गिरफ्तार हुआ बेटा भी
जानकारी है कि सतलोक आश्रम के संचालक रामपाल के पुत्र, प्रवक्ता और उनकी सुरक्षा में लगे सैकड़ों लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है. बरवाला के सतलोक आश्रम से गिरफ्तार किए गए 70 लोगों को पुलिस ने दोपहर बाद हिसार की अदालत में पेश किया. इन पर हिंसा फैलाने और हत्या के प्रयास का आरोप लगाया गया है. जज ने इन सभी को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया.

छह निजी कमांडों को पकड़ा
खबर है कि समर्थकों की भीड़ के बीच से ही रामपाल के करीब छह निजी कमांडो ने भी छिपकर बाहर निकलने की कोशिश की. नजर उनपर पड़ते ही पुलिस ने उनको पकड़ लिया और अब उन्हें हिरासत में लेकर उनसे पूछताछ भी की जा रही है. वहीं मंगलवार को पुलिस और समर्थकों की झड़प में चार लोगों की मौत की पुष्टि हो गई है. जानकारी होने के बाद अब लाशों को बाहर लाने का काम तेजी से चल रहा है. वहीं रामपाल पर शिकंजा कसने के लिए अब पुलिस फिर से कार्रवाई शुरू करने की तैयारी कर रही है.

अभी भी चार से पांच हजार लोग हैं अंदर बंधक
हिसार, बरवाला में स्थित रामपाल के आश्रम में रात करीब बारह बजे तेज हलचल हुई. अचानक से आश्रम के अंदर से सैकड़ों लोग एक साथ ही वहां से बाहर निकल आए. यह सब देखकर पुलिस भी तेजी के साथ हरकत में आ गई. आश्रम से निकलने वाले लोगों को अपने घेरे में लेते हुए, उनको गाड़ियों में भरना शुरू कर दिया गया. ऐसे में बाहर निकलने वाले समर्थकों का यह कहना है कि अभी भी आश्रम के अंदर करीब चार से पांच हजार लोग बंधक बने हुए हैं. खबर है कि उनकी तबीयत भी खासी खराब है. वे भी आश्रम से बाहर निकलना चाहते हैं. बाहर आए लोगों को पुलिस ने रेलवे स्टेशन और बस स्टैंड पहुंचाने की उचित व्यवस्था की. वहीं आश्रम से बाहर आए लोगों की खबर मिलते ही आला अधिकारी भी आनन-फानन में मौके पर पहुंच गए.

दो मृतकों की हुई पहचान
ऐसे में मिलने वाली मीडिया रिपोर्ट में यह दावा किया जा रहा है कि आश्रम के अंदर चार लोगों की मौत की पुष्टि पूरी तरह से हो चुकी है. वहीं स्थानीय मीडिया से मिली जानकारी के आधार पर आश्रम में मृतकों की पहचान दिल्ली निवासी सरिता (50), पंजाब निवासी भजन कौर के रूप में हुई है. अभी और मृतकों की पहचान नहीं की जा सकी है. बुधवार सुबह होते ही पुलिस ने एक बार फिर से ऑपरेशन शुरू करने के लिए कमर कस ली है. अब तक की मिली खबर के अनुसार पुलिस ने आश्रम को चारों ओर से घेर लिया है. वहीं रामपाल के समर्थकों को आश्रम खाली करने का अल्टीमेटम दे दिया गया है.   

समर्थकों ने पुलिस बल पर फेंका तेजाब और पेट्रोल बम भी
जानकारी देते हुए हरियाणा के डीजीपी एसएन वशिष्ठ ने बताया है कि जब तक रामपाल को न्यायालय तक नहीं ले आते हैं तब तक ऑपरेशन यूंही जारी रहेगा. अब इसको लेकर उन्होंने दावा किया है कि रामपाल की ओर से महिलाओं और बच्चों का सहारा लेकर बनाई गई श्रृंखला को वहां से हटाने में पुलिस ने बेहद सतर्कता के साथ कार्रवाई की है. मंगलवार सुबह जब सुरक्षा बल और पुलिसकर्मियों ने आश्रम के मुख्य द्वार की ओर बढ़ना शुरू किया तो अंदर से कुछ समर्थकों ने खुद पर तेल छिड़ककर आत्मदाह करने का प्रयास किया. इतना ही नहीं आश्रम की छतों पर तैनात समर्थकों ने बाहर पुलिसकर्मियों पर पेट्रोल बम, पत्थर और यहां तक की तेजाब भी फेंका. आखिर में पुलिस को भी समर्थकों को रोकने के लिए उनपर आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े. इस झड़प में 50 से भी ज्यादा अनुयायी जख्मी हो गए.

सेना से रिटायर्ड लोग समर्थकों को दे रहे प्रशिक्षण
इसकी पुष्टि करते हुए डीजीपी ने दावा किया है कि आश्रम में पेट्रोल बम और भारी मात्रा में हथियार भी हैं. इतना ही नहीं सेना के रिटायर्ड लोग भी आश्रम के अंदर हैं. उन्होंने बताया कि इसी का नतीजा है कि समर्थक भी किसी बेहद प्रशिक्षित कमांडोस की तरह पुलिस बल पर हमले कर रहे हैं. उन्होंने यह भी दावा किया है कि रामपाल भी आश्रम के अंदर ही है. उधर, पत्रकारों से मारपीट करने के मामले में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने हरियाणा के डीजीपी को नोटिस भेजा है. प्रशासन की ओर से जानकारी मिली है कि आश्रम के अंदर से समर्थकों ने पुलिस को फोन कर कहा कि उन्हें जबरन बंधक बनाया गया है. उन्हें मदद की जरूरत है. तब उन्हें बाहर निकाला गया. फिलहाल सभी घायलों का हिसार के जिला अस्पताल और बरवाला के राजकीय चिकित्सालय में इलाज चल रहा है.

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