-हेल्थ डिपार्टमेंट की मिटिंग में ऑफिसर्स ने दी परमिशन

-टीटी और जेएसवाई के बीच आ रहे अंतर पर हुई माथापच्ची

ALLAHABAD: आखिरकार लंबी कवायद के बीच चिल्ड्रेन हॉस्पिटल को स्टाफ मिल ही गया। हेल्थ डिपार्टमेंट की मंगलवार को हुई मीटिंग के दौरान यह फैसला लिया गया। प्रोवाइड कराया गया स्टाफ बुधवार से हॉस्पिटल ज्वाइन कर लेगा। वहीं प्रेगनेंट लेडीज के रिकार्ड में आने वाले डिफरेंस को लेकर भी जमकर माथापच्ची हुई। ऑफिसर्स ने टीटी और जेएसवाई के रिकार्ड में तालमेल नहीं दिखने पर चिंता व्यक्त की।

एमएलएन मेडिकल कॉलेज और हेल्थ डिपार्टमेंट के बीच चल रही लंबी खींचातानी के चलते चिल्ड्रेन हॉस्पिटल को स्टाफ मुहैया नहीं हो पा रहा था। तीन बच्चों की मौत के बाद प्रशासन ने सख्ती दिखाते हुए आपस में तालमेल बनाने की बात कही थी। खुद डीएम ने संडे को हॉस्पिटल का दौरा कर ऑफिसर्स की क्लास ली थी। इसको देखते हुए मंगलवार को एडी हेल्थ आभा श्रीवास्तव ने एनआरएचएम की तीन स्टाफ नर्स को चिल्ड्रेन हॉस्पिटल को पे्रावाइड करा दिया। उधर सोमवार को हॉस्पिटल में दस बेड बढ़ा दिए गए थे। इस कदम से मासूमों का खासी राहत मिलने की उम्मीद व्यक्त की जा रही है।

इस अंतर को खत्म करिए

मीटिंग में ऑफिसर्स ने प्रेगनेंट लेडीज को लगने वाले टीटी टीके और जननी सुरक्षा योजना में दिए जाने वाले पैसे के बीच आने वाले डिफरेंस पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि या तो महिलाएं इम्युनाइजेशन नहीं करा रही हैं, जिससे जच्चा-बच्चा के स्वास्थ्य पर प्रभाव पड़ सकता है। या वह प्राइवेट हॉस्पिटल में पैसे देकर टीका लगवा रही हैं। क्योंकि टीटी लगवाने वालों से ज्यादा जननी सुरक्षा योजना का लाभ लेने वालों की संख्या है। सीएमओ डॉ। पदमाकर सिंह के मुताबिक यह रिकार्ड रीजन के दूसरे जिलों के मुकाबले इलाहाबाद में ठीक पाया गया है।