पुलिस ने गुरुवार को बहुचर्चित पवित्र मैत्रेय हत्याकांड का खुलासा किया। गिरफ्तार भूपेंद्र बाफर ने माना कि वो गैलेक्सी नेटवर्क की कमाई का 50 फीसदी हिस्सा चाहता था। ऐसा न होने पर उसने संजय को मरवा दिया। गोली चलाने का जिम्मा तीन अन्य बदमाशों पर था। इसमें से एक को किया गया है। पुलिस अपने हिसाब से सब कुछ ओके बता रही है, लेकिन सवाल अभी बाकी है और इनका जवाब फिलहाल पुलिस के पास नहीं है

चाहता था पार्टनरशिप
गैलेक्सी नेटवर्क के मैनेजर पवित्र मैत्रेय की हत्या भूपेंद्र बाफर और बदन सिंह बद्दो ने मिलकर कराई थी। हत्या का टास्क उदयवीर, कपिल कटारिया और जॉनी उर्फ विनीत जाट को दिया गया। इन तीनों ने ही पवित्र पर आरजी कॉलेज के सामने गोलियां बरसाईं। पुलिस ने इस हत्याकांड में चीकू बढ़ला की भी मुख्य भूमिका बताई है। पुलिस के अनुसार बाफर गैलेक्सी नेटवर्क की कमाई पचास फीसदी का हिस्सा चाहता था। बाफर और उदयवीर को पुलिस गिरफ्तार कर चुकी है। जबकि अन्य आरोपी फरार हैं।

किया पेश
पुलिस ने गुरुवार को एक लाख के इनामी भूपेंद्र बाफर और शूटर उदयवीर को मीडिया के सामने पेश किया। एसएसपी के। सत्यनारायण ने बताया कि हत्या की साजिश इस साल जनवरी में बनी थी। भूपेंद्र बाफर, बदन सिंह बद्दो और चीकू बढ़ला मुख्य भूमिका में थे। इन तीनों ने जनवरी में सोनीपत (हरियाणा) के हवेली होटल में मीटिंग की। यहां गैलेक्सी नेटवर्क के मालिक रोमी शिवा की हत्या की प्लानिंग पर बात हुई, लेकिन रोमी के साथ सिक्योरिटी बंदोबस्त की वजह से पवित्र को टारगेट किया गया। बद्दो और बाफर गैलेक्सी नेटवर्क की कमाई में पचास फीसदी का हिस्सा चाहते थे। इससे पहले भी बाफर और बद्दो ने रोमी शिवा से हिस्सा देने के लिए दबाव बनाया था।

टास्क दिया गया
साजिश को अमलीजामा पहनाने के लिए तीन महीने तक इंतजार किया गया। चुनाव के कारण शहर में फोर्स की मौजूदगी से हत्या को अंजाम नहीं दिया गया। लेकिन इस बीच प्लानिंग चलती रही। भूपेंद्र बाफर, उदयवीर और जॉनी रिश्तेदार हैं। बाफर प्लानिंग के लिए नेक, जानी स्थित उदय के घर आया। यहां मौजपुर, मड़ावल निवासी कपिल कटारिया और उदय को हत्या के लिए व्यवस्था करने को कहा।

कर दी हत्या
उदय और कपिल ने नेक, जानी के ही जॉनी उफ विनीत जाट को भी शामिल किया। तीनों ने पवित्र मैत्रेय की पूरी रैकी की। हत्या वाले दिन तीनों जॉनी की बाइक पर सवार हुए। बाइक उदय चला रहा था और उसने हेल्मेट लगा रखा था। कपिल कैप लगाकर बीच में बैठा हुआ था। जॉनी पीछे बैठा हुआ था। तीनों ने पवित्र पर गोलियां बरसाकर उसे मौत के घाट उतार दिया।

कहां से पकड़े
बाफर को एसटीएफ ने देहरादून से गिरफ्तार किया। उदयवीर को बुधवार को दौराला से आते वक्त टैंक चौपले से गिरफ्तार किया गया। बाफर के कब्जे से संजय गुर्जर हत्याकांड में लूटी गई संजय गुर्जर की रिवॉल्वर बरामद हुई है। यह बाफर की बहन के डिफेंस कॉलोनी स्थित घर से बरामद हुई है। इसके साथ ही एक एसएलआर, तीन खुद के नाम व अन्य पतों से बने ड्राइविंग लाइसेंस, एक शस्त्र लाइसेंस, 15 कारतूस एसएलआर, 12 कारतूस 32 बोर के बरामद किए गए। इसी मकान से यूपी पुलिस की इंस्पेक्टर की वर्दी भी बरामद की गई। उदयवीर से घटना में इस्तेमाल बाइक बरामद हुई है।

संजय गुर्जर हत्याकांड में भी था बाफर
पुलिस ने बाफर को संजय गुर्जर हत्याकांड की साजिश में भी शामिल बताया है। पुलिस का कहना है कि इस हत्याकांड में बदन सिंह बद्दो के साथ ही बाफर भी शामिल था। बाफर के पास से बरामद संजय गुर्जर की लाइसेंसी रिवॉल्वर इसका प्रमाण है। बता दें कि जिला पंचायत सदस्य संजय गुर्जर की हत्या में इससे पहले कभी भी बाफर का नाम सामने नहीं आया था।

बाफर ने किया इनकार
प्रेस कांफ्रेंस में बाफर ने कई बार पुलिस को सकते में डाला। मीडिया के सवालों के जवाब में बाफर ने कई ऐसी बातें कही जो पुलिस को पसंद नहीं आईं। पुलिस कह रही थी कि बाफर ने उदय से पवित्र को मरवाया लेकिन बाफर ने इससे इनकार किया। उसने कहा कि उदय से उसके संबंध बहुत पहले खराब हो चुके हैं। बाफर ने कहा कि उदय ने ही मेरे नंबर सर्विलांस पर लगवाए और मुझे गिरफ्तार करवाया। हालांकि बाफर ने एक बार भी हत्याकांड में शामिल न होने की बात नहीं की। उसने यह भी कबूल किया मीडिया को फोन उसी ने किया था। उसने कहा कि चीकू को वो नहीं जानता है। उसके बड़े भाई पपित को जरूर जानता है। उसने जॉनी को भी इस मामले में गलत फंसाने की बात कही। बाफर ने संजय गुर्जर मर्डर केस भी कबूल किया।