने 8 अंक हासिल किए। एक बार लग रहा था कि रेलवे की टीम जीत सिर्फ औपचारिकता भर रह गई है। क्योंकि रेलवे की ओर से मंगल सिंह चंपिया को तीर मारना था।

हुआ वो जो नहीं सोचा था

हरियाणा की ओर से तीसरा ऐरो फेंकने वाले आर्चर धीरज ने टीम को 10 अंक दिलाते हुए टीम का स्कोर 26 तक पहुंचा दिया। जैसे ही मंगल सिंह चंपिया फेंकने आए तो उनका तीर 9 अंक पर जाकर लगा और रेलवे के जीत निश्चित हो गई, लेकिन रेलवे के चंपिया को अंपायर को रेड कार्ड मिल जाने से टीम के कुल स्कोर 29 में से 10 अंक काट लिए और अंकों के लिहाज से हरियाणा पहली बार टीम में गोल्ड हासिल करने में कामयाब हुआ।

चंपिया को रेड कार्ड

टाइब्रेकर में दोनों टीमों को एक-एक मिनट में तीन ऐरो टारगेट पर निशाना लगाना था। जब चंपिया मैदान में आए उनके पास 10 से 12 सेकंड का समय था। चंपिया ने टाइम की ओर गौर नहीं किया और टाइम बीत जाने के बाद अपना ऐरो छोड़ा। ऐरो तो निशाने पर लगा लेकिन रेड कार्ड दिखाए जाने के बाद टीम के स्कोर में हाईएस्ट 10 अंकों को काट लिया गया।

नहीं रहा खुशी का ठिकाना

वहीं हरियाणा की टीम का खुशी का ठिकाना नहीं रहा। तीनों प्लेयर्स को उनके साथियों ने अपने कंधों पर बिठा लिया। उन्होंने बताया हमारे दिमाग में ऐसा बिल्कुल भी नहीं था कि उनका मुकाबला ऐसी टीम से था, जिनमें देश के अर्जुन अवॉर्डी और ओलंपियन हैं। हम सिर्फ अपने खेल पर फोकस कर रहे थे। वही काम आया। फाइनल में पहुंचने के बाद हमें यकीन हो गया था कि अगर उनके तीर निशाने पर पड़े तो वो गोल्ड मेडल जीतने में कामयाब हो जाएंगे।

हमें काफी खुशी है कि नेशनल आर्चरी में हरियाणा को गोल्ड मेडल टीम दिलाने में कामयाब रहे। हमारा मुकाबला बड़ी टीम और बड़े खिलाडि़यों से था, लेकिन हमने अपने दिमाग से ये सब निकाल दिया था। हम अपने गेम पर फोकस कर रहे थे।

- धीरज मलिक, हरियाणा प्लेयर

शुरुआत के तीन राउंड में हमारे तीर ही ठीक नहीं पड़ रहे थे। चौथे राउंड में हम बराबरी पर आए। टाइब्रेकर में भी हमने अच्छा किया, लेकिन टाइम की वजह से मात खा गए। थोड़ा प्रेशर भी था। क्योंकि अच्छा परफॉर्मेस नहीं कर पा रहा था।

- मंगल सिंह चंपिया, रेलवे

16वीं रैंक पर थी हरियाणा

वहीं रैंक की बात करें तो हरियाणा की टीम सबसे नीचे 16वीं रैंक पर थी, जबकि रेलवे की टीम नंबर एक की रैंक पर थी, जिसमें एक और दो ओलंपिक खेलने वाले प्लेयर्स शामिल थे। जिन्होंने व‌र्ल्ड आर्चरी में अपना नाम कमाया है। हरियाणा की टीम ने ऐसे आर्चर्स को हराया है जो व‌र्ल्ड की बेस्ट कोरियाई टीम को टक्कर देने का माद्दा रखते हैं।