- स्वास्थ्य विभाग में किसी सर्टिफिकेट बनवाना है तो लगाने पड़ते हैं चक्कर

- स्वास्थ्य विभाग में हरेक गेट पर मिल जाएंगे आपको दलाल

Meerut : सब पैसों की माया है, यह बात सौ आने सच है। चाहे विकलांगता का सर्टिफिकेट हो या फिर किसी की फिटनेस का सर्टिफिकेट। यहां सबकुछ पैसों से ही चलता है। अगर आप हकीकत से रुबरु होना चाहते हैं तो पहुंच जाए स्वास्थ्य विभाग में। यहां हर काम कराने के लिए गेट पर दलाल रहते हैं। दलाल से बचना चाहते हैं तो किसी राजनेता की जानपहचान भी बैठे बिठाए सर्टिफिकेट दिलवा सकती है। लेकिन अगर आप रिश्वतखोरी को बिल्कुल भी पसंद नहीं करते तो संबंधित विभाग की पूरी नॉलेज रखना बहुत ही जरुरी है। तो आइए जानते हैं, स्वास्थ्य विभाग में आम लोगों होने वाली परेशानियों और उनके समाधान के बारे में।

विकलांगता सर्टिफिकेट के लिए पैसे

वैसे तो विकलांगता सर्टिफिकेट के लिए एक भी रुपया खर्च नहीं होता, लेकिन इसके लिए काफी चक्कर काटना पड़ता है। चक्कर काटने से बचने के लिए लोग दलालों का सहारा लेते हैं। दलाल इसके लिए पांच सौ रुपये लेते हैं। अगर काम और भी जल्दी करना हो तो आप एक हजार का नोट लगता है। लेकिन यह तरीका बिल्कुल गलत है। सही रास्ता है आपकी नॉलेज, क्योंकि आपकी नॉलेज ही आपको सही रास्ता दिखाती है।

क्या चाहिए विकलांगता सर्टिफिकेट के लिए

- दो फोटो

- शरीर के जिस अंग में विकलांगता है, उस हिस्से की फोटो।

- एक एड्रेस पू्रफ जैसे वोटर आईडी कार्ड, राशन कार्ड, आधार कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस या कोई बिल जिसपर घर का पता लिखा हो।

- विकलांगता सर्टिफिकेट केवल उसी स्थिति में प्राप्त होता है, जब आपकी विकलांगता ब्0 फीसदी हो या उससे ज्यादा हो।

आई सॉल्यूशन

कहां जाना है आपको

विकलांगता के सर्टिफिकेट बनवाने के लिए आपको मेरठ के प्यारे लाल जिला अस्पताल में ही जाना पड़ेगा। हर बुधवार को जिला अस्पताल के रेडक्रॉस भवन में सुबह दस से शाम चार बजे के बीच विकलांगता सर्टिफिकेट फॉर्म मिलता है। इसी भवन में तीन डॉक्टर का पैनल होता है, जिसमें आर्थोपैडिक, ईएनटी और आई स्पेशलिस्ट होते हैं। यह तीनों डॉक्टर आपकी हड्डियों, कान, गला और आंखों का टेस्ट करते हैं। इस पैनल की अध्यक्षता स्वास्थ्य विभाग के डॉक्टर एसके जौहरी करते हैं। टेस्ट के बाद इन सभी के हस्ताक्षर आपके फॉर्म पर किए जाते हैं। अगर विकलांगता प्रूफ होती है तो उसी शाम को सर्टिफिकेट मिल जाता है।

अगर ज्यादा दिक्कत है तो जाना होगा मेडिकल

अगर किसी को बिल्कुल भी सुनाई न देता हो तो उस केस में डॉक्टर का पैनल आपको मेडिकल रेफर कर देता है, क्योंकि जिला अस्पताल में इसके लिए स्पेशल चेकअप इंस्ट्रूमेंट अभी मौजूद नहीं है। इसके अलावा अगर कोई और जांच की जरुरत होती है तो पहले आपको संबंधित विभाग में भेजा जाता है। इसकी रिपोर्ट आने के बाद ही आपको सर्टिफिकेट दिया जाता है। इस प्रोसेस में सात दिन का समय लगता है, वरना तो एक ही दिन में आपका सर्टिफिकेट हाथ में होता है। सर्टिफिकेट के लिए स्वास्थ्य विभाग एक भी रुपया नहीं लेता है।

फिटनेस सर्टिफिकेट बनवाना हो तो

जॉब हो या फिर कोई पेंशन या फिर पुलिस की भर्ती, आपकी फिटनेस का सवाल सबसे पहले उठता है। इसके लिए आवश्यकता पड़ती है फिटनेस सर्टिफिकेट की। इसके लिए दलाल तो आपसे चार सौ रुपए यूं ही ऐंठ लेते हैं, लेकिन आपको पूरी जानकारी हो तो आप खुद भी इस सर्टिफिकेट को आराम से बनवा लेंगे।

क्या चाहिए

- दो फोटो

- आपकी जांच की रिपोर्ट

- एड्रेस पू्रफ और एक अप्लीकेशन फॉर्म।

आई सॉल्यूशन

कहां से बनेगा

फिटनेस सर्टिफिकेट के लिए आपको पहले स्वास्थ्य विभाग में छह नंबर कमरे में बाबू के पास जाकर एक फॉर्म लेना होगा। इसके बाद आपको सबसे पहले जिला अस्पताल में किसी फिजिशियन के पास चेकअप के लिए भेजा जाता है। डॉक्टर देखेगा कि आपको कोई बीमारी तो नहीं है। इसके साथ ही आपका एक्स रे किया, ब्लड टेस्ट, टीएलसी, यूरिन टेस्ट और अन्य कुछ टेस्ट किए जाएंगे। इन सबकी रिपोर्ट तैयार करके आपको दी जाएगी। जिसमें दो दिन का समय लगता है। इस रिपोर्ट को लेकर आप सीधे सीएमओ ऑफिस छह नंबर कमरे में जाएंगे। रिपोर्ट देने पर आपको सर्टिफिकेट दे दिया जाता है।

एज सर्टिफिकेट भी जरुरी

पेंशन की बात हो या फिर शादी का मामला सबसे पहले एज की नॉलेज होना आवश्यक है। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग में एक एज सर्टिफिकेट तैयार करवाया जाता है। जिसमें आपकी एज के बारे में नॉलेज होती है। अगर आप दो नंबर के काम से एज सर्टिफिकेट बनवाने जाएंगे तो चक्कर तो काटने ही होंगे साथ में पांच सौ छह सौ का चूना भी लगेगा। जबकि अगर आप पूरी जानकारी के साथ जाते हैं तो आपको देर नहीं लगती है।

क्या चाहिए

- दो फोटो

- एड्रेस प्रूफ

आई सॉल्यूशन

पेंशन के लिए सबसे पहले एज सर्टिफिकेट मांगा जाता है। इसके लिए पहले आपको स्वास्थ्य विभाग के कमरा नंबर छह में जाकर फॉर्म लेना होगा। इसके बाद आपको टेस्ट के लिए जिला अस्पताल भेजा जाएगा। अस्पताल के रेडक्रॉस भवन में आपकी फिटनेस की जांच के लिए डॉक्टर पैनल होगा। जहां एक्सरे, आपके सीधे हाथ के कुहनी का एक्सरे, पैरों के ज्वाइंट का एक्सरे, गले का एक्सरे किया जाता है। अगर किसी वृद्धा को एज का सर्टिफिकेट दिया जाता है तो उसमे शरीर की बनावट पर भी ध्यान दिया जाता है, जिसके बाद यह डॉक्टर पैनल सर्टिफिकेट के लिए हस्ताक्षर कर देगा। इसके बाद आप इसे स्वास्थ्य विभाग छह नंबर कमरे में ले जाएं, वहीं से आपको यह साइन किया फॉर्म दिखाते ही दस मिनट में सर्टिफिकेट दे दिया जाएगा।

किसी भी जानकारी के लिए

कार्यवाहक सीएमओ

डॉ। एसके जैन से भी संपर्क किया जा सकता है।

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विभाग में हर तरह के सर्टिफिकेट नि:शुल्क ही बनाए जाते हैं। अगर किसी की पैसा वसूली की शिकायत सामने आती है तो उसपर सख्त कार्रवाई की जा सकती है।

डॉ। एसके जैन, कार्यवाहक सीएमओ

किसी भी सर्टिफिकेट को बनवाने में अगर किसी भी तरह की परेशानी होती है तो उसके लिए स्वास्थ्य विभाग से संपर्क किया जा सकता है। विभाग का पूरा प्रयास किया जाता है समस्याओं का समाधान किया जाए।

डॉ। धीरेंद्र सिंह, डिप्टी सीएमओ